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Heart Health: एआई टूल से पता लग जाएगा हृदय रोग से होने वाली मौत का खतरा, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने किया दावा

आजकल के अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते खराब हार्ट हेल्थ के कारण होने वाली मौत का जोखिम पहले के मुकाबले काफी बढ़ गया है। हार्ट डिजीज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण है। ऐसे में शोधकर्ताओं की ओर से बताया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की मदद से दिल से जुड़ी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। आइए जानें।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sun, 31 Mar 2024 07:39 PM (IST)
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दिल से जुड़ी बीमारी का पता लगाना हुआ आसान, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने किया दावा
आईएएनएस, नई दिल्ली। Heart Health: स्वस्थ जीवन के लिए हार्ट का हेल्दी होना बेहद जरूरी है। खराब लाइफस्टाइल के कारण लोगों में हार्ट से जुड़ी समस्याओं के पैदा होने का खतरा रहता है। अगर समय पर इसकी पहचान और उपचार न किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। ऐसे में अब ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल डेवलप किया है, जो 80 फीसदी की सटीकता से साथ आपकी हार्ट से जुड़ी समस्या का पता लगा सकता है। आइए जानें इसके बारे में।

वैज्ञानिकों ने विकसित किया एआई टूल

वैज्ञानिकों के मुताबिक, वेंट्रिकुलर एरिथमिया असामान्य हार्ट रिदम है जो हार्ट के लोअर चैंबर से जुड़ी समस्या को दिखाता है। इस कंडीशन में दिल की तेज धड़कनों के साथ ब्लड प्रेशर में गिरावट देखने को मिलती है, और इस घातक समस्या का समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। दावा किया जा रहा है कि वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एआई टूल विकसित किया है, जो वेंट्रिकुलर एरिथमिया का आसानी से पता लगा सकता है।

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एआई टूल की भविष्यवाणी बैठी सही

इससे जुड़ी स्टडी 'यूरोपियन हार्ट जर्नल डिजिटल हेल्थ' में पब्लिश हुई है, जिसमें बताया गया है कि ब्रिटेन के 'लीसेस्टर यूनिवर्सिटी' नेतृत्व वाली एक टीम ने VA-ResNet-50 नाम का एक टूल तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल साल 2014 और 2022 के बीच घर पर रह रहे 270 वयस्कों के होल्टर इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) की जांच करने के लिए किया गया था। ईसीजी के बाद औसतन 1.6 सालों में लगभग 159 लोगों ने घातक वेंट्रिकुलर एरिथमिया का एक्सपीरियंस किया था। इस एआई टूल का यूज मरीज के हार्ट चेकअप के लिए किया गया था, ऐसे में हर 5 में से 4 मामलों में AI टूल ने सही भविष्यवाणी की, जिससे पता चला कि किस मरीज का हृदय वेंट्रिकुलर एरिथमिया के लिए सक्षम है।

हेल्थ एक्सपर्ट ने कही ये बात

कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के प्रोफेसर की मानें, तो इस टूल से यह जाना जा सकता है कि किस व्यक्ति में जोखिम अधिक है। इससे न सिर्फ इससे हृदय गति में समस्या के बारे में पता कर सकते हैं, बल्कि यह भी पता लगा सकते हैं कि किसे इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर के साथ जीवन रक्षक उपचार की जरूरत हो सकती है। चूंकि इस समस्या से बड़ी संख्या में मौतें होती हैं, ऐसे में इन्हें काबू करने में बड़ी सफलता हाथ लग सकती है।

ऐसे होता है टूल का इस्तेमाल

हेल्थ एक्सपर्ट आगे बताते हैं, कि इस टूल की मदद से हृदय रोग की गंभीर समस्याओं के जोखिम को कंट्रोल किया जा सकता है। समय पर मिलने वाले सही इलाज से पेशेंट का जीवन बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 'टूल से जांच के बाद घातक बीमारी का जोखिम सामान्य वयस्कों की तुलना में तीन गुना अधिक था।' उन्होंने आगे कहा कि 'मरीजों की इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम की जांच में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का इस्तेमाल करते हुए सामान्य हार्ट रेट में एक नया लेंस प्रदान किया जाता है।'

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Picture Courtesy: Freepik

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