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ब्रिस्क वॉकिंग कर सकता है डायबिटीज के जोखिम को कम, जानें क्या पाया गया स्टडी में

डायबिटीज हमारे लिए एक बढ़ता खतरा है। इससे दुनियाभर में करोड़ों लोग पीड़ित हैं और इसके और अधिक बढ़ने का खतरा है। इससे बचाव के लिए एक स्टडी में पाया गया कि तेज कदमों से चलने से यानी ब्रिस्क वॉक करने से डायबिटीज का खतरा कम किया जा सकता है। जानें क्या पाया गया इस स्टडी में कि ब्रिस्क वॉक इससे बचाव में फायदेमंद कैसे है।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Mon, 04 Dec 2023 08:00 AM (IST)
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तेज कदमों से चलने से हो सकता है डायबिटीज का खतरा कम
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। IANS: पैदल चलना हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है, इस बात से हम सभी परिचित हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि प्रति घंटे चार या अधिक किलोमीटर चलने से टाइप-टू डायबिटीज का जोखिम काफी कम हो जाता है। ब्रिटिश जर्नल आफ स्पो‌र्ट्स मेडिसिन में ऑनलाइन प्रकाशित निष्कर्ष से पता चलता है कि चलने की गति जितनी तेज होगी, जोखिम उतना ही कम होगा। इसका मतलब यह है कि तेज कदमों से चलने से डायबिटीज से बचाव में मदद मिल सकती है। गति में प्रत्येक एक किमी की वृद्धि के साथ, जोखिम में नौ प्रतिशत की कमी हो सकती है।

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें हमारा शरीर इंसुलिन का प्रभावशाली तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता या इंसुलिन की कमी हो जाती है। इस कारण से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित नहीं हो पाता और शुगर बढ़ने की समस्या हो जाती है। वर्तमान में दुनियाभर में 53.7 करोड़ लोग टाइप-टू डायबिटीज से पीड़ित हैं और ऐसी आशंका जताई जा रही है कि 2045 तक यह आकड़ा 78.3 करोड़ हो सकता है।

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ईरान में सेमनान यूनिवर्सिटी आफ मेडिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं ने कहा कि एक आसान फिजिकल एक्टिविटी, जो कई अन्य सामाजिक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभों से भी जुड़ी है, इस बीमारी से बचने में मदद करने का एक आसान तरीका हो सकती है। यह अध्ययन 1999 और 2022 के बीच प्रकाशित 10 दीर्घकालिक अध्ययनों के विश्लेषण पर आधारित है। इनमें अमेरिका, जापान और ब्रिटेन के कुल 5,08,121 वयस्कों के लिए तीन से 11 वर्ष तक की निगरानी अवधि शामिल है। शोधकर्ताओं ने पाया कि तीन किमी/घंटा से कम चलने की तुलना में, तीन से पांच किमी/घंटा की औसत या सामान्य गति से चलना टाइप-टू डायबिटीज के जोखिम को 15 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसी तरह पांच से छह किमी/घंटा की गति से काफी तेज चलने से टाइप-टू डायबिटीज का जोखिम 24 प्रतिशत तक कम हो सकता है। वहीं, छह किमी/घंटा से अधिक की गति से चलने से लगभग 39 प्रतिशत कम जोखिम जुड़ा था।

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Picture Courtesy: Freepik

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