Bhagalpuri Silk Saree: हर ओकेजन के लिए परफेक्ट है भागलपुरी सिल्क साड़ी, जरूर करें अपनी वॉर्डरोब में शामिल
भागलपुरी सिल्क साड़ियां हर इवेंट के लिए परफेक्ट मानी जाती हैं। बाकी सिल्क की साड़ियों से अलग पहचान रखने वाली इस सिल्क की साड़ी की दुनियाभर में डिमांड में हैं लेकिन ऐसा क्या है जो इस साड़ी को इतना खास बनाती है। ऐसी कई बाते हैं जो इस साड़ी को काफी स्पेशल बनाते हैं। जानें क्या है भागलपुरी सिल्क साड़ियों की खासियत।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sat, 10 Feb 2024 12:22 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Bhagalpuri Silk Saree: साड़ी कई सालों से फैशन की दुनिया में राज करती आई है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ही यही है कि यह कभी आउट ऑफ फैशन नहीं जाती। भारत अपनी खूबसूरत हस्तकला की साड़ियों के लिए दुनियाभर में विख्यात है। इन मशहूर साड़ियों में भागलपुरी सिल्क की अपनी खास जगह है। आइए जानते हैं, क्या है इस साड़ी की खासियत, जो इसे दुनियाभर में मशहूर बनाती है।
क्यों कहलाता है भागलपुरी सिल्क साड़ी?
बिहार के भागलपुर, जिसे सिल्क सिटी के नाम से भी जाना जाता है, से इस साड़ी को बनाने की शुरुआत हुई थी। इस साड़ी को बनाए जाने वाले सिल्क को भागलपुरी सिल्क या टसर सिल्क कहा जाता है, जिस कारण से इससे बनने वाली साड़ी को भागलपुरी सिल्क साड़ी या टसर सिल्क साड़ी कहा जाता है। टसर सिल्क वॉर्म के ककूंस से बनाया जाने वाला यह सिल्क, बाकी सिल्क से काफी अलग होता है।
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कैसे अलग है अन्य साड़ियों से?
भागलपूरी सिल्क साड़ी का फैब्रिक बाकी सिल्क साड़ियों से काफी अलग होता है, जिस कारण से आप इसे छूते ही पहचान जाएंगे। इस साड़ी का कपड़ा छूने में ज्यादा कोर्स महसूस होता है, जिस कारण से बाकी सिल्क से यह अलग है। इसका कपड़ा काफी पोरस भी होता है, जिस कारण से इसे पहनने के बाद सांस लेने में तकलीफ नहीं होती और यह बेहद ही लाइट वेट महसूस होता है। इसकी एक खासियत यह भी है कि यह सिल्क हल्के गोल्डन रंग का होता है, जिस कारण से इन साड़ियों में हल्के गोल्डन रंग की झलक देखने को मिलती है।
हस्तकला का अनोखा उदाहरण
भागलपुरी सिल्क साड़ियों को आज भी कारीगर अपने हाथों से बनाते हैं। इस साड़ी को बनाने के लिए सिल्क के धागों को बड़ी बारीकी से बुनकर साड़ी पर तरह-तरह के मोटिफ बनाए जाते हैं, जो इन साड़ियों की खूबसूरती पर चार चांद लगाते हैं। कारीगरों की कला का अनूठा उदाहरण है, इन साड़ियों पर बना एक-एक डिजाइन। इस साड़ी को बनाने की कला कारीगरों को उनके पुरखों से मिली है, जो इस साड़ी बनाने की कला को और खास बनाती है और इस जगह की संस्कृति को दर्शाती है।