मस्तिष्क जैसी गणना अणु तथा परमाणु जैसे सूक्ष्मतम स्तर पर भी संभव, शोध में हुआ खुलासा
इलेक्ट्रान गुजरने के पिछले व्यवहारों को याद रखने में है सक्षम। यूनिवर्सिटी आफ लिमेरिक के रिसर्च वाइस प्रेसीडेंट प्रोफेसर नोरेली कैनेडी ने बताया कि उनके शोधकर्ता लगातार ऐसे नए तरीके विकसित करने में लगे हुए हैं जिससे कि ज्यादा प्रभावी और टिकाऊ मटैरियल्स बनाई जा सके।
By Jagran NewsEdited By: Sanjay PokhriyalUpdated: Wed, 23 Nov 2022 05:22 PM (IST)
वाशिंगटन, एएनआइ : मस्तिष्क के कई रहस्य अभी भी अनसुलझे हैं। इसलिए इसके कामकाज के तौर-तरीकों की गुत्थी सुलझाने के लिए शोध का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में आयरलैंड की यूनिवर्सिटी आफ लिमेरिक के विज्ञानियों ने एक बड़ी खोज करने का दावा करते हुए रहस्योद्घाटन किया है कि गैर-पारंपरिक तौर पर मस्तिष्क जैसी गणना अणु तथा परमाणु जैसे सूक्ष्मतम स्तर पर भी संभव है।
यूनिवर्सिटी आफ लिमेरिक (यूएल) के बर्नाल इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने एक अंतरराष्ट्रीय विज्ञानियों की टीम के साथ मिलकर एक नए प्रकार के आर्गेनिक मटैरियल का विकास किया है, जो अपने पहले के व्यवहार से सीखता है। अंतरराष्ट्रीय जर्नल नेचर मटैरियल्स में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, यह 'डायनामिक मालीक्यूलर स्विच' सिनैप्टिक व्यवहार के प्रेरित करता है। बता दें कि सिनैप्स मस्तिष्क में न्यूरांस को शरीर के बाकी हिस्सों में न्यूरांस और उन न्यूरांस से मांसपेशियों तक को जोड़ते हैं। इस प्रकार से अंगों के संचलन का इरादा बनता है।
इस अध्ययन का नेतृत्व यूएल के डिपार्टमेंट आफ फिजिक्स के मालीक्यूलर माडलिंग के प्रोफेसर डेमियन थाम्पसन ने किया है। लाकडाउन के दौरान उनकी टीम ने मालीक्यूल्स के दो नैनो मीटर मोटाई वाले लेयर का निर्माण किया। ये लेयर बाल से भी 50 हजार गुना पतला था और ये अपने से गुजरे इलेक्ट्रान के इतिहास को याद रखते हैं। प्रोफेसर थाम्पसन ने बताया कि इस मालीक्यूलर मटैरियल्स में स्विचिंग की संभावना तथा आन/आफ की निरंतरता बनी रहती है। यह पारंपरिक सिलिकान-आधारित डिजिटल स्विच के लिए एक विघटनकारी नया विकल्प प्रदान करता है, जो कभी भी चालू या बंद हो सकता है।
यह नव विकसित डायनामिक आर्गेनिक स्विच डीप लर्निंग के आवश्यक सभी गणितीय तर्क को प्रदर्शित करता है। इसके साथ ही यह सिनैप्टिक मस्तिष्क जैसा व्यवहार करने को प्रेरित करता है। शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रिकल डाटा के विश्लेषणात्मक गणितीय माडलिंग के लिए क्वांटम स्तर पर आणविक संरचनाओं के पूर्वानुमान वाले माडलिंग से फैले बहु-स्तरीय माडलिंग द्वारा समर्थित व्यापक प्रयोगात्मक गुण और विद्युत माप का उपयोग करके नई सामग्रियों के गुणों को प्रदर्शित किया।
सिनैप्सिस को आणविक स्तर पर प्रेरित करने के लिए शोधकर्ताओं ने फास्ट इलेक्ट्रान ट्रांसफर (जैसा कि बायोलाजी में द्रुत डिपोलराइजेशन की प्रक्रिया होती है) को डिफ्यूजन के जरिये स्लो प्रोटान कपलिंग (युग्मीकरण) को सीमित करता है। यह उसी प्रकार से होता है, जैसा कि जैविक कैल्शियम आयन या न्यूरोट्रांसमीटर अपनी भूमिका निभाते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि चूंकि मटैरियल्स के अंदर इलेक्ट्रान ट्रांसफर और प्रोटान कपलिंग विभिन्न समय पर होता है, ऐसे में इसमें होने वाला बदलाव सिनैप्सिस न्यूरान जंक्शन पर प्लास्टिक जैसा व्यवहार करने को प्रेरित करता है। सिनैप्सिस के दौरान लर्निंग तथा डिजिटल सर्किट में वोल्टेज का बड़ा योगदान होता है।
उन्होंने बताया कि यह बहुत पहले से मालूम है कि सिलिकान टेक्नोलाजी हमारे मस्तिष्क से बिल्कुल अलग तरीके से काम करती है। इसलिए हमने नए प्रकार के इलेक्ट्रानिक मटैरियल्स का उपयोग किया, जो साफ्ट मालीक्यूल्स पर आधारित है तथा मस्तिष्क जैसी गणना करने को प्रेरित होता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि यह तरीका भविष्य में डायनामिक मालीक्यूलर सिस्टम से संचालित प्रकाश तथा अन्य प्रकार के उद्दीपक के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह खोज नई दवाओं के निर्माण तथा नए आर्गेनिक मटैरियल्स के विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जिससे बड़े डाटा सेंटरों में उच्च घनत्व वाली गणना तथा मेमोरी स्टोरेज में मदद मिल सकती है। प्रोफेसर थाम्पसन ने कहा कि यह तो अभी शुरुआत है। हम अगली पीढ़ी के इंटेलिजेंट मालीक्यूलर मटैरियल्स बनाने में जुटे हैं, जो एक टिकाऊ वैकल्पिक तकनीक प्रस्तुत करेगा और ऊर्जा, पर्यावरण तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान करेगा।