गुजरात में बढ़ता जा रहा Chandipura Virus का कहर, डॉक्टर से जानें इस जानलेवा बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातें
गुजरात में इन दिनों Chandipura Virus के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यहां इस वायरस की वजह से अब तक 15 बच्चों की जान जा चुकी है। इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए अब कई राज्य हाई अलर्ट पर है। ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए हमने डॉक्टर से बातचीत कर Chandipura Virus Symptoms और इसके कारण के बारे में जाना।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से गुजरात में लगातार चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) के मामले सामने आ रहे हैं। इस वायरस से अब तक गुजरात में 15 बच्चों की जान जा चुकी है। वहीं, इससे संक्रमित लोगों की संख्या 29 तक पहुंच गई है। इस जानलेवा बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब अलग-अलग राज्यों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
यह वायरस दिमाग में सूजन का कारण बनता है और फ्लू जैसे लक्षणों (Chandipura Virus Symptoms) के साथ कोमा और मौत तक का कारण बनता है। इसे बीमारी को लेकर देशभर में चिंता और डर का माहौल बना हुआ है। ऐसे में इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने मणिपाल हॉस्पिटल, गोवा में इंटरनल मेडिसिन के सलाहकार डॉ. पोकले महादेव वी से बातचीत की। आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी और क्यों है यह खतरनाक-
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क्या है चांदीपुरा वायरस?
डॉक्टर बताते हैं कि चांदीपुरा वायरस (CHPV) रबडोविरिडे (Rhabdoviridae) फैमिली से संबंधित एक अर्बोवायरस (arbovirus) है, जहां रेबीज वायरस भी मौजूद होता है। इसका मतलब यह है कि वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम को संक्रमित करता है, जो तेजी से अल्टर्ड सेंसरियम, दौरे और फोटोफोबिया का कारण बन सकता है। इसमें ब्रेन के टिश्यू की सूजन बाद में एन्सेफलाइटिस और कोमा में बदल सकती है। इतना ही नहीं यह वायरस शरीर की कई अन्य प्रणालियों को भी प्रभावित कर सकता है। यही वजह है कि इससे बचाव के उपायों के साथ-साथ लक्षणों सहित इसके कारणों के बारे में ज्यादा जानना जरूरी है।
पहली बार यहां मिला था वायरस
चांदीपुरा वायरस यानी CHPV पहली बार साल 1965 में महाराष्ट्र में पाया गया था। यहां इस वायरस ने 36 वर्षों में बड़े पैमाने पर बच्चों की जानें ली और एक प्रकोप की तरह फैलकर पूरे चांदीपुरा गांव को नष्ट कर दिया था। इसी गांव के आधार पर इस वायरस का नाम चांदीपुरा वायरस रखा गया।कैसे फैलता है यह वायरस?
डॉक्टर ने बताया कि इस वायरस को फैलाने में फ्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाइज (Phlebotomine sandflies) और फ्लेबोटोमस पापटासी (Phlebotomus papatasi) प्रजातियां मुख्य किरदार निभाती हैं। इसके अलावा एडीज एजिप्टी, जो डेंगू बुखार के फैलने का भी कारण बनता है, मच्छर की एक और ऐसी प्रजाति है, जो रेबीज की तरह ही इस बीमारी को फैलाती है। इसलिए, यह ट्रिपैनोसोमा क्रूजी जैसे परजीवियों के लिए प्राकृतिक जलाशयों में पाया जा सकता है। साथ ही जब कीड़े इंसानों या बिल्ली जैसे अन्य जानवरों को काटता है, तो यह बीमारी फैलती है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण
जब कोई इस बीमारी से संक्रमित हो जाता है, तो सबसे पहले उसमें फ्लू के लक्षण दिखाई देंगे, जिसमें निम्न शामिल हैं-- सिरदर्द
- ब्लीडिंग
- एनीमिया
- शरीर में दर्द
- अचानक बुखार आना
- सांस लेने में कठिनाई