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बच्चों के विकास में रुकावट बन सकता है Child Anemia, समय रहते इन लक्षणों से करें इसकी पहचान

शरीर के सही विकास के लिए इसमें सभी पोषक तत्वों का होना जरूरी है। आयरन इन्हीं न्यूट्रिएंट्स में से एक है जो शरीर में कई अहम कार्य करता है। खासकर बच्चों के लिए सही विकास के लिए यह बेहद जरूरी है। हालांकि शरीर में इसकी कमी होने पर एनीमिया जैसी बीमारी हो सकती है। आइए जानते हैं कैसे करें Child Anemia की पहचान।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 28 Aug 2024 12:28 PM (IST)
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इन तरीकों से करें बच्चों में एनीमिया की पहचान (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जन्म के बाद से भी बच्चे के सही विकास के लिए सभी पोषक तत्वों की पूर्ति होना जरूरी है। आयरन इन्हीं में से एक है, जो काफी जरूरी न्यूट्रिएंट होता है। लगभग 6 महीने के बच्चों को आयरन से भरपूर आहार देना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि एक बच्चे के समुचित विकास के लिए आयरन का बहुत महत्व है। आयरन के साथ विटामिन सी युक्त आहार देने से शरीर में आयरन अच्छे से इस्तेमाल हो पाता है और साथ ही एनीमिया (Anemia) जैसी बीमारी से बचाव होता है।

क्या है एनीमिया?

एनीमिया एक ब्लड डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में रेड ब्लड सेल नहीं बन पाते हैं, जिससे हर सेल तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। क्योंकि छोटे बच्चों में आहार की कमी या ब्लड लॉस के कारण आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया हो सकता है, इसलिए सही आहार ही इसका बचाव है। लेकिन किन्हीं कारणों से अगर बच्चे को एनीमिया हो जाता है तो इसके लक्षण पहचानना बहुत जरूरी है। आइए समझें चाइल्ड एनीमिया के प्रमुख लक्षण-

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बच्चों में एनीमिया के शुरुआती संकेत

  • एनीमिया के शुरुआती लक्षण बड़े ही सामान्य से दिखते हैं, जिससे इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। थकान और सिरदर्द इसके कुछ शुरुआती लक्षण हैं। थकान एनीमिया का मुख्य लक्षण है, लेकिन ये अन्य कई रोग का लक्षण भी है। इसलिए एनीमिया के अन्य लक्षणों की सही पहचान करना जरूरी है। हर समय बच्चे की एनर्जी लो रहती है और वह शारीरिक गतिविधि करने में खास दिलचस्पी नहीं लेता है।
  • आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया में एक खास लक्षण देखने को मिलता है, जिसे पिका कहते हैं। इस दौरान ऐसी चीजें खाने की तीव्र इच्छा होती है, जिनमें कोई भी पोषण नहीं होता है या फिर वे भोजन ही नहीं होते हैं जैसे चॉक, क्ले, मिट्टी, कागज आदि।
  • हिमोग्लोबिन की कमी के कारण बच्चों की स्किन में एक पीलापन दिखता है, जिसे जॉन्डिस या पीलिया भी कहते हैं। साथ ही आंखों में भी पीलापन दिखने लगता है। पेशाब का रंग भी गहरा पीला नजर आता है।
  • शरीर की हर कोशिका तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न पहुंच पाने के कारण सांस लेने में दिक्कत होती है, जिससे सांस फूलने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे बच्चे को बेचैनी और चिड़चिड़ापन भी महसूस होता है।
  • अगर बच्चे खाना खाने से मना करते हैं, एनर्जी लो रहती है, और वे मूडी हो गए हैं, तो यह भी एनीमिया के लक्षण है। साथ ही कमजोर नाखून और तेज हार्ट बीट भी चाइल्ड एनीमिया के अन्य आम लक्षण हैं।
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