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Frequent Cold Causes: बार-बार बंद होती है बच्चे की नाक, तो Adenoiditis हो सकता है इसकी वजह

बदलता मौसम अपने साथ कई चुनौतियां लेकर आता है जिसका ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है क्योंकि उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है। इस कारण कई बार उन्हें एडिनॉइड से जुड़ी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। एडिनॉइड नाक के पीछे के हिस्से में मौजूद एक टिश्यू होता है। इससे जुड़ी समस्याओं को बच्चों में कैसे कम कर सकते हैं जानने के लिए हमने ईएनटी स्पेशलिस्ट से बात की।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Sat, 30 Mar 2024 04:10 PM (IST)
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बच्चों में नाक बंद रहने की समस्या हो सकती है एडिनॉइड से जुड़ी समस्या
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Adenoiditis in Children: गर्मियों का मौसम दस्तक दे चुका है। इस बदलते मौसम में सबसे ज्यादा बच्चे बीमार पड़ते हैं। उनकी इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से अक्सर ही उन्हें मौसम में परिवर्तन होने पर हेल्थ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सबसे ज्यादा समस्याएं रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी होती हैं, जिसमें खांसी-जुकाम सबसे आम परेशानी है। हालांकि, कई बार बच्चों के साथ एडिनॉइड से जुड़ी समस्याएं भी हो जाती हैं, जिससे बच्चों को काफी दिक्कत होती है।

क्या होती है एडिनॉइड की समस्या और बदलते मौसम में कैसे बच्चों को इस परेशानी से बचाया जा सकता है। इस बारे में जानने के लिए हमने सी.के. बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम के एलर्जी के कंसल्टेंट एंड ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. विजय वर्मा से बात की। आइए जानते हैं इस बारे में उन्होंने क्या बताया।

क्या है एडिनॉइड की समस्या?

डॉ. वर्मा ने कहा कि बदलते मौसम के कारण एडिनॉइड से जुड़े मामले काफी बढ़ जाते हैं। एडिनॉइड नाक के पीछे टिश्यू के पैच होते हैं, जो मुंह और नाक के जरिए प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया और वायरस को रोकते हैं। इन्फेक्शन से बचाने में एडिनॉइड टिश्यू काफी अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन कई बार इनमें सूजन हो जाती है और ये बड़े हो जाते हैं। इस वजह से नाक की नली ब्लॉक हो सकती है और सांस लेने तकलीफ होती है। इस कारण रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन भी हो सकते हैं।

क्या हैं इसके लक्षण?

यह समस्या उन बच्चों के लिए ज्यादा हानिकारक साबित हो सकती है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है या अभी विकसित ही हो रहा है। इस कारण खर्राटे लेने, साइनस इन्फेक्शन, स्लीप एपनिया, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। गर्म और ह्यूमिड मौसमों में एडिनॉइड की समस्या बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हवा में धूल और प्रदूषण बढ़ जाता है। इस कारण बच्चों को लगातार खांसी हो सकती है, गलें में खराश या सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है।

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मॉनसून में यह समस्या और गंभीर हो सकती है क्योंकि तब हवा में ज्यादा ह्यूमिडिटी और फंगस आदि मौजूद होते हैं। इसके अलावा, इस मौसम में बच्चों को ज्यादातर वायरल इन्फेक्शन होता है, जो उनकी रेस्पिरेटरी हेल्थ को प्रभावित करता है। वहीं सर्दियों के मौसम में हवा काफी शुष्क हो जाती है, जिस कारण एडिनॉइड टिश्यू ड्राई हो जाती है और इस कारण भी सांस लेने में तकलीफ होती है। इसलिए माता-पिता को बदलते मौसम के दौरान बच्चों के साथ काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

डॉ. वर्मा कहते हैं कि बच्चों की एडिनॉइड की समस्या को ठीक करने के लिए कई बातों का ख्याल रखने की जरूरत होती है।

  • घर के अंदर एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें ताकि हवा शुद्ध रहे। इससे सांस के जरिए प्रदूषण शरीर के भीतर प्रवेश नहीं कर पाते।
  • गंदे हाथों से बच्चों को नाक या मुंह छूने न दें। इसलिए बच्चों में साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोने की आदत डालें।
  • शरीर में पानी की कमी न होने दें। गर्मियों के मौसम में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जिससे एडिनॉइड टिश्यू को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए भरपूर मात्रा में पानी पिलाएं।
  • खर्राटे लेने, बार-बार नाक बंद होने, मुंह से सांस लेने, स्लीप एपनिया जैसे लक्षण दिखें, तो किसी ईएनटी स्पेशलिस्ट से संपर्क करें, ताकि समस्या का जल्द से जल्द पता लग सके।
  • इसके लक्षणों के बारे में माता-पिता को जागरूक कर, एडिनॉइड से पीड़ित बच्चों के जीवन को आसान बनाया जा सकता है।
  • इस समस्या का पता लगाने के लिए डॉक्टर फिजिकल एग्जामिनेशन और डॉयग्नॉस्टिक टेस्ट कर सकते हैं। साथ ही, दवाइयों और नेजल स्प्रे से इसके लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, कई बार एडिनॉइड के गंभीर मामलों में एडिनॉइड को हटाने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है।
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Picture Courtesy: Freepik