महाराष्ट्र- गुजरात में Cholera के मामलों ने बढ़ाई चिंता, बरसात के मौसम में ऐसे रखें अपना ख्याल
देश के कई हिस्सों में हुई बारिश ने झुलसती गर्मी से राहत दिलाई है। हालांकि बरसात के साथ ही कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगा है। हाल ही में मुंबई और गुजरात में बरसात के आते ही Cholera के मामले सामने आने लगे हैं। यह एक गंभीर बीमारी है जो कई मामलों में मौत का कारण भी बन सकती है। एक्सपर्ट से जानें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में हुई बारिश ने लोगों का गर्मी से राहत जरूर दिलाई है, लेकिन साथ ही कई सारी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा दिया है। बरसात के मौसम में विभिन्न बीमारियां लोगों को अपना शिकार बना लेती हैं। Cholera यानी हैजा इन्हीं में से एक है, जिसका प्रकोप इन दिनों महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में देखने को मिल रहा है। यहां बरसात के साथ ही कोलेरा के मामले सामने आने लगे हैं। यह एक गंभीर बीमारी है, जो कई मामलों में जानलेवा तक साबित हो सकती है।
इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए कई जरूरी बातों की जानकारी होना आवश्यक है। ऐसे में कोलेरा के लक्षण, इसके कारण और इससे बचाव के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने मेट्रो अस्पताल नोएडा में इंटरनल मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सैबल चक्रवर्ती से बातचीत की।यह भी पढ़ें- पुणे में मिले Zika Virus के दो पॉजिटिव केस, एक्सपर्ट से जानें बरसात में क्यों बढ़ जाते हैं इसके मामले
क्या है कोलेरा?
डॉक्टर बताते हैं कि एक्यूट डायरियल सिकनेस को हैजा यानी कोलेरा के नाम से जाना जाता है। यह बीमारी आंतों के विब्रियो कॉलेरी संक्रमण के कारण होती है, जो निम्न तरीकों से हमें संक्रमित करता है-
दूषित भोजन
खराब या दूषित भोजन हैजा फैलने के मुख्य तरीकों में से एक है। अगर कोई बीमार व्यक्ति स्वच्छता का ध्यान रखे बिना खाना तैयार कर रहा है या फिर अगर विब्रियो कोलेरी युक्त पानी में खाना तैयार या साफ किया गया है, तो ऐसे खाने से आप संक्रमित हो सकते हैं। साथ ही कच्चा या अधपका सी-फूड और दूषित पानी से उगाई गई सब्जियां आदि भी खतरनाक होते हैं और संक्रमण का कारण बनते हैं।दूषित जल
विब्रियो कॉलेरी बैक्टीरिया से दूषित पानी पीने से भी कोलेका की बीमारी हो सकती है। यह भी हैजा फैलना का एक मुख्य कारण है।
साफ-सफाई की कमी
हैजा फैलने का एक प्रमुख कारक साफ-सफाई की कमी है, जिससे सीवेज के कारण पीने का पानी दूषित होना संभव हो जाता है। गलत सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम और सही तरी के कूड़े-कचरे को डिस्पोज न करने के कारण विब्रियो कॉलेरी बैक्टीरिया फैल सकता है। सीवेज में पाया जाने वाला यह बैक्टीरिया तेजी से बड़ी आबादी में फैल सकता है और जब यह पीने, खाने और धोने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पानी को दूषित करता है, तो महामारी का कारण बन सकता है। इस बैक्टीरिया के फैलने का एक प्रमुख कारण व्यक्तिगत स्वच्छता और हाथ धोने के लिए साफ पानी की कमी है।कच्चा या अधपका समुद्री भोजन
जिन क्षेत्रों में विब्रियो कोलेरा मौजूद है, वहां से कच्चा या अधपका सी-फूड, विशेष रूप से शेलफिश खाने से भी यह बीमारी हो सकती है।कोलेरा के लक्षण
इसके लक्षणों के बारे में बताते हुए डॉक्टर ने कहा कि हैजा के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के दो से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं और इनकी तीव्रता हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकती है। सीवियर पानी जैसा दस्त इसका मुख्य लक्षण है। इसके अलावा इसके कुछ अन्य गंभीर लक्षणों में निम्न शामिल हैं-- उल्टी
- मुंह सूखना
- डिहाईड्रेशन
- कम यूरिन आना
- मांसपेशियों में ऐंठन
- हाइपोवोलेमिक शॉक
- तेज दिल की धड़कन
कोलेरा से बचाव
- कोलेरा से बचने के लिए साफ-सफाई और कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
- इस संक्रमण से बचाव के लिए साफ पानी पिएं। पानी को साफ करने के लिए आप
- इसे उबालकर, क्लोरीनीकरण करके या पानी से कीटाणुओं को हटाने वाली गोलियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बीमारी को फैलने से रोकने के लिए, स्वच्छता से जुड़ी आदतों में सुधार किया जाना चाहिए।
- कीटाणुओं को खत्म करने के लिए साबुन से बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
- अच्छी तरह से पकाए गए फूड्स को ही खाएं।
- स्टोर किए गए फूड्स और कच्चे या अधपके सी-फूड से परहेज करें।
- इसके अलावा ओरल कोलेरा वैक्सीनेशन भी इस बीमारी से बचने का एक कारगर उपाय है।