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Breast Cancer Awareness Month: कम उम्र में पीरियड्स भी बन सकती है ब्रेस्ट कैंसर की वजह, जानें इसके अन्य रिस्क फैक्टर

Breast Cancer Awareness Month ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है जो दुनियाभर में इनकी मौत का एक प्रमुख कारण भी है। इन दिनों कई महिलाओं इससे जूझ रही हैं। ऐसे में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। वहीं 13 अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Sat, 30 Sep 2023 12:00 PM (IST)
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ऐसे करें ब्रेस्ट कैंसर से अपना बचाव
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Breast Cancer Awareness Month: ब्रेस्ट कैंसर दुनियाभर में महिलाओं की मौत का एक प्रमुख कारण है। यह कैंसर का एक गंभीर प्रकार हैं, जिससे पूरी दुनिया की कई महिलाएं प्रभावित हैं। इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी की वजह से इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। वहीं, 13 अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

स्तन कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है, जिसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इस गंभीर बीमारी के कुछ रिस्क फैक्टर्स और इससे बचाव के तरीकों के बारे में-

क्या है ब्रेस्ट कैंसर

मायो क्लिनिक के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर, इस गंभीर बीमारी का वह प्रकार है, जो स्तनों की कोशिकाओं में बनता है। यूं तो स्तन कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है, लेकिन महिलाओं में यह काफी ज्यादा आम है। स्तन कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें स्तन में सेल्स नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं। इसके विभिन्न प्रकार के होते हैं। स्तन कैंसर का प्रकार इस बात पर निर्भर करता है कि ब्रेस्ट के कौन से सेल्स कैंसर में बदल जाते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या है?

  • स्तन के आकार, आकृति में बदलाव
  • स्तन में मटर के दाने जितनी छोटी गांठ होना
  • स्तन में या उसके पास या आपके अंडरआर्म में गांठ होना
  • स्तन या निप्पल की त्वचा के रंग में बदलाव (गड्ढा, सिकुड़न, पपड़ीदार या सूजन)।
  • स्तन या निपल की त्वचा का लाल होना।
  • आपकी त्वचा कठोर होना
  • निप्पल से खून या तरल पदार्थ निकलना
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रिस्क फैक्टर

  • उम्र- उम्र के साथ स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता जाता है। 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को इसका ज्यादा खतरा होता है।
  • पारिवारिक इतिहास- स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास, विशेष रूप से मां या बहन जैसे करीबी रिश्तेदारों में इसका होना आपके जोखिम को बढ़ा सकता है।
  • आनुवंशिकी- बीआरसीए1 और बीआरसीए2 जैसे जीन्स में म्यूटेशन स्तन कैंसर के खतरे को काफी बढ़ा सकते हैं।
  • हार्मोनल कारक- जिन महिलाओं को मासिक धर्म जल्दी शुरू हो जाता है, देर से मेनोपॉज होता है या जिनके कभी बच्चे नहीं हुए, उन्हें भी इसका ज्यादा खतरा होता है।
  • लाइफस्टाइल फैक्टर- मोटापा, अत्यधिक शराब पानी और शारीरिक गतिविधि की कमी स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं।

ऐसे करें बचाव

  • रेगुलर सेल्फ एग्जाम्स- अपने स्तन में होने वाले बदलावों जैसे रंग, आकार, आकृति आदि में बदलाव का ध्यान रखें। अगर आपको किसी भी तरह का कोई बदलाव दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से पूछें।
  • मैमोग्राम- अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है, तो आपको वार्षिक मैमोग्राम कराना चाहिए। मैमोग्राफी के जरिए ब्रेस्ट कैंसर का आसानी से पता लगाकर सही समय पर इलाज किया जा सकता है।
  • हेल्दी डाइट- ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर संतुलित आहार को डाइट में शामिल करें। रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड आइटम्स को सीमित सेवन करें।
  • शारीरिक गतिविधि- सेहतमंद रहने के लिए हेल्दी डाइट के साथ ही फिजिकल एक्टिविटी भी काफी जरूरी है। ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए भी यह काफी जरूरी है। आप इसके लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें।
  • शराब से परहेज करें- अगर आप शराब पीती हैं, तो यह भी ब्रेस्ट कैंसर की वजह बन सकता है। ऐसे में इससे बचने के लिए या तो शराब छोड़ दें या फिर सीमित मात्रा में इसे पिएं।
  • स्तनपान- इन दिनों कई महिलाएं विभिन्न वजहों से अपने बच्चों को स्तनपान कराने से बचती हैं, लेकिन यह सिर्फ आपके बच्चे के लिए ही नहींं, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। स्तनपान से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है।
  • पारिवारिक इतिहास को जानें- अगर आपके परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास हैं, तो आपको ज्यादा सावधाना रहने की जरूरत है। ऐसे में इस बारे में अपने डॉक्टर से चर्चा करें और समय-समय पर जरूरी जांच कराते रहे हैं।
  • वजन कंट्रोल में रखें- मोटापा स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। ऐसे में अपना वजन कंट्रोल में रखने के लिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल में शामिल करें।
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी से बचें- अगर संभव हो तो लंबे समय तक हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी से बचें, क्योंकि इससे स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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