Breast Cancer: महिलाओं की मौत का प्रमुख कारण है ब्रेस्ट कैंसर, जानें इस गंभीर बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातें
Breast Cancer इन दिनों हमारी जीवनशैली तेजी से बदल रही है। ऐसे में बिगड़ती आदतों की वजह से लोग कई बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। ब्रेस्ट कैंसर इन्हीं गंभीर बीमारियों में से एक है जो दुनियाभर में कई महिलाओं को प्रभावित करता है। इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल अक्टूबर महीने को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है।
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Mon, 09 Oct 2023 05:45 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Breast Cancer: कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो किसी को भी अपनी चपेट में सकती है। यह दुनियाभर में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है। इसकी वजह से पूरी दुनिया में कई लोग अपनी जान गवां देते हैं। कैंसर के कई प्रकार होते हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है। यह शरीर के जिस अंग को प्रभावित करता है, इसे उसी के नाम से जाना जाता है। ब्रेस्ट कैंसर इस बीमारी के ऐसा ही एक प्रकार है, जो दुनियाभर में कई लोगों को प्रभावित करता है।
कैंसर का यह गंभीर प्रकार दुनियाभर में महिलाओं की मौत का एक प्रमुख कारण है। ऐसे में इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलना के मकसद से हर साल हर साल अक्टूबर महीने को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। वहीं, 13 अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर आज जानेंगे ब्रेस्ट कैंसर के बारे में वह सबकुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है।
क्या है ब्रेस्ट कैंसर?
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर, जिसे स्तन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, सबसे आम कैंसर में से एक है, जो महिलाओं को प्रभावित करता है। ऐसा तब होता है जब आपके स्तनों में कैंसर कोशिकाएं बढ़ जाती हैं और ट्यूमर बन जाती हैं। स्तन कैंसर के लगभग 80% मामलों में ट्यूमर आपके स्तन से आपके शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकता है।कैंसर का यह प्रकार आम तौर पर 50 साल और उससे अधिक उम्र की महिलाओं को प्रभावित करता है, लेकिन यह 50 साल से कम उम्र की महिलाओं को भी प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा पुरुषों में भी स्तन कैंसर में मामले देखने को मिल सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार
ब्रेस्ट कैंसर के सामान्य कुछ प्रकारों में निम्न शामिल हैं:-- इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (आईडीसी): यह कैंसर आपके दूध नलिकाओं यानी मिल्क डक्ट में शुरू होता है और आस-पास के ब्रेस्ट टिशू में फैलता है।
- लोब्यूलर ब्रेस्ट कैंसर: यह ब्रेस्ट कैंसर आपके ब्रेस्ट में मिल्क प्रोड्यूसिंग ग्लैंड्स (लोब्यूल्स) में शुरू होता है और अक्सर पास के ब्रेस्ट टिशू में फैल जाता है।
- डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (डीसीआईएस): आईडीसी की तरह, यह स्तन कैंसर आपके दूध नलिकाओं में शुरू होता है। अंतर यह है कि DCIS आपके दूध नलिकाओं से आगे नहीं फैलता है।
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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या हैं?
ब्रेस्ट कैंसर आपके स्तनों को विभिन्न तरीकों से प्रभावित कर सकता है। स्तन कैंसर के कुछ लक्षण बहुत विशिष्ट होते हैं। हालांकि, इस कैंसर में भी लक्षणों का पता नहीं चलता, जिससे आमतौर पर इस पर ध्यान नहीं जाता है। लेकिन जब इन पर ध्यान जाता है, तो इसके निम्न लक्षणों नजर आते हैं:-- ब्रेस्ट के साइज और शेप में बदलाव
- मटर के दाने जितनी गांठ महसूस होना।
- अंडरआर्म में एक गांठ होना
- स्तन या निप्पल की त्वचा के रंग में बदलाव
- त्वचा गड्ढेदार, सिकुड़ी हुई, पपड़ीदार या सूजी हुई दिखना
- निप्पल लाल, बैंगनी या गहरा रंग का दिखना
- निप्पल से धब्बा या कोई तरल पदार्थ निकलना
ब्रेस्ट कैंसर का कारण क्या है?
