Vegan Diet खाने वाले लोग लंबे समय तक बने रहते हैं जवान! इस बारे में क्या कहता है साइंस
एक स्टडी में वीगन डाइट खाने के फायदों के बारे में पता चला। इस स्टडी को बायोमेड सेंट्रल (बीएमसी) मेडिसिन जर्नल में पब्लिश किया गया जिसमें Vegan Diet के हैरान करने वाले फायदों के बारे में पता चला। वीगन डाइट खाने वालों में बायोलॉजिकल एज कम पाई गई और उनका वेट लॉस भी हुआ। हालांकि इसके साथ कुछ सावधानियों का भी ध्यान रखना जरूरी है।
PTI, नई दिल्ली। Vegan Diet: बायोमेड सेंट्रल (बीएमसी) मेडिसिन जर्नल में आई एक स्टडी के मुताबिक, आठ हफ्ते तक वीगन डाइट पर रहने वाले लोगों में कम बायोलॉजिकल एज देखने को मिली। इस बारे में पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने प्लांट-बेस्ड डाइट के मॉलीक्यूलर इफेक्ट के बारे में जांच की। इस डाइट में जानवरों से मिलने वाले फूड आइटम्स, जैसे डेयरी को खाने की मनाही है और सिर्फ पेड़-पौधों से मिलने वाला आहार, जैसे- फल, सब्जियां, नट्स, अनाज, बीन्स आदि को ही खाया जाता है।
शोधकर्ताओं ने इस दौरान यह देखा कि वीगन डाइट खाने वाले व्यक्तियों में जीन एक्सप्रेशन में बदलाव हुए हैं। खासकर डीएनए मिथाइलेशन की प्रक्रिया पर क्या प्रभाव पड़ रहे हैं। यानी ऐसी प्रक्रिया जिसमें डीएनए किसी जीन को साइलेंट कर देता है, ताकि वह खुद को प्रकट न कर पाए। डीएनए मिथाइलेशन की अधिक स्तर ज्यादा बायोलॉजिकल एज होने से जोड़कर देखा जाता है।
(Picture Courtesy: Freepik)यह भी पढ़ें: क्या होती है Vegan Diet? सिर्फ ट्रेंड देखकर 'वीगन' बनने से पहले यहां जान लीजिए इसके फायदे-नुकसान
कैसे किया गया यह शोध?
आठ हफ्तों तक चलने वाली इस स्टडी में 21 जुड़वा वयस्कों को शामिल किया गया। जुड़वा भाई-बहनों का डीएनए काफी हद तक एक जैसा होता है। इन प्रतिभागियों में ज्यादातर महिलाएं थीं, जिनकी औसतन उम्र 40 वर्ष थी और वे ओवरवेट भी थीं। इनमें एक को सर्व-भक्षी आहार दिया गया, जिसमें अंडा, मीट, डेयरी शामिल थे और दूसरे को वीगन डाइट दी गई है।
आठ हफ्तों बाद पाया गया कि जिन प्रतिभागियों ने वीगन डाइट फॉलो किया था, उनका दिल, लिवर, मेटाबॉलिक सिस्टम तुलानत्मक रूप से ज्यादा जवान है। वहीं सर्व-भक्षी आहार लेने वालों में ऐसे कोई बदलाव देखने को नहीं मिले। हालांकि, इसके साथ ही, शोधकर्ताओं ने कहा कि डाइट का कितना प्रभाव इस पर पड़ा यह साफ तौर से कहना मुश्किल है, लेकिन वीगन डाइट लेने वाले प्रतिभागियों का दो किलो वजन कम हुआ था। इसलिए हो सकता है, यह प्रभाव वजन कम होने की वजह से देखने को मिले हों।