Child Obesity: क्या तेजी से बढ़ रहा है आपके बच्चे का वजन, तो हो सकती हैं उसके पीछे ये वजहें
बच्चों का मोटापा चिंता का कारण हो सकता है। यह सिर्फ उनकी क्यूटनेस को ही नहीं बल्कि बीमारियों की संभावना को भी बढ़ा देता है। इसलिए अपने बच्चे के बढ़ते वजन को हल्के में न लें। चाइल्ड ओबेसिटी एक गंभीर समस्या है जो आपके बच्चे की खराब लाइफस्टाइल के कारण हो सकती है। जानें क्या है चाइल्ड ओबेसिटी और कैसे कर सकते हैं इससे बचाव।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sat, 30 Dec 2023 07:54 AM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Obesity: हमारी कोशिश यही रहती है कि हम अपने बच्चों ऐसा खाना दें, जिससे उनकी सेहत बेहतर रहे। अपने बच्चों को गोल-मटोल बनाने के लिए हम उन्हें काफी चीजें खिलाते-पिलाते रहते हैं, लेकिन अधिक खाना आपके बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सिर्फ खाना ही नहीं बल्कि और भी कई ऐसे पहलू होते हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत होती है। इसमें मोटापा एक बहुत बड़ी बाधा बन सकता है। खाने के अलावा, खराब जीवनशैली के कारण भी आपका बच्चा मोटापे का शिकार भी हो सकता है। आइए जानते हैं, क्या है चाइल्ड ओबेसिटी और क्या हो सकते हैं इसके रिस्क फैक्टर।
क्या है चाइल्ड ओबेसिटी?
चाइल्ड ओबेसिटी यानि बच्चों में होने वाला मोटापा एक गंभीर समस्या है। इसका मतलब होता है कि आपके बच्चे का बीएमआई (BMI) उसकी उम्र और लंबाई के मुताबिक ज्यादा है। यह स्थिति चिंताजनक इसलिए है क्योंकि मोटापे के कारण होने वाली गंभीर बीमारियां जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, आपके बच्चे को अपना शिकार बना सकती हैं। इसलिए हेल्दी वेट बच्चों के लिए भी उतना ही आवश्यक है, जितना बड़ो के लिए। मोटापा आपके बच्चे को सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित करता है। इसके कारण, आपके बच्चे केआत्मविश्वास पर भी गहरा असर पड़ सकता है। आत्मविश्वास की कमी के कारण, बच्चे की पर्सनल और सोशल लाइफ पर काफी बुरा असर हो सकता है। इसलिए बच्चों को मोटापे से बचाना बहुत जरूरी है।
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क्या हैं रिस्क फैक्टर और बचाव के तरीके?
चाइल्ड ओबेसिटी के पीछे कई ऐसे कारण हो सकते हैं, जिन्हें हम अनजाने में ही अनदेखा करते रहते हैं। हालांकि, उनमें से कई कारण ऐसे हो सकते हैं जिन्हें वक्त रहते बदल कर, आप अपने बच्चे को मोटापे से बचा सकते हैं।
एक्सरसाइज नहीं करना
ज्यादा टीवी देखना, विडियो गेम खेलना, फोन में लगे रहना, ये आज कल बच्चों की लाइफस्टाइल बन गई है। इसके कारण, उनकी फिजिकल एक्टिवीटी कम हो गई है, जो बच्चों के मोटापे के पीछे का बहुत बड़ा कारण हो सकता है। हेल्दी वेट के लिए एक्सरसाइज बेहद जरूरी है। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिससे शरीर का कोलेस्टॉल और फैट कम होता है। इसलिए अपने बच्चों में रोज एक्सरसाइज करने की आदत डालें। अगर वे अलग से एक्सरसाइज नहीं करना चाहते तो किसी स्पोर्टस एक्टीविटी में उनकी दिलचस्पी जगाने की कोशिश करें।खराब डाइट
अगर आपका बच्चा बहुत अधिक मात्रा में चिप्स, पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक्स, मिठाईयां आदि खाता है, तो सतर्क हो जाएं। ज्यादा तले हुए फूड आइटम्स, प्रोसेस्ड फूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, ज्यादा शुगर वाले फूड आइटम्स से कोलेस्टॉल और फैट दोनों बढ़ता है, जिससे आपका बच्चा मोटापे का शिकार हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि आप अपने बच्चे की डाइट में ज्यादा से ज्यादा ताजी हरी सब्जियां, फल, होल ग्रेन, नट्स, दूध, दही आदि को शामिल करें। बाहर से खरीदे पैक्ड फ्रूट जूस के बदले घर में ताजा जूस निकाल कर पिलाएं या फल खिलाएं क्योंकि पैक्ड जूस में शुगर और प्रिजरवेटिव्स होते हैं जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
पारिवारिक हिस्ट्री
अगर आपके परिवार में मोटापे की समस्या है तो बहुत हद तक संभावना है कि जेनेटिक कारणों से आपका बच्चा मोटापे का शिकार हो जाए। हालांकि, ऐसा हो यह जरूरी नहीं है, लेकिन इसकी संभावना अवश्य रहती है।