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Binge Eating Disorder: बार-बार खाने की आदत हो सकती है बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का संकेत, जानें क्या हो सकते हैं इसके कारण

क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि भूख न लगने पर भी आपका खाने का मन करने लगता है। कई बार आप यह समझ नहीं पाते कि ऐसा क्यों हो रहा है लेकिन हो सकता है कि आप बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के शिकार हो गए हो जो आपकी सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है। जानें क्या होती है बिंज ईटिंग डिसऑर्डर और कैसे कर सकते हैं इससे बचाव।

By Jagran News Edited By: Swati SharmaUpdated: Sun, 31 Dec 2023 07:00 AM (IST)
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क्यों होती है बार-बार कुछ खाने की क्रेविंग?

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Binge Eating Disorder: बिंज ईटिंग का मतलब है कम समय में जल्दी-जल्दी अधिक मात्रा में भोजन खाना। इसमें व्यक्ति खाने की मात्रा पर नियंत्रण नहीं रख पाता है। इस दौरान, खाने में अक्सर लोग मीठा या कुछ जंक ही खाते हैं जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए बिंज ईटिंग एक तरह से बहुत हेल्दी विकल्प नहीं माना जा सकता है, बल्कि एक प्रकार का ईटिंग डिसऑर्डर है। अगर आप तीन महीने तक हफ्ते में कम से कम एक दिन बिंज ईटिंग करते हैं तो संभव है कि आपको बिंज ईटिंग डिसऑर्डर हो। इस तरह से खाने के बाद व्यक्ति गिल्ट में आ जाता है और फिर अपसेट हो सकता है।

यह एक तरह की व्यवहारिक या मानसिक स्थिति है जिसमें कई बार लोगों को पता भी नहीं चलता है कि उन्हें कोई डिसऑर्डर है। इस दौरान, नर्वस सिस्टम डिसरेगुलेट हो जाता है, जिससे व्यक्ति सक्रिय होता है, उसके दिमाग के एक हिस्से को अटेंशन की जरूरत महसूस होती है, अपने इमोशन को वो अपने शरीर से बाहर निकालना चाहता है, और इन सबके परिणामस्वरूप उसे खाने की क्रेविंग होती है। इस कारण से वे जल्दी-जल्दी अधिक मात्रा में खाना खाने लगते हैं। इस खाने से पेट भरना उद्देश्य नहीं होता है, यह एक सुरक्षा, एक रेगुलेशन, सेल्फ लव और सपोर्ट का एहसास दिलाता है जिसके कारण और भी खाने की तीव्र इच्छा होती है।

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 इस प्रकार हैं इसके लक्षण...

  • पेट भरने के बाद भी खाते रहना
  • पेट के साथ मन संतुष्ट होने के बाद भी खाते रहना
  • जबतक तकलीफ न होने लगे तब तक खाना
  • जल्दी-जल्दी खाना
  • भूख न लगने पर भी खाना
  • खाना खाने के तुरंत बाद फिर से खाना
  • किसी इमोशनल स्ट्रेस में आ कर खाना
  • अपने खाने के इर्द-गिर्द अपने रूटीन को प्लान करना
  • खाने को छुपा कर रखना जिसे आप जब मर्जी तब अपने हिसाब से खा सकें
  • दूसरों से छिप कर खाना क्योंकि आपको ये टेंशन होती है कि आपको इतना ज्यादा खाते हुए देख कर लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे।
  • खाने की विशेष क्रेविंग होना
  • हर समय खाने के बारे में सोचते रहना
  • घबरा कर डाइटिंग करना
  • खाने के बाद शर्म और गिल्ट से भर जाना

कुछ लोगों को ऐसे लक्षण प्रतिदिन नहीं महसूस होते हैं बल्कि कभी-कभी होते हैं। रिलेशनशिप में स्ट्रेस या अन्य किसी इमोशनल स्ट्रेस के कारण ये क्रेविंग बढ़ सकती है। इससे सबसे पहली होने वाली समस्या है मोटापा। मोटापे के कारण अन्य बीमारियां जन्म लेती हैं जैसे डायबिटीज,हाइपरटेंशन,फैटी लिवर,आर्थराइटिस आदि। इससे डिप्रेशन भी संभव है।

इस तरह मिल सकता है निजात...

साइकोथेरेपी(टॉक थेरेपी) से इसका इलाज संभव है। एंटीडिप्रेसेंट या एंजायटी की दवाइयां भी इसमें दी जाती हैं। सही डाइट प्लान का पालन भी इसके लक्षणों को कम करने में मदद करता है। हालांकि, इस दौरान यह ध्यान देने वाली बात है कि कुछ लोगों में डाइटिंग करने से बिंज ईटिंग के लक्षण ट्रिगर हो सकते हैं। इसलिए इसका ध्यान रखकर इसकी थेरेपी और ट्रीटमेंट लेते हुए एक्सपर्ट की निगरानी में ही डाइटिंग करनी चाहिए।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik