Gut Health: रिकवर होने के बाद भी कोरोना नहीं छोड़ेगा पीछा, संक्रमित करने के एक साल तक ऐसे कर सकता है प्रभावित
कोविड-19 के संक्रमण की वजह से हमारे शरीर के कई अंग प्रभावित हुए हैं। एक स्टडी में पाया गया है कि कोविड के संक्रमण की वजह से गट हेल्थ पर भी काफी असर पड़ता है और यह प्रभाव संक्रमण के एक साल तक रह सकता है। इसलिए जरूरी है कि अपनी गट हेल्थ का ख्याल रखा जाए। जानें किन तरीकों से पाचन की समस्याओं को कम कर सकते हैं।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Sat, 20 Jan 2024 05:50 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Gut Health: कोविड-19 खतरा अभी भी टला नहीं है। इसके नए वेरिएंट्स और बढ़ते मामले संक्रमण के खतरे को बढ़ा रहे हैं। इसका नया वेरिएंट JN.1 से कई लोग प्रभावित हुए है, जो इस मामले की गंभीरता को बढ़ाता है। इसके अलावा, कोविड से जुड़ी जटिलताएं (Complications) एक अलग चिंता का विषय है। इसकी वजह से, केवल हमारे फेफड़े ही नहीं, बल्कि हमारे शरीर के कई वाइटल ऑर्गन्स प्रभावित हुए हैं, लेकिन कोविड-19 से हमारी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा है, इसका अभी तक कोई पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है। हालांकि, धीरे-धीरे इससे होने नुकसान सामने आ रहे हैं।
क्या पाया गया स्टडी में?
हाल ही में, इसकी वजह से हमारे पाचन क्रिया पर क्या प्रभाव पड़ता है, इस बारे में एक स्टडी सामने आई है। साउथ मेडिकल यूनिवर्सिटी इन चाइना और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की टीम ने मिलकर इस स्टडी के लिए तीन ग्रुप बनाए, जिनमें एक प्री कोविड इन्फेक्शन, पोस्ट कोविड इन्फेक्शन और कन्टेम्प्ररी ग्रुप शामिल किए गए। बीएमसी जर्नल में पब्लिश हुई इस स्टडी में पाया गया कि जो लोग कोविड-19 से माइल्ड या सीवियर तौर पर संक्रमित हुए थे, उनमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज का खतरा अधिक था। साथ ही, कोविड संक्रमण के एक साल के फॉलो अप के बाद भी पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम नहीं हुआ, जिससे कोविड के लॉन्ग टर्म इफेक्ट और पाचन विकारों के जोखिम का पता चला।
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ऐसे रखें गट हेल्थ का ख्याल...
इस स्टडी से यह समझा जा सकता है कि कोविड से संक्रमण के बाद लोगों को अपने पाचन तंत्र का खास ख्याल रखना चाहिए, ताकि संक्रमण की वजह से होने वाली समस्याओं को कम किया जा सके।
प्रोबायोटिक्स
प्रोबायोटिक्स हमारे पाचन के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। ये लाइव माइक्रोब्स होते हैं, जो गट माइक्रोबायोम को हेल्दी रखने में मदद करते हैं, जो पाचन तंत्र के लिए बेहद जरूरी होते हैं। गट माइक्रोबायोम बिगड़ने की वजह से पाचन तंत्र में कई प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स से भरपूर फूड आइटम्स को शामिल करें, जैसे- दही, किमची आदि।फाइबर से भरपूर खाना
फाइबर पाचन क्रिया के लिए काफी आवश्यक होता है। यह आंतों में खाने को मूव करने और अब्जॉर्प्शन की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक होते हैं। इसलिए अपनी डाइट में फाइबर युक्त फूड आइटम्स को शामिल करें, जैसे- साबुत अनाज, फल आदि।
बिना सलाह के एंटी-बायोटिक्स न लें
कई बार हम बिना डॉक्टर की सलाह लिए एंटी-बायोटिक्स ले लेते हैं, जो हमारे गट माइक्रोबायोम के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। एंटी-बायोटिक्स गुड और बैड सभी बैक्टीरियाज को खत्म कर देते हैं, जिस कारण से गट हेल्थ प्रभावित हो सकती है। इसलिए बिना डॉक्टर से सलाह लिए एंटी-बायोटिक्स का सेवन न करें।प्रोसेस्ड फूड्स न खाएं
प्रोसेस्ड फूड आइटम्स खाने से इंफ्लेमेशन बढ़ जाता है, जो गट हेल्थ को प्रभावित कर सकता है। इसलिए अपनी डाइट में प्रोसेस्ड फूड आइटम्स को बिल्कुल शामिल न करें। इसकी जगह सीजन फल और सब्जियों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं, जो आपकी गट हेल्थ को सपोर्ट करने में मदद करेंगे।