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Yoga for Back Pain: कमर और पीठ दर्द ने कर रखा है हाल-बेहाल, तो भूनमनासन के अभ्यास से पाएं इससे राहत

Yoga for Back Pain अगर आपके भी कमर और पीठ में अकसर रहता है दर्द तो इसे लंबे समय तक न करें इग्नोर वरना इससे आपका डेली रूटीन प्रभावित हो सकता है। हल्के-फुल्के दर्द से निपटने में भूनमनासन का अभ्यास है बेहद फायदेमंद। इस आसन को करने से शरीर को और भी कई फायदे मिलते हैं। जान लें यहां इसके बारे में।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Wed, 14 Feb 2024 12:00 PM (IST)
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Yoga for Back Pain: भूनमनासन करने का तरीका व फायदे
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Yoga for Back Pain: वर्किंग प्रोफेशनल में कमर दर्द की समस्या बहुत ही आम हो चुकी है। लगातार बैठकर काम करना, गलत पोश्चर में बैठना, फिजिकल एक्टिविटीज की कमी जैसी कई वजहें इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। समय रहते इस समस्या को ठीक करने पर ध्यान न दिया जाए, तो ये गंभीर हो सकती है और बैठने से लेकर चलना, लेटना तक दूभर हो सकता है। अगर आपके भी कमर, गर्दन, पीठ में हल्का-फुल्का दर्द रहता है, तो उसे दूर करने के लिए रोजाना बस कुछ मिनट भूनमनासन का अभ्यास करें। देखिए कैसे आपका दर्द काफूर होने लगेगा।

भूनमनासन करने का तरीका

- योगा मैट पर पैरों को सामने की ओर करके बैठ जाएं अब पैरों के बीच कंधे जितना गैप बना लें। 

- हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं। लंबी गहरी सांस भरें और सांस छोड़ते हुए पहले बाईं ओर झुकना है। सिर को योगा मैट के जितना करीब ले जा सकते हैं ले जाएं। इस स्थिति में पेट ट्विस्ट होता है और कंधों, गर्दन पर भी खिंचाव आएगा। कुछ सेकेंड इस स्थिति में रुकें फिर वापस ऊपर आ जाएं।

- यही प्रक्रिया अब दाईं ओर से करें।

भूनमनासन के फायदे

- इस आसन को करने से बैक पेन के समस्या दूर होती है।

- हिप मसल्स स्ट्रॉन्ग होते हैं।

- कंधे, हाथ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

- स्पाइन की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।

- पेट के अंदरूनी अंगों की मसाज होती है, जिससे पाचन सुधरता है।

- इस आसन को करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ाता है।

- यह आसन लीवर के फंक्शन को भी दुरुस्त रखता है।

भूनमनासन के दौरान बरतें ये सावधानियां

1. अगर आपका कमर दर्द इस स्टेज पर पहुंच चुका है जिसकी वजह से आप उठ-बैठ नहीं पा रहे हैं, तो उस दौरान इस आसन को करने से समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।

2. हाथ या पैर में किसी तरह की इंजुरी है, तो इस आसन का अभ्यास न करें। 

3. ब्‍लड प्रेशर, हर्निया, पेट के अल्‍सर, स्पॉडिलाइटिस और माइग्रेन जैसी बीमारियों में इस आसन को करना अवॉयड करें।

4. गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान भी इस योगासन को नहीं करना चाहिए।

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Pic credit- freepik