अल्सरेटिव कोलाइटिस का इलाज करेगी अब कोलेट्रॉल घटाने वाली दवा 'स्टेंटिस', सर्जरी का चांस होगा कम
अल्सरेटिव कोलाइटिस आंतों से जुड़ी एक समस्या है जिसमें बड़ी आंत में सूजन और जलन की परेशानी होती है। तो स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का दावा है कि अब इसके इलाज में कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा स्टेंटिस का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
आंतों की बीमारी अल्सरेटिव कोलाइटिस सीरियस प्रॉब्लम है जिसका समय रहते इलाज जरूरी है वरना स्थिति गंभीर हो सकती है। तो अब इसके इलाज के लिए कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा स्टेंटिस का इस्तेमाल भी किया जा सकेगा। इस दवा के सेवन से अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षणों में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है। इसका दवा कैलिफोर्निया की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में किया है।
क्या है मौजूदा दावा?
शोधकर्ताओं के अनुसार, कॉलेस्ट्रॉल को घटाने वाली दवा अल्सरेटिव कोलाइटिस इस कदर असरदार है कि वो मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की संभावनाओं को कम करके सर्जरी के खतरे को घटाती है। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि यह दवा कैसे स्थिति को सुधारती है, लेकिन रिसर्चर्स का मानना है कि यह आंतों की सूजन का बढ़ना कम करती है।
क्या है अल्सरेटिव कोलाइटिस?
अल्सरेटिव कोलाइटिस आंतों से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें बड़ी आंत में सूजन और जलन की परेशानी होती है।
कोलन में छाले हो जाते हैं और उस हिस्से में सूजन की समस्या बनी रहती है।
समय रहते इस बीमारी के लक्षणों को पहचान कर लें तो दवाओँ की मदद से ठीक होने की पूरी-पूरी संभावना रहती है।
इग्नोर या देरी होने पर सर्जरी की नौबत आ सकती है।
अगर शौच के दौरान खून आना, पेट में दर्द व ऐंठन, वजन घटना, थकान और बुखार रहना जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
कैसे काम करती है यह दवा?
अल्सरेटिव कोलाइटिस पेट से जुड़ी बहुत ही आम समस्या है।
जो तब होती है जब कोलोन और रेक्टम में सूजन और अल्सर हो जाते हैं।
स्टेंटिस दवा इसी सूजन को कम करने का काम करती है।
क्या कहना है रिसर्चर का?
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के बायोमेडिकल एक्सपर्ट डॉ. परवेश खत्री के अनुसार, स्टेंटिस एक सुरक्षित दवा है।
उनके मुताबिक, अल्सरेटिव कोलाइटिस के मरीजों को स्टेंटिस के अलावा, दूसरी एंटी-इंफ्लेमेट्री दवाएं दी गई। रिजल्ट, मरीजों को राहत मिली।
रिसर्चर्स का कहना है, रिसर्च के अगले पड़ाव में अगर स्टेंटिस दवा अल्सरेटिव कोलाइटिस के मरीजों पर सही तरीके से काम करती है तो इसे जल्द से जल्द इलाज के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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