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क्या है Diabetes और मोटापे में कनेक्शन, एक्सपर्ट से जानें कैसे मांसपेशियों को करता है ये प्रभावित

डायबिटीज (Diabetes) एक लाइलाज बीमारी है जो किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। इस बीमारी को कंट्रोल के लिए अकसर दवाओं और सही खानपान का सहारा लिया जाता है। इसके अलावा इस बीमारी में अकसर वजन भी कंट्रोल भी रखने की सलाह दी जाती है। इस सलाह के पीछे की वजह जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Tue, 21 May 2024 06:18 PM (IST)
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डायबिटीज को ऐसे प्रभावित करता है मोटापा (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डायबिटीज (Diabetes) एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में कई लोगों प्रभावित करता है। भारत में भी पिछले कुछ समय से इस बीमारी से मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है, जिसकी वजह से अब हमारा देश पूरा दुनिया का डायबिटीज कैपिटल बन गया है। यह एक लाइलाज बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं हैं। ऐसे में इसे दवाओं और सही लाइफस्टाइल की मदद से कंट्रोल में रखा जाता है। इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों को अपना वजन कम करने की भी सलाह दी जाती है।

ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में मोटापे के कारण ब्लड शुगर का स्तर काफी ज्यादा और अनियंत्रित हो सकता है। साथ ही एक अध्ययन से पता चलता है कि मोटापे से ग्रस्त दस में से नौ लोगों में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है, लेकिन ऐसा क्यों होता है इस बारे में जानने के लिए हमने बेंगलुरू स्थित मणिपाल हॉस्पिटल में बेरिएट्रिक और एडवांस्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के सलाहकार

डॉ. जी. मोइनोद्दीन से बीतचीत की।

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डायबिटीज और मोटापे का कनेक्शन

डॉक्टर बनाते हैं कि ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मोटे व्यक्तियों में, अग्न्याशय यानी पैंक्रियाज द्वारा प्रोड्यूस किया गया इंसुलिन टिश्यूज द्वारा प्रभावी ढंग से अब्जॉर्ब नहीं होता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है। इससे मांसपेशियों में दर्द, झनझनाहट और हाइपरसेंसिटिविटी जैसी मांसपेशियों की समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही इसकी वजह से मामूली दबाव भी बहुत दर्दनाक हो सकता है। इसके अलावा ऐसे मरीजों को जोड़ों की सीमित गतिशीलता, पैरों में झुनझुनी और चुभने जैसे दर्द की अनुभूति भी हो सकती है। ये सभी डायबिटिक न्यूरोपैथी और डायबिटीज के कारण होने वाले हाइपरिन्सुलिनमिया के लक्षण हैं।

डायबिटीज में मोटापे का मांसपेशियों पर असर

डॉक्टर मोइनोद्दीन आगे बताते हैं कि इसके अलावा डायबिटीज में मोटापे का शिकार होने पर पैरों में संक्रमण और सूजन हो सकती है, जिससे जोड़ों की गतिशीलता और भी सीमित हो सकती है। ऐसे लोगों को अकसर ठंड के प्रति हाइपरसेंसिटिविटी होती है। इन लक्षणों को मैनेज करने के लिए, ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करना जरूरी है। सही शुगर लेवल बनाए रखने से मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है और बी-विटामिन की खुराक लेने से डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

क्या है डायबिटीज मेलेटस?

वहीं, बेंगलुरू के ही मणिपाल हॉस्पिटल (ओल्ड एयरपोर्ट रोड) में डायबिटीज और एंडोक्रिनोलॉजी के सलाहकार डॉ. आदित्य जी हेगड़े कहते हैं डायबिटीज मेलेटस (DM) एक सिस्मेटिक बीमारी है, जो लगातार हाई ब्लड शुगर (हाइपरग्लेसेमिया) के कारण होता है। डायबिटीज मेलेटस के 2 प्रकार होते हैं, टाइप 1 और टाइप -2 डायबिटीज, जिसमें टाइप -2 बीमारी का सबसे आम रूप है। DM के न्यूरोमस्कुलोस्केलेटल सीक्वेल आम हैं और लोगों को इन स्थितियों के प्रति सतर्क रहना चाहिए।

डीएम के साथ निम्न मस्कुलोस्केलेटल स्थितियां होती हैं-

  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • मांसपेशियों में रोधगलन
  • पैरिफेरल न्यूरोपैथी
  • रिफ्लेक्स सिम्पैथेटिक डिस्ट्रोफी सिंड्रोम
डॉक्टर आगे बताते हैं कि मांसपेशियों में ऐंठन डायबिटीज का एक सामान्य लक्षण है। यह इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, हाइपोग्लाइसीमिया, arterial insufficiency के साथ पैरिफेरल वेस्कुलर डिजीज और पैरिफेरल न्यूरोपैथी के कारण हो सकता है। ऐंठन आमतौर पर निचले अंगों को प्रभावित करती है और रात में ज्यादा देखी जाती है। इसके लक्षणों में मांसपेशियों में ऐंठन दर्द और कभी-कभी मोच आना शामिल है।

इन लोगों में आम मांसपेशियों से जुड़ी समस्या

Diabetic Muscle Infarction, दुर्लभ लेकिन एक सहज स्थिति है और संभावित रूप से अक्षम करने वाली हो सकती है। यह स्थिति किसी भी इतिहास के बिना हो सकती है। यह खराब नियंत्रित डायबिटीज के लंबे इतिहास वाले रोगियों को प्रभावित करता है और यह उन मधुमेह रोगियों में सबसे आम है, जिन्हें इंसुलिन की आवश्यकता होती है। Diabetic Muscle Infarction ज्यादातर इस्कीमिया का परिणाम होता है।

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