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दिल और दिमाग की बीमारियों के लिए रामबाण दवा है राई, ऐसे करें सेवन

सर्दी के दिनों में इसकी खेती की जाती है। इसकी पत्तियों की साग बनाई जाती है। जबकि राई से तेल तैयार किया जाता है। इसके लिए राई एक तिलहन है। इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कई बीमारियों में फायदेमंद होते हैं।

By Umanath SinghEdited By: Updated: Fri, 05 Feb 2021 09:16 PM (IST)
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डॉक्टर्स डायबिटीज के मरीजों को राई खाने की सलाह देते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। राई एक प्रकार मसाला है जो सरसों की तरह होती है। देश के विभिन्न हिस्सों में काली राई मिलती है। वहीं, विश्व के अन्य देशों में सफ़ेद राई मिलती है। सर्दी के दिनों में इसकी खेती की जाती है। इसकी पत्तियों की साग बनाई जाती है। जबकि, राई से तेल तैयार किया जाता है। इसके लिए राई एक तिलहन है। इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कई बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में राई का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है और किचन में तड़का लगाने के लिए किया जाता है। अगर आपको राई के फायदे के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं-

दिल के लिए फायदेमंद

सर्दी के दिनों में सरसों अथवा राई का साग बाजार में मिलते हैं। इसकी पत्तियों से साग और सब्जी बनाई जाती है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होता है, जिससे दिल स्वस्थ रहता है।

कब्ज में आराम

अगर आप पेट संबंधी बीमारियों से परेशान हैं, तो राई का सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से कब्ज, अपच, बदहजमी और पेट में दर्द जैसी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। इसके लिए राई को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

बेचैनी के लिए भी लाभकारी

विशेषज्ञों की मानें तो बेचैनी, घबराहट और तनाव जैसी स्थिति में राई दवा की तरह काम करती है। इसके लिए राई को पीसकर पैर के तलवों में लगाना चाहिए। इससे बैचैनी और घबराहट से निजात मिल सकता है।

सिरदर्द में फायदेमंद

अगर सिरदर्द से परेशान हैं, तो राई का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए राई को अच्छी से पीसकर पेट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को अपनी माथे पर लगाएं। इससे सिरदर्द में बहुत जल्द आराम मिलता है।  

डायबिटीज में लाभकारी

डॉक्टर्स डायबिटीज के मरीजों को राई खाने की सलाह देते हैं। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। इसके लिए राई तेल का सेवन कर सकते हैं। साथ ही राई की चटनी भी खा सकते हैं।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।