दिल-दिमाग ही नहीं आपकी किडनी भी खराब करता है स्ट्रेस, ये संकेत दिखते ही समझ जाएं बिगड़ गई है बात
आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और काम के प्रेशर की वजह से स्ट्रेस एक आम समस्या बन गई है। तनाव से हार्ट पाचन तंत्र और ब्रेन के साथ-साथ किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है। यह ब्लड प्रेशर बढ़ाकर सूजन पैदा कर और हार्मोनल संतुलन बिगाड़कर किडनी की समस्याओं का कारण बन सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। स्ट्रेस हमारी लाइफ का एक अहम हिस्सा बन चुका है। आजकल की बदलती लाइफ और काम के बढ़ते प्रेशर की वजह से अक्सर हम स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं। चाहे काम का दबाव हो, आर्थिक चिंताएं हों या पर्सनल मैटर, तनाव सभी को प्रभावित करता है। ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि तनाव से हार्ट, पाचन तंत्र और ब्रेन को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्ट्रेस का असर आपकी किडनी पर भी पड़ सकता है।
जी हां, स्ट्रेस आपकी किडनी पर कई तरह से असर डालता है। यह ब्लड प्रेशर बढ़ाकर, सूजन पैदा कर और हार्मोनल संतुलन बिगाड़कर किडनी की समस्याओं का कारण बन सकता है। समय के साथ, इससे किडनी की बीमारी हो सकती है या मौजूदा स्थितियां बिगड़ सकती हैं। आइए जानते हैं स्ट्रेस पर किडनी का हानिकारक प्रभाव-
किडनी को कैसे नुकसान पहुंचाता है तनाव?
जब आप तनाव महसूस करते हैं, तो आपका शरीर "फाइट या फ्लाइट" प्रतिक्रिया के लिए तैयार होता है और फिर कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन छोड़ता है। हालांकि, यह प्रतिक्रिया आपात हालातों में मददगार होती है, लेकिन लंबे समय तक शरीर में इन हार्मोन्स का लेवल किडनी पर बुरा असर डाल सकता है। स्ट्रेस से होने वाली परेशानियां-
- बढ़ जाता है बीपी- कोर्टिसोल ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के लेवल में बढ़ोतरी का कारण बनता है और दोनों कंडीशन किडनी डिजीज के प्रमुख रिस्क फैक्टर हैं।
- इंफ्लेमेशन- क्रोनिक स्ट्रेस यानी पुराना तनाव आपकी इम्युनिटी को कमजोर करता है और इंफ्लेमेशन को बढ़ावा देता है, जिससे किडनी में इन्फेक्शन और अन्य समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है।
- अनहेल्दी आदतें- स्ट्रेस अक्सर अनहेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और सही हाइड्रेशन जैसी खराब लाइफस्टाइल का कारण बनता है, जो किडनी के फंक्शन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- अन्य बीमारियां- स्ट्रेस हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी कंडीशन से जुड़ा हुआ है, जो किडनी फेल होने के दो प्रमुख कारण हैं।
किडनी स्ट्रेस के चेतावनी संकेत
- थकान और एकाग्रता की कमी।
- टखनों, पैरों या हाथों में सूजन।
- बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में।
- यूरिन में खून या झागदार पेशाब।
- हाई ब्लड प्रेशर और बार-बार सिरदर्द।
ऐसे मैनेज करें स्ट्रेस
- रिलेक्सेशन तकनीकों से स्ट्रेस को मैनेज करें। स्ट्रेस-फ्री तकनीकों का अभ्यास करने से कोर्टिसोल लेवल कम हो सकता है और किडनी हेल्थ को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
- किडनी के मुताबिक डाइट लें। आपकी डाइट आपकी किडनी को स्ट्रेस से होने वाले नुकसान से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- हाइड्रेटेड रहें। डिहाइड्रेशन किडनी स्टोन और इन्फेक्शन के खतरे को बढ़ाता है, खासकर तनाव के समय में। इसलिए रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने का टारगेट रखें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। फिजिकल एक्टिविटी किडनी हेल्थ में सुधार करते हुए स्ट्रेस मैजेन करने के बेहतरीन तरीकों में से एक है।
- नींद को प्राथमिकता दें। नींद की कमी तनाव हार्मोन को बढ़ा सकती है और किडनी की फंक्शनिंग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं। धूम्रपान और शराब से तनाव बढ़ता है और किडनी की बीमारी के जोखिम को बढ़ाता है।
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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