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Cancer Awareness Day: क्या आप भी कैंसर को मानते हैं संक्रामक बीमारी, तो जानें इससे जुड़े ऐसे ही कुछ आम मिथक

Cancer Awareness Day 2023 कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो दुनियाभर में कई लोगों को प्रभावित करती है। यह एक गंभीर बीमारी है जो सही इलाज न मिलने पर जानलेवा साबित हो सकती है। इस बीमारी के कई सारे प्रकार होते हैं। हालांकि इस बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी होने की वजह से लोग अक्सर ज्यादा परेशान हैं। ऐसे में आज जानेंगे इससे जुड़े कुछ आम मिथक-

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Tue, 07 Nov 2023 10:57 AM (IST)
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क्या आप भी करते हैं कैंसर से जुड़े इन मिथकों पर यकीन
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Cancer Awareness Day 2023: कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में कई लोगों की मौत का कारण बनती है। पूरी दुनिया में कई लोग जानलेवा बीमारी से प्रभावित है। कैंसर.जीओवी (राष्ट्रीय कैंसर संस्थान) के मुताबिक, कैंसर के 100 से अधिक प्रकार के होते हैं, लेकिन आज भी इसे लेकर लोगों के मन में कई सारे भ्रम और मिथक मौजूद हैं। कैंसर से जुड़े ये मिथक न सिर्फ लोगों को गलत जानकारी देते हैं, बल्कि लोगों के मन में डर भी पैदा करते हैं। यह एक खतरनाक बीमारी है, जिसका समय रहते अगर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है।

ऐसे में इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 7 नवंबर को नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे मनाया जाता है। इस मौके पर आज हम आपको बताएंगे कैंसर से जुड़े कुछ ऐसे मिथकों के बारे में, जिन्हें कई सारे लोग सच मान लेते हैं, जो इस गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

मिथक 1- कैंसर एक संक्रामक बीमारी है

फैक्ट- कैंसर को लेकर एक आम मिथक यह है कि सर्दी, फ्लू या अन्स संक्रामक बीमारियों जैसे शारीरिक संपर्क यानी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। हालांकि, यह बात पूरी तरह से गलत है। कैंसर किसी व्यक्ति के शरीर में असामान्य सेल के विकास की वजह से होता है और यह किसी कैंसर पीड़ित के संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति को नहीं होता है।

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​मिथक 2- सभी गांठें कैंसरयुक्त होती हैं

फैक्ट- अक्सर कई लोगों का यह मानना है कि शरीर में होने वाली सभी गांठें कैंसरयुक्त होती हैं। दरअसल, कई लोग गांठ को ब्रेस्ट कैंसर के सबसे आम लक्षणों में से एक मानते हैं। हालांकि, यह बात पूरी तरह से सच नहीं है। स्तन में गांठ हमेशा कैंसर नहीं होती है। इनमें से लगभग 10% से 20% गांठें कैंसर होती हैं, बाकी सब अन्य कारण से होती हैं।

मिथक 3- कैंसर होने पर मौत तय है

फैक्ट- यह कैंसर को लेकर एक और आम धारणा हैं, दो पूरी तरह से सही नहीं है। कैंसर का मतलब हमेशा मौत ही नहीं है। अगर समय रहते इस बीमारी की पहचान कर ली जाए, तो उचित इलाज के जरिए व्यक्ति को बचाया जा सकता है। साथ ही कुछ कैंसर, जैसे त्वचा या थायरॉइड कैंसर के शुरुआती चरण में पता चलने पर जीवित रहने की दर ज्यादा होती है।

मिथक 4- कैंसर के मरीज को हमेशा अस्पताल में रहना पड़ता है

फैक्ट- कैंसर के इलाज के दौरान मरीज को अपना ज्यादातर समय अस्पताल में बिताना पड़ता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पीड़ित को अपना पूरा जीवन ही हॉस्पिटल में बिताना पड़ता है। कई डॉक्टर्स का ऐसा मानना है कि परिवार और दोस्तों के बीच रहकर पीड़ित व्यक्ति की बीमारी से लड़ने की इच्छा बेहतर होती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि व्यक्ति को अस्पताल की जरूरत नहीं है।

मिथक 5- वयस्कों में कैंसर का इलाज संभव नहीं है

फैक्ट- कैंसर को लेकर एक आम मिथक यह भी है कि वृद्ध लोगों को कैंसर होने पर उनके बचने की संभावना बहुत कम होती है। हालांकि, यह धारणा भी गलत है। सिर्फ उम्र यह तय नहीं कर सकता है कि किसी व्यक्ति को कैंसर का इलाज मिलेगा या नहीं, लेकिन यह भी सच है कि एक तय उम्र के बाद कैंसर के लक्षण बढ़ जाते हैं। हालांकि, मेडिकल साइंस की तरक्की के चलते अब वृद्ध वयस्कों के लिए भी प्रभावी उपचार लेना संभव है।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik