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दबे पांव आते हैं Blood Cancer के ये शुरुआती लक्षण, समय रहते करा लिए 5 टेस्ट तो बच सकती है जान

दुनियाभर में इस समय कई लोग Cancer जैसी गंभीर बीमारी की वजह से प्रभावित है। सही समय पर पहचान न होने और इलाज न मिलने की वजह से कई लोग इसके कारण अपनी जान गंवा देते हैं। Blood Cancer इस बीमारी का एक खतरनाक प्रकार है जिसके लिए जागरूकता फैलाने के लिए हर साल सितंबर में Blood Cancer Awareness Month मनाते हैं। जानते हैं इसके लक्षण और निदान के तरीके।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Mon, 09 Sep 2024 01:33 PM (IST)
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इन लक्षणों से करें Blood Cancer की शुरुआत (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसके अलग-अलग प्रकार दुनियाभर में कई लोगों के लिए परेशानी की वजह बने हुए हैं। शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करने वाले कैंसर को उन्हीं नामों से जाना जाता है। Blood Cancer इस बीमारी का एक गंभीर प्रकार (Blood Cancer Causes) है,जिसे हेमेटोलॉजिक कैंसर के रूप में भी जाना जाता है।

यह काफी खतरनाक होती है और इसलिए इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने मकसद से हर साल सितंबर महीने में Blood Cancer Awareness Month मनाया जाता है। इस मौके पर नोएडा के न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स लैबके प्रमुख डॉ.विज्ञान मिश्र बता रहे हैं ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण (Blood Cancer Symptoms) और इसके निदान के लिए सामान्य परीक्षण-

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कितने तरह के होते हैं ब्लड कैंसर

ब्लड कैंसर में खून, बोन मैरो और लसीका प्रणालियों को प्रभावित करने वाले विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा शामिल हैं। इन सभी कैंसर के शुरुआती लक्षणों अक्सर समान होते हैं, जो अस्पष्ट दिखाई दे सकते हैं या अन्य सामान्य बीमारियों के समान हो सकते हैं, जिससे इनका जल्दी पता लगाना मुश्किल हो जाता है। अगर आपको भी निम्न लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इसे अनदेखा न करें।

  • बिना किसी कारण थकान: लगातार और बिना किसी कारण थकान होना, ब्लड कैंसर के शुरुआती और सबसे आम लक्षणों में से एक है। यह थकान अक्सर गंभीर होती है और आराम करने पर भी ठीक नहीं होती।

  • बार-बार इन्फेक्शन होना: ब्लड कैंसर इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिससे बार-बार इन्फेक्शन होता है। इसकी वजह से व्यक्ति को बार-बार सर्दी, फ्लू या अन्य इन्फेक्शन होने की आशंका रहती है, जिससे ठीक होने में सामान्य से ज्यादा समय लगता है।
  • चोट या ब्लीडिंग: आसानी से चोट लगना, बार-बार नाक या मसूड़ों से खून आना भी ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। ऐसा प्लेटलेट्स, ब्लड क्लॉट्स जमने के लिए जिम्मेदार सेल्स की कमी के कारण होता है।
  • लिम्फ नोड्स में सूजन: बढ़े हुए लिम्फ नोड्स, विशेष रूप से गर्दन, बगल या कमर में, लिम्फोमा का संकेत हो सकते हैं, जो ब्लड कैंसर के प्रकारों में से एक है।
  • हड्डी में दर्द: कुछ ब्लड कैंसर, विशेष रूप से मायलोमा, हड्डियों में दर्द का कारण बनता हैं। यह दर्द विशेष रूप से पीठ या पसलियों में होता है, क्योंकि कैंसर सेल्स बोन मेरो के अंदर बढ़ते हैं।
  • पीलापन या एनीमिया: ब्लड कैंसर अक्सर रेड ब्लड सेल्स में महत्वपूर्ण कमी का कारण बनता है, जिससे एनीमिया होता है। यह पीली त्वचा, सांस लेने में तकलीफ या चक्कर आने की वजह बन सकता है।
  • बुखार और रात को पसीना: अचानक बुखार और रात को पसीना आना भी ब्लड कैंसर के आम शुरुआती लक्षण हैं। ये लक्षण अक्सर आते-जाते रहते हैं और हो सकता है कि ये किसी खास संक्रमण से जुड़े न हों।

ब्लड कैंसर की पहचान के लिए टेस्ट

अगर आपको अपने अंदर ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण नजर आए और मन में कुछ संदेह हो, तो बिना देरी किए इसके निदान के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट (Blood Cancer Diagonosis Test) कराने की सलाह देंगे, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्न हैं-

  • कम्प्लीट ब्लड काउंट (CBC): ब्लड कैंसर का संदेह होने पर अक्सर यह पहला टेस्ट होता है। सीबीसी खून में रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स के स्तर को मापता है। असामान्य गिनती ब्लड कैंसर का संकेत दे सकती है।
  • बोन मेरो बायोप्सी: बोन मेरो बायोप्सी में कैंसर सेल्स की उपस्थिति की जांच करने के लिए, आमतौर पर कूल्हे की हड्डी से बोने मेरो का एक छोटा सा सैंपल निकालना जाता है। यह परीक्षण ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा के निदान के लिए जरूरी है।
  • फ्लो साइटोमेट्री: यह परीक्षण खून या बोन मैरो के सैंपल में सेल्स के फिजिकल और केमिकल गुणों का विश्लेषण करता है। यह कैंसर सेल्स की सतह पर खास मार्क की पहचान करने, निदान और क्लासिफिकेशन में मदद करता है।
  • इमेजिंग टेस्ट: शरीर के विभिन्न हिस्सों में लिम्फ नोड्स में सूजन, ट्यूमर या ब्ल कैंसर के अन्य लक्षणों की जांच के लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन या पीईटी स्कैन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • साइटोजेनेटिक टेस्ट: यह टेस्ट जेनेटिक असामान्यताओं की पहचान करने के लिए ब्लड या बोन मेरो सेल्स के क्रोमोसोम्स की जांच करता है, जो ब्लड कैंसर की उपस्थिति का संकेत दे सकते हैं।

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