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Constipation Awareness Month: प्रेग्नेंसी में न हो कब्ज की समस्या, इसके लिए ऐसे रखें अपना ख्याल

Constipation Awareness Month गर्भावस्था में कब्ज़ बहुत ही आम समस्या होती है जिसे नजरअंदाज करने की गलती न करें। साथ ही बिना डॉक्टर से पूछे दवाइयां न लें। फाइबर युक्त डाइट पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और हल्के- फुल्के व्यायाम की मदद से इस समस्या से आसानी से निपटा जा सकता है। आइए जान लेते हैं अन्य दूसरी जरूरी बातें।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Mon, 04 Dec 2023 10:39 AM (IST)
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Constipation Awareness Month: प्रेग्नेंसी में कब्ज से निपटने के उपाय

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Constipation Awareness Month: प्रेग्नेंसी का एक्सपीरियंस हर एक महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है। कुछ लेडीज़ की ये जर्नी बहुत आराम से गुजर जाती है, तो वहीं कुछ लेडीज़ को इस दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन कुछ एक समस्याएं ऐसी हैं, जो हर महिला को इस दौरान परेशान करती हैं, जैसे- मॉर्निंग सिकनेस, मूड स्विंग्स और कब्ज। जिनकी वजह बॉडी में होने वाले हॉर्मोनल चेंजेस होते हैं। कब्ज़ एक ऐसी आम समस्या है, जिसपर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो ये बहुत गंभीर रूप ले सकता है। प्रेग्नेंसी में पोषण से भरपूर चीज़ों को डाइट में शामिल कर काफी हद तक इस समस्या से बचे रहा जा सकता है। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी के हर एक ट्राइमेस्टर में कब्ज़ से निपटने के लिए किन चीज़ों पर ध्यान देना जरूरी है।

1. पहले ट्राइमेस्टर में ऐसे रखें ख्याल

प्रेग्नेंसी के फर्स्ट ट्राइमेस्टर के दौरान प्रोजेस्टेरोन में वृद्धि और हार्मोनल बदलाव से डाइजेस्टिव सिस्टम धीमा हो जाता है, जिससे कब्ज़ होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं को फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे हाई फाइबर वाले फूड आइटम्स का खासतौर से सेवन करना चाहिए। साबुत गेहूं की ब्रेड, ब्राउन राइस और जौ का सेवन भी गर्भावस्था में खाना अच्छा ऑप्शन होता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, इससे बॉडी तो हाइड्रेट रहेगी ही साथ ही पाचन में भी मदद मिलेगी। कब्ज की समस्या दूर होती है।

2. दूसरे ट्राइमेस्टर के लिए जरूरी टिप्स

जैसे- जैसे प्रेग्नेंसी आगे बढ़ती है, बढ़ता गर्भाशय आंतों पर दबाव डालता है, जिस वजह से कब्ज़ होने के पूरे-पूरे चांसेज रहते हैं। भोजन में अघुलनशील फाइबर से भरपूर पत्तेदार सब्जियों, ब्रोकोली और गाजर को शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ पाचन को दुरुस्त रखने का काम करते हैं। दही, छाछ को खासतौर से शामिल करें। क्योंकि ये गट को हेल्दी रखने वाले बैक्टीरिया को बनाए रखने का काम करते हैं। जिससे पाचन सही रहता है। 

3. तीसरे ट्राइमेस्टर में ऐसे निपटें कब्ज से

डॉ. अनामिका दूबे, सीनियर कंसलटेंट, जनरल पीडियाट्रिक, मधुकर रेनबो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, दिल्ली ने बताया कि, अंतिम ट्राइमेस्टर से आंतों पर और ज्यादा प्रेशर आ जाता है और प्रसव के लिए शरीर की तैयारी के कारण कब्ज़ की समस्या बढ़ जाती है। आलूबुखारा और आलूबुखारे का रस कब्ज से निपटने में बेहद प्रभावी होता है। उसमें फाइबर होता है, जो मल को सॉफ्ट करने में मदद करता है। पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए घुलनशील और अघुलनशील फाइबर के बीच संतुलन रहना जरूरी है।

अन्य जरूरी टिप्स

1. दिन भर में पर्याप्त पानी पिएं। पानी मल को नरम करने में मदद करता है और डिहाइड्रेशन से बचाता है।

2. अपने लाइफस्टाइल में कुछ लाइट और सेफ वर्कआउट्स शामिल करें। इससे कब्ज़ की समस्या नहीं होती। 

3. एक ही बार में बहुत सारा खाने के बजाय थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल पर छोटे-छोटे मील्स लें। 

4. कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। वे आयरन से भरपूर प्रसव पूर्व दवाइयों का सुझाव बेहतर दे सकते हैं। एक बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि बहुत ज्यादा आयरन का सेवन करने से भी कब्ज़़ की समस्याएं बढ़ सकती है।

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Pic credit- freepik