Infant Feeding: 6 महीने बाद शिशु के लिए काफी नहीं है सिर्फ मां का दूध, डॉक्टर ने बताया कैसा होना चाहिए आहार
पिछले दिनों शिशुओं के खानपान को लेकर ICMR ने नई गाइडलाइन्स शेयर की जिसमें बताया गया कि माता-पिता को शिशुओं को पूरक आहार देने के साथ-साथ ठोस आहार खिलाने पर भी ध्यान देना चाहिए। ऐसे में कई लोग दाल का पानी देना सही मानते हैं लेकिन बता दें कि आईसीएमआर इसे ठीक नहीं मानता है। आइए डॉक्टर से जानते हैं कि शिशु के लिए क्या बेहतर है।
नई दिल्ली। Infant Feeding: शिशुओं को मां के दूध के साथ-साथ क्या देना चाहिए, इसे लेकर अलग अलग धारणाएं हैं। जाहिर कि शिशु के छह माह पूरा करने के बाद मां के दूध के साथ अर्ध-ठोस आहार देना चाहिए। ज्यादातर लोग इसके स्थान पर दाल का पानी देते हैं जो आईसीएमआर के अनुसार सही नहीं है। ऐसे में, जागरण से सीमा झा ने डॉ. सरोजा बालन, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली से खास बातचीत की है। आइए जानें कैसे होने चाहिए शिशु का आहार।
डॉक्टर की बताई इन बातों का रखें ख्याल
- शिशु को दूध के साथ बहुत तरल के बजाय अर्ध ठोस आहार दें जो थोड़ा गाढ़ा हो। दाल के पानी के बजाय उसमें चावल, हरी सब्जी या गाजर आदि मिलाकर देना चाहिए।
- एक साल तक शिशु को नमक या चीनी आहार में नहीं देना चाहिए।
- शिशुओं के आहार में मसाला न मिलाएं, आहार में घी मिलाकर दे सकते है।
- प्रयास करें कि उन्हें बदल-बदल कर भोजन दें। पहले हफ्ते सब्जी दें दूसरे हफ्ते में चावल दे सकते हैं।
- 10-11 महीने में जब शिशु एक साल का होने वाला होता है तो उसे बाहरी दूध दे सकते हैं।
- जितना संभव हो प्रयास करें कि बच्चे को चीनी नहीं दें। फलों में प्राकृतिक चीनी ही उनके लिए पर्याप्त रहता है।
- छोटे शिशु के लिए गाजर प्यूरी, लौकी प्यूरी, सेब प्यूरी के साथ मसले हुए अंडे, मछली भी देना अच्छा है।
ये बातें भी रखें ध्यान
बच्चों को इस मौसम में ताजा खाना दें। पहले से कटी हुई सब्जियां, फल आदि का उपयोग उनका खाना तैयार करने में प्रयोग न करें। यदि आप रेस्तरां या बाहर खाना खाते हैं तो बच्चों को वहां रखे हुए सलाद, फल, चटनी न दें। इस मौसम में बच्चों को अधिक से अधिक पानीदार भोजन दें। उनका भोजन बनाते समय हाथ धो लें। पानी को उबालकर ठंडा कर दें।
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