कोरोनरी आर्टरी डिजीज में सिकुड़ जाती है खून की नसें, लिपिड प्रोफाइल से समझें हार्ट अटैक का खतरा है या नहीं?
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease) दिल से जुड़ी एक बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है। गलत खानपान और एक्सरसाइज की कमी इस बीमारी का बड़ा कारण है। इसमें धमनियां सिकुड़ जाती हैं और लंबे समय तक यह स्थिति रहने से एथेरोस्क्लेरोसिस नामक बीमारी भी हो सकती है। आइए डॉक्टर से जानें कि लिपिड प्रोफाइल की मदद से इस खतरे को कैसे समझा जा सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) यानी धमनियों से जुड़ी एक ऐसी बीमारी जिसमें खून की नसें सिकुड़ जाती हैं और ब्लड फ्लो भी धीमा हो जाता है। खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी इस बीमारी की असली जड़ है। बता दें, समय रहते इसकी पहचान न होने पर एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) का खतरा भी बढ़ जाता है। धमनियों में कोलेस्ट्रॉल और कैल्शियम जमा होने से एक तरह की चिपचिपी परत बन जाती है, जिसे प्लाक कहते हैं। यह प्लाक धमनियों को बंद कर सकता है, जैसे कि एक पाइप में गंदगी जम जाने पर होता है। ब्लड फ्लो कम होने के कारण हर पल हार्ट अटैक का खतरा रहता है। ऐसे में, लिपिड प्रोफाइल की मदद से ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और अन्य फैट्स के स्तर को मापा जा सकता है, इस जांच की मदद से डॉक्टर पता लगा पाते हैं कि दिल की बीमारी या हार्ट अटैक का होने का कितना ज्यादा है और आपको क्या जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। आइए डॉक्टर की मदद से जानते हैं कि लिपिड प्रोफाइल की मदद से इस बीमारी को कैसे समझा जा सकता है।
2023 में जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज रिपोर्ट के अनुसार कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) भारत में बड़ी खामोशी से एक महामारी की तरह फैलती जा रही है, जो देश में होने वाली कुल मौतों में 28.1 प्रतिशत मौतों का कारण होती है। भारत में यह स्थिति और भी ज्यादा गंभीर इसलिए भी है क्योंकि यहां के लोगों को हार्ट अटैक पश्चिमी देशों के लोगों के मुकाबले एक दशक पहले पड़ जाता है। इन चिंताजनक आंकड़ों के कारण सीएडी को समझना और इसके लक्षणों को काबू में करना बहुत जरूरी है। कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ के बारे में जरूरी जानकारी जुटाने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट की भी अहम भूमिका होती है।
लिपिड प्रोफाइल क्या है?
लिपिड प्रोफाइल को लिपिड पैनल भी कहते हैं। इसमें खून में मौजूद विभिन्न प्रकार के कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का टेस्ट होता है।इस परीक्षण में शामिल हैं-
- टोटल कोलेस्ट्रॉल
- लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल
- हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल
ट्राइग्लिसराइड
इनमें से हर प्वाइंट की कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ में एक खास भूमिका है और ये सब मिलकर सीएडी का जोखिम तय करते हैं।
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