ब्रेस्ट कैंसर तब होता है जब ब्रेस्ट सेल्स म्यूटेट होती हैं और कैंसर सेल्स बन जाती हैं, जो विभाजित होती हैं और ट्यूमर बनाने के लिए बढ़ती हैं। हालांकि, इस बदलाव का कारण निश्चित नहीं हैं। शोध से पता चलता है कि ऐसे कई जोखिम कारक हैं, जो स्तन कैंसर के विकास की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इसमें निम्न शामिल है:-- आयु- 55 साल या उससे अधिक होना।
- लिंग- महिलाओं में पुरुषों की तुलना में इस कैंसर के विकसित होने की अधिक संभावना है।
- पारिवारिक इतिहास- अगर आपके माता-पिता, भाई-बहन, बच्चे या अन्य करीबी रिश्तेदारों को ब्रेस्ट कैंसर है, तो आपको यह बीमारी होने का खतरा है।
- जेनेटिक्स- ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित 15% लोगों में यह रोग विकसित होता है, क्योंकि उन्हें यह जेनेटिक म्यूटेशन विरासत में मिला होता है। सबसे आम जेनेटिक म्यूटेशन में BRCA1 और BRCA2 जीन शामिल होते हैं।
- धूम्रपान- स्मोकिंग या तम्बाकू का इस्तेमाल ब्रेस्ट कैंसर सहित कई अलग-अलग प्रकार के कैंसर से जुड़ा हुआ है।
- अल्कोहल- शोध से पता चलता है कि अल्कोहल युक्त ड्रिंक पीने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
- मोटापा- अधिक वजन भी ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख कारण में से एक है।
- रेडिएशन एक्सपोजन- अगर आपने पहले कभी रेडिएशन थेरेपी ली है, विशेष रूप से आपके सिर, गर्दन या छाती पर, तो आपको ब्रेस्ट कैंसर होने की अधिक संभावना है।
- हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी- ऐसे में लोग जो हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) का इस्तेमाल करते हैं, उनमें इस स्थिति के होने का जोखिम अधिक होता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव
कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसे रोकना आपके बस नहीं है। ब्रेस्ट कैंसर के साथ भी यही होता है। हालांकि, आप इसके विकसित होने के जोखिम को कम कर सकते हैं। ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए आप नियमित सेल्फ-एग्जाम्स और मैमोग्राम टेस्ट की मदद ले सकते हैं। इससे स्तन कैंसर का जल्दी पता लगाने में मदद मिलती है, जिससे इसका इलाज करना आसान होता है।ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कैसे कम करें?
स्तन कैंसर के खतरे को कम करने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन अमेरिकन कैंसर सोसाइटी (एसीएस) के मुताबिक निम्न बातों की मदद से आप इसके जोखिम को कम कर सकते हैं-- हेल्दी वेट मेंटेन करें- मोटापा कई गंभीर समस्याओं की वजह बनता है। ब्रेस्ट कैंसर इनमें से एक है। ऐसे में इसके जोखिम को कम करने के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखा बेहद जरूरी है।
- स्वस्थ आहार लें- कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सब्जियों, फल, कैल्शियम युक्त डेयरी प्रोडक्ट्स और लो फैट वाले प्रोटीन डाइट की मदद से ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। साथ ही रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट से परहेज करने से भी आपका जोखिम कम हो सकता है।
- शारीरिक गतिविधि- सेहतमंद रहने के लिए शारीरिक गतिविधि भी बेहद जरूरी है। अध्ययनों में सामने आया है कि नियमित शारीरिक गतिविधि ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करती है।
- शराब आदि से परहेज- शोध में ब्रेस्ट कैंसर और शराब के बीच एक संबंध पाया गया है। ऐसे में इसके खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि शराब आदि से परहेज करें।
- नियमित जांच करवाएं- मैमोग्राम अक्सर ट्यूमर का पता तब लगाते हैं, जब वे इतने छोटे होते हैं कि उन्हें महसूस नहीं किया जा सकता। ऐसे में जरूरी है कि नियमित रूप से अपना जांच करवाएं।
- सेल्फ टेस्टिंग करें- नियमित रूप से अपने स्तनों की जांच करते रहें। ऐसा करने से ब्रेस्ट की हेल्थ को बनाए रखने में मदद मिलती है और आपको ब्रेस्ट कैंसर के ट्यूमर का पता लगाने में मदद मिल सकती है।