Cardiomyopathy: क्या है कार्डियोमायोपैथी, जिसमें कमजोर हो जाती हैं हार्ट मसल्स?
Cardiomyopathy कार्डियोमायोपैथी दिल की मांसपेशियों की बीमारियों की एक सामस्या है। इस स्थिति में हमारे हृदय की मासंपेशियां फैलने के साथ मोटी या कठोर भी हो जाती हैं। इस स्थिति की वजह से हमारे शरीर के चारों ओर रक्त पम्प करने की हृदय की क्षमता प्रभावित होती है। तो आइए इस स्थिति के लक्षण कारण और प्रकार के बारे में जानते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Cardiomyopathy: कार्डियोमायोपैथी दिल की मांसपेशियों की एक बीमारी है। यह बीमारी हृदय के लिए शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पम्प की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। कार्डियोमायोपैथी अन्य हृदय और संचार संबंधी स्थितियों की वजह से भी हो सकती है, लेकिन इसके जेनेटिक (आनुवांशिक) रूप से विकसित होने की संभावना भी होती है। इसका मतलब यह है कि परिवार के कुछ सदस्य दूसरों की तुलना में इससे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं और कुछ प्रभावित नहीं हो सकते हैं या उनमें कोई लक्षण नहीं हो सकते हैं।
कितने तरह की होती है कार्डियोमायोपैथी?
डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी (Dilated cardiomyopathy) में दिल की मांसपेशियों की दीवारें खिंच जाती हैं और पतली भी हो जाती हैं, जिसकी वजह से वे शरीर के चारों ओर रक्त पम्प करने के लिए ठीक से सिकुड़ नहीं पातीं। यानी इससे दिल के लिए शरीर के बाकी हिस्सों में खून को पहुंचाना मुश्किल हो जाता है।
हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic cardiomyopathy (HCM) - इस स्थिति में हृदय का ‘बाएं वेंट्रिकल’ (left ventricle) का आकार बढ़ जाता है, जिसका सीधा असर ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है। यह किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है, लेकिन बचपन में इससे ग्रस्त होने पर यह गंभीर हो जाता है। यह डिसऑर्डर जेनेटिक म्यूटेशन के कारण हो सकते हैं।
अतालता संबंधी दाएं वेंट्रिकुलर डिसप्लेसिया (एआरवीडी) (Arrhythmogenic right ventricular dysplasia)- कार्डियोमायोपैथी का ये प्रकार काफी कम देखने को मिलता है। इसमें निचले दाएं वेंट्रिकल की मांसपेशियां स्कार टिश्यू से बदल जाती हैं। इस वजह से दिल ठीक से काम नहीं कर पाता है। इसका कारण भी जेनेटिक म्यूटेशन है।
कार्डियोमायोपैथी के लक्षण
कार्डियोमायोपैथी में किसी तरह के शुरुआती संकेत या लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे यह स्थिति बढ़ती है, संकेत और लक्षण आमतौर पर दिखाई देने लगते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- किसी भी एक्टिविटी के दौरान या आराम करते समय भी सांस फूलना
- टांगों, टखनों और पैरों में सूजन
- तरल पदार्थ जमा होने के कारण पेट में सूजन
- लेटते समय खांसी होना
- सोने के लिए लेटने में कठिनाई
- थकान
- दिल में घबराहट होना
- सीने में तकलीफ या दबाव
- चक्कर आना
कार्डियोमायोपैथी के कारण क्या हैं?
- हाई बीपी की समस्या
- दिल में बहुत अधिक आयरन का जमा होना
- अमाइलॉइडोसिस, स्थिति जिसमें अंगों में बहुत अधिक असामान्य प्रोटीन जमा हो जाए
- शरीर में जरूरी विटामिन और खनिज की कमी
- कीमोथेरेपी का रिएक्शन होना
- बहुत अधिक शराब का सेवन
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।