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Child Obesity: बच्चों का बढ़ता वजन बन सकता है कई बीमारियों की जड़, इन तरीकों से करें इससे बचाव

मोटापा एक बीमारी है जिससे सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी पीड़ित हो सकते हैं। मोटापे की वजह से डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी बच्चों को भी अपना शिकार बना सकती है। इसलिए बच्चों का हेल्दी वजन होना बहुत जरूरी है। लाइफस्टाइल की इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। जानें कैसे बचा सकते हैं अपने बच्चों के मोटापे के जोखिम से।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sat, 25 Nov 2023 12:32 PM (IST)
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बच्चों में मोटापा की वजह हो सकती है अनहेल्दी लाइफस्टाइल
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Child Obesity: हमारी हमेशा यही कोशिश होती है कि हमारे बच्चे स्वस्थ रहें, लेकिन आज की लाइफस्टाइल और अन्य दूसरी वजहें जैसे- प्रदूषण आदि के कारण स्वास्थय को बेहतर रखना, एक चुनौती बनती जा रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में 5 साल से कम उम्र के 3.9 करोड़  बच्चे, मोटापे का शिकार थे। मोटापा एक गंभीर समस्या है, जिसकी वजह से आपका बच्चा, कई खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ सकता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि हम अपने बच्चों की सेहत को ध्यान रखें और उनकी लाइफस्टाइल में कुछ ऐसे बदलाव लाने की कोशिश करें, जिससे मोटापे की परेशानी कम हो सके। आइए जानते हैं, कैसे कर सकते हैं बच्चों में मोटापे से बचाव।

बच्चों की बढ़ती उम्र में उन्हें देखकर मोटापे का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, बीएमआई-फॉर-एज ग्रोथ चार्ट के 95 वें प्रतिशत पर या उससे ऊपर बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को मोटापा कहा जाता है। इसलिए बच्चों में मोटापे का पता लगाने के लिए आप डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। मोटापे की वजह से बच्चों में डायबिटीज, दिल की बीमारियां, स्लीप एपनिया, फैटी लिवर, डिप्रेशन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। मोटापा आपके बच्चे के आत्म विश्वास को भी कम कर सकता है। इसलिए बच्चों में हेल्दी वजन मेंटेन करना बहुत जरूरी है। बच्चों के बढ़ते वजन के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।

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obesity

ये हैं बच्चों में मोटापे की वजहें...

सेडेंटरी लाइफस्टाइल

सेडेंटरी लाइफस्टाइल का मतलब होता है अधिक समय तक बैठे रहना और चलने-फिरने जैसी फिजिकल एक्टिविटी का कम होना। बच्चे भी अब पहले की तरह बाहर खेलने नहीं जाते। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे- तकनीक में विकास होने की वजह से विडियो गेम्स खेलना, फोन, लैप्टॉप आदि का अधिक इस्तेमाल, प्रदूषण की वजह से बाहर न जाना। इस वजह से बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी कम होती है और वजन बढ़ने का खतरा बढ़ता है।

अनहेल्दी डाइट

फास्ट लाइफ, फास्ट फूड के इस मोटो के साथ ही हम आज-कल अपना जीवन जीते हैं। इस वजह से हमने चिप्स, बर्गर जैसे अनहेल्दी फूड आइटम्स को अपनी लाइफ का हिस्सा बना लिया है और हमारे बच्चे भी इसे ही फॉलो कर रहे हैं। इस वजह से फैट बढ़ना, कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होना जैसी परेशानियां होती हैं और बच्चे मोटापे का शिकार हो सकते हैं।

जेनेटिक्स

क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, जिन बच्चों के माता-पिता मोटापे से ग्रस्त होते हैं, उनमें ओबेसिटी की खतरा अधिक होता है। हमारे शरीर के कई जीन्स मोटापे की वजह हो सकते हैं। इसलिए जिन बच्चों के परिवार में मोटापे की समस्या रही है, उन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। 

इन तरीकों से कर सकते हैं बचाव...

एक्सरसाइज करें

एक्सरसाइज करने से सिर्फ वजन ही कम नहीं होता बल्कि, कई अन्य बीमारियों से भी बचाव में मदद मिलती है। बच्चों के लिए यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन उनमें रोज 30 मिनट एक्सरसाइज करने की आदत डालें। विडियो गेम्स के बदले, उन्हें ऐसे खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करें जिनमें फिजिकल एक्टिविटी शामिल हो।

संतुलित आहार

बच्चों की डाइट में हरी सब्जियां, फल, दूध, होल ग्रेन्स, दही आदि शामिल करें। इससे उन्हें सभी जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे और उनका बेहतर विकास हो पाएगा। साथ ही, हेल्दी खाना खाने से वजन भी मेंटेन रहता है। इसके अलावा उनके स्नैक्स के लिए भी आप हेल्दी ऑप्शन्स जैसे पॉप कार्न, सूप आदि को चुन सकते हैं, जिससे उनकी खाने की क्रेविंग भी शांत होगी और वे हेल्दी भी रहेंगे।

बच्चों को हल्दी रहने का महत्व बताएं

अक्सर हम बच्चों से जबरदस्ती हेल्दी आदतें फॉलो करवाना चाहते हैं, बिना उन्हें इसका महत्व बताए। जिस कारण से, वे इन बातों पर अधिक ध्यान नहीं देते और कई बार इन बातों को मानते भी नहीं हैं। लेकिन, बच्चों को हेल्थ के महत्व के बारे में बताने से, उन्हें हेल्दी खाने की आदतों, एक्सरसाइज क्यों जरूरी है, ये सारी बातें समझाकर उन्हें हेल्दी लाइफ जीने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।  

Picture Courtesy: Freepik

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