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देर रात तक नहीं आती हैं नींद, तो सोने से पहले करें ये 3 योगासन

विशेषज्ञों की मानें स्वस्थ रहने के लिए रोजाना कम से कम 6 घंटे जरूर सोना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति इससे कम सोता है तो उसकी मानसिक और शारीरिक सेहत बिगड़ने लगती है। इससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।

By Umanath SinghEdited By: Updated: Sat, 24 Oct 2020 06:02 PM (IST)
स्वस्थ रहने के लिए रोजाना कम से कम 6 घंटे जरूर सोना चाहिए।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आधुनिक समय में सेहतमंद रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए संतुलित और नियमित आहार, वर्कआउट के साथ-साथ कंप्लीट नींद जरूरी है। अगर इनमें जरा भी लापरवाही बरती जाती है, तो सेहत पर बुरा असर पड़ता है। विशेषज्ञों की मानें स्वस्थ रहने के लिए रोजाना कम से कम 6 घंटे जरूर सोना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति इससे कम सोता है तो उसकी मानसिक और शारीरिक सेहत बिगड़ने लगती है। इससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें अनिद्रा, चिड़चिड़ापन और खून की कमी प्रमुख हैं। देर रात तक जागने का प्रमुख कारण तनाव और मोबाइल स्क्रॉलिंग हैं। इसके लिए सोने से दो घंटे पूर्व अपने मोबाइल को फ्लाइट मोड में डालकर रख दें। इस समस्या को दूर करने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकते हैं। कई ऐसे योगासन हैं, जिसे करने से रात में जल्दी और अच्छी नींद आती है। अगर आपको पता नहीं है तो आइए जानते हैं-

सर्वांगासन करें

इस योग को लेग-अप द वॉल पोज भी कहा जाता है। रात में सोने से पहले सर्वांगासन करने से नींद जल्दी आती है। इसके लिए दीवार के सहारे अपने पैरों को ऊपर करना होता है। इस मुद्रा को कुछ देर तक दोहराएं। ऐसा कहा जाता है कि सर्वांगासन के समय अपना ध्यान सांस पर केंद्रित करना चाहिए। इस योग से झुर्रियां भी गायब होती है।

सुखासन करें

यह ध्यान आसन है, जिसमें ध्यान की मुद्रा में बैठकर अपने मन और मस्तिष्क को किसी बिंदु पर केंद्रित करना होता है। इस योग को करने से मानसिक तनाव दूर होता है, जिससे नींद अच्छी आती है। इसके लिए आप रात में सोने से पहले बेड पर ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं और फिर लंबी सांसे लें और फिर सांस को रोकें। अपनी क्षमता अनुसार इस योग को करें।

शवासन करें

इस योग का शाब्दिक अर्थ शव के समान लेट जाना है। इस योग में पीठ के बल लेटना होता है। इसके बाद अपनी आंखें मूंद कर अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इस योग को करने से थकान दूर होती है। जबकि अनिद्रा,  मनोविकार रोग, दिल की बीमारी रक्तचाप, मधुमेह आदि बीमारियों में भी यह कारगर है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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