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चिकनगुनिया (Chikungunya)

Chikungunya देशभर में लगातार होती बारिश की वजह कई जगह पानी भरने की समस्या होने रही है। ऐसे में पानी के जमा होने की वजह से मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ रहा है जो बाद में चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आपको इस संक्रमण से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी के बारे में पता हो।

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Mon, 17 Jul 2023 05:23 PM (IST)
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जानें चिकनगुनिया से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी
चिकनगुनिया मच्छरों से इंसानों तक पहुंचने वाली एक बीमारी है। यह वायरस संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। इस संक्रमण के सबसे आम लक्षण बुखार और जोड़ों का दर्द हैं। यह बीमारी आमतौर पर अफ्रीका, अमेरिका, एशिया, यूरोप और कैरेबियन, भारतीय और प्रशांत महासागरों के देशों के लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है। यह संक्रमण पहली बार 1952 में पूर्वी अफ्रीका में देखा गया था। यह बीमारी चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) के कारण होती है, जो टोगाविरिडे परिवार के अल्फावायरस जीनस में एक आरएनए वायरस है। चिकनगुनिया नाम किमाकोंडे भाषा के एक शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है "विकृत हो जाना"।

चिकनगुनिया कैसे फैलता है?

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक चिकनगुनिया वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मच्छर, एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस के काटने से लोगों में फैलता है। ये मच्छर मुख्य रूप से दिन के समय काटते हैं। ये मच्छर आमतौर पर पानी वाले कंटेनरों में अंडे देते हैं। यह मच्छर तब संक्रमित हो जाते हैं, जब वे किसी ऐसे व्यक्ति को काटते हैं, जिसमें पहले से ही वायरस है। जब कोई असंक्रमित मच्छर किसी ऐसे व्यक्ति को काटता,जिसके खून में पहले से ही CHIKV मौजूद है, तो वह वायरस मच्छर में चला जाता है और फिर जब ये संक्रमित मच्छर किसी और व्यक्ति को काटता है, तो व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है।

चिकनगुनिया के लक्षण

चिकनगुनिया के लक्षण और संकेत संक्रमित व्यक्ति में 10 से 12 दिनों तक रहते हैं। यह लक्षण समय के साथ धीरे-धीरे खुद ठीक होने लगते हैं। इस वायरस के शिकार व्यक्ति को बुखार और जोड़ों में असहनीय दर्द महसूस हो सकता है। इसके अलावा चिकनगुनिया के कुछ अन्य लक्षण निम्न हैं-

  • सिर दर्द
  • थकान
  • चक्कर आना
  • लिम्फ नॉड्स में संवेदनशीलता
  • उल्टी (इंफेक्शन के 2 से 22 दिन के भीतर)

चिकनगुनिया का निदान

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, चिकनगुनिया की पहचान रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस-पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जैसे परीक्षणों की मदद से की जा सकती है। इस टेस्ट के जरिए बीमारी के पहले हफ्ते के दौरान ही कलेक्ट किए गए ब्लड सैंपल से चिकनगुनिया वायरस का सीधे पता लगाया जा सकता है।

चिकनगुनिया का इलाज

CDC के अनुसार चिकनगुनिया से बचाव के लिए फिलहाल कोई टीका या इलाज के लिए कोई दवा नहीं है। आराम, तरल पदार्थ और ओवर-द-काउंटर दर्द दवाएं की मदद से इसके कुछ लक्षणों से राहत मिल सकती हैं। बुखार और दर्द को कम करने के लिए एसिटामिनोफेन या पेरासिटामोल आदि दी जा सकती है।

चिकनगुनिया से बचाव

जैसाकि ऊपर बताया गया है कि चिकनगुनिया से बचाव या इसके इलाज के लिए अभी तक कोई टीका या दवाई उपलब्ध नहीं हो पाई है। ऐसे में इस संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा और सरल उपाय कुछ जरूरी सावधानियां बरतना है। इस बारे में खुद WHO कहता है कि मच्छरों के काटने से बचकर इस संक्रमण की रोकथाम ही सबसे अच्छा बचाव है। इसके अलावा आप निम्न बातों का ध्यान रख खुद को इस बीमारी से बचा सकते हैं।

  • खुद को मच्छरों से बचाने के लिए लंबी बाजू वाली शर्ट और पैंट पहनें, ताकि मच्छर आपको आसानी से काट न पाएं।
  • अगर आप कोई ऐसे कपड़े पहन रहे हैं,जिससे आपकी त्वचा सीधे मच्छरों के संपर्क में आ सकती है, तो मॉस्किटो रिपेलेंट आदि का इस्तेमाल करें।
  • अपने घर और इसके आसपास की जगह को साफ-सुथरा रखें। साथ ही घर पर पानी जमा न होने दें।
  • मच्छरों के काटने से बचने के लिए रात में नेट यानी मच्छरदानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • खिड़की और दरवाजों पर हमेशा परदे का इस्तेमाल करें।
Picture Courtesy: Freepik

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