‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित हुआ Coronavirus JN.1, एक्सपर्ट से जानें कितना संक्रामक और खतरनाक है नया स्ट्रेन
कोरोना के नए सब-वेरिएंट के सामने आने के बाद एक बार फिर दुनियाभर में लोगों की चिंता बढ़ गई है। कोरोना के नए स्ट्रेन जेएन.1 (Coronavirus JN.1) के सामने आने के बाद एक बार फिर इस संक्रमण के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। इसी बीच अब WHO ने जेएन.1 कोरोना वायरस स्ट्रेन को वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में कोहराम मचाने वाला कोरोनावायरस (Coronavirus JN.1) एक बार फिर चिंता का विषय बना हुआ है। दरअसल, बीते दिनों सामने आए कोरोना के नए स्ट्रेन जेएन.1 (JN.1) के सामने आने के बाद एक बार फिर इस संक्रमण के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं खुद भारत में कोरोना के इस नए स्ट्रेन के मामले सामने आ चुके हैं। यहां सबसे पहले केरल में कोरोना JN.1 का पहला मामला सामने आया था। वहीं, बीते कुछ दिनों से भारत में कोरोना के मामलों ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। ऐसे में लोगों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।
इसी बीच हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने जेएन.1 कोरोना वायरस स्ट्रेन को "वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" घोषित किया है। सब-वेरिएंट JN.1, ओमिक्रॉन के BA.2.86 वेरिएंट का वंशज है, जिसे आमतौर पर पिरोला कहा जाता है और यह बिल्कुल नया नहीं है। इस वेरिएंट का पहला मामला सितंबर में अमेरिका में पाया गया था और फिर पूरी दुनिया में धीरे-धीरे इसके मामले सामने आने लगे। ऐसे इस सब-वेरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए हमने वैशाली स्थित मैक्स हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी में निदेशक एवं प्रमुख डॉ. शरद जोशी से बात की। आइए जानते हैं क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
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क्यों चिंता का कारण है नया स्ट्रेन
इस नए स्ट्रेन को लेकर जारी चिंता पर डॉक्टर शरद कहते हैं कि यह सब-वेरिएंट चिंता की वजह इसलिए हैं, क्योंकि ओमिक्रॉन के बाद अब JN.1 ज्यादा प्रचलित होता जा रहा है। अभी तक सिर्फ ओमिक्रॉन ही दूर तक फैला हुआ था, लेकिन अब JN.1 इसकी जगह ले रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि नए वेरिएंट की रीप्रोड्यूसिबिलिटी और ट्रांसमिशन अन्य की तुलना में ज्यादा तेज है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इसकी मॉड्यूलिटी अभी उतनी हाई नही है, जिनती बाकी कोरोना वेव्स के समय थी।
कितना संक्रामक है JN.1?
इस बारे में बताते हुए डॉक्टर कहते हैं कि अभी तक जो भी रिसर्च है, उसके मुताबिक JN.1 ओमिक्रॉन के बराबर की संक्रामक है। यह उनकी ही तेजी से फैलने वाला है। यही वजह है कि यह चिंता का विषय बना हुआ है और WHO ने भी इसे "वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" घोषित किया है। ऐसