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Teenage Periods Guide: पहली बार कर रही हैं पीरियड का अनुभव? तो यहां है आपके काम की सभी बातें

Teenage Periods Guide पीरियड एक नेचुरल प्रोसेस है जिसे हर लड़की अपने जीवन में किशोरावस्था के दौरान अनुभव करती है। इस दौरान कुछ लड़कियां काफी घबरा जाती हैं तो कुछ कन्फ्यूज रहती हैं। जानकारी का अभाव उन्हें काफी परेशान करता है और वह यह सोचती रह जाती हैं कि क्या करें और क्या न करें। इस आर्टिकल में हम आपको इसी से जुड़ी जानकारी देंगे।

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Thu, 20 Jul 2023 08:17 AM (IST)
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पहली बार पीरियड आने पर घबराएं नहीं

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Teenage Periods Guide: बचपन से युवावस्था के बीच भी एक दौर आता है, जिसे किशोरावस्था कहते हैं। इस दौरान लड़के और लड़कियों दोनों के शरीर में काफी बदलाव होते हैं। यह एक ऐसा दौर होता है जहां शारीरिक और मानसिक दोनों ही बदलाव काफी तेजी से होते हैं और इस समय अगर सही देखभाल के साथ सही जानकारी न मिले तो यह बदलाव नकारात्मक रूप भी ले सकता है।

खासकर, लड़कियों के शरीर में आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से काफी बदलाव होते हैं। इनमें से एक महावारी भी है, जिसके बारे में उन्हें सही जानकारी देना बेहद जरूरी होता है। आज के आर्टिकल में हम उन टीनएज के लिए पीरियड गाइड लेकर आए हैं, जो इस दौर से गुजर रही हैं या हाल ही में पहली बार पीरियड्स का अनुभव किया है। इसके लिए हमने मणिपाल अस्पताल, यशवंतपुर के प्रसूति एवं स्त्री रोग की सलाहकार डॉ. स्नेहा राजीव से बात की। आइये जानते हैं कि डॉक्टर स्नेहा इस विषय पर क्या कहती हैं।

कबसे शुरू होते हैं पीरियड्स?

महावारी यानी पीरियड्स, जिसे मासिक धर्म भी कहते हैं एक मंथली साइकल होता है। वे अंडाशय में हार्मोन के स्तर में बदलाव के कारण होते हैं, जो गर्भाशय को प्रभावित करते हैं। अधिकांश युवाओं को पहली बार मासिक धर्म 11 से 14 वर्ष के बीच होता है, लेकिन 9-16 वर्ष की उम्र को भी सामान्य ही माना जाता है।

पहली बार पीरियड्स का अनुभव करने वाली लड़कियों को कई तरह की बातें बताई जाती हैं, जिसमें से कुछ सच होती हैं, तो कुछ मिथक। हमने भी डॉ. स्नेहा से कुछ फैक्ट्स और मिथ्स के बारे में पूछा, जिसपर उन्होंने बताया:

1. पीरियड्स गंदे होते हैं?

ब्लड और टिशू से मिलकर मेंस्ट्रुअल फ्लूइड बनता है, जो न तो अशुद्ध होता है और न ही टॉक्सिक। हालांकि, अक्सर यह माना जाता है कि मासिक धर्म एक गंदगी भरा है, जिसके चलते कुछ लड़कियों को एकांत में रहने के लिए मजबूर किया जाता है और मजबूरन उन्हें अपनी पढ़ाई का नुकसान करना पड़ता है।

2. पीरियड्स का मतलब शादी के लायक?

कुछ लोगों को लगता है कि अगर लड़की को पीरियड्स आने शुरू हो गए हैं, तो इसका मतलब वह शादी के लिए तैयार हो गई है। जबकि यह सच नहीं है । मासिक धर्म की शुरुआत वयस्कता की शुरुआत है, जिसमें सभी तरह से (मानसिक, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक रूप से) से तैयार होना जरूरी है।

3. पीरियड्स शर्मनाक होते हैं?

स्नेहा कहती हैं कि माता-पिता होने के नाते हमें अपनी बेटियों को पीरियड्स के बारे में समझाना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि यह अब कोई टैबू नहीं है।

4. पीरियड साइकल 30 दिनों का होना जरूरी है?

डॉक्टर स्नेहा कहती हैं यह पूरी तरह मिथक हैं। चक्र की एक सीमा होती है, जो 21 से 35 दिनों तक हो सकती है। यह हर महिला में दूसरे में अलग हो सकती है।

5. 13 साल की उम्र तक पीरियड्स आ जाना चाहिए?

डॉ. कहती हैं कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। एक लड़की को 9 से 16 साल के बीच कभी भी मासिक धर्म आ सकता है। हालांकि, जब किसी लड़की को 16 साल की उम्र के बाद भी मासिक धर्म न आए, तो उन्हें स्त्री रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करना चाहिए।

6. पीरियड्स के दौरान बाल नहीं धोने चाहिए?

डॉक्टर के मुताबिक यह बिल्कुल गलत है। दरअसल, गर्म पानी से नहाने से दर्दनाक ऐंठन से राहत मिलती है।

7. पीरियड्स में एक्सरसाइज न करें?

दरअसल व्यायाम करने से सेरोटोनिन नाम के हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जो मूड को हल्का करने में मदद करते हैं। हालांकि, यह भी सच है कि इस दौरान बॉडी पर ज्यादा प्रेशर नहीं देना चाहिए। इसलिए हल्की कसरत करनी चाहिए।

8. अविवाहित लड़कियां टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल नहीं कर सकती?

स्नेहा कहती हैं कि बिल्कुल सभी उम्र की लड़कियां इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।

पहली बार पीरियड्स आने पर क्या करें?

1. माता-पिता और घर के अन्य सदस्यों द्वारा युवा लड़कियों को इसके प्रति शिक्षित और जागरूक किया जाना चाहिए।

2. मासिक धर्म के लिए कपड़े के बजाय सैनिटरी नैपकिन, पर्यावरण-अनुकूल पैड, टैम्पोन और कप जैसे साफ प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।

3. चर्चा करने से कभी न कतराएं

4. कुछ घंटों के अंतराल पर अपना पीरियड प्रोक्ट बदलें और इस्तेमाल किए गए प्रोडक्ट का सही निपटान सीखें

5. खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें

6. जंक फूड से बचें

7. नियमित व्यायाम करें

8. थोड़ी भी अनईजीनेस होने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें।

9. पीरियड्स के बारे में खुलकर बात करें।

10. इस बात को समझें कि पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है कोई रोग नहीं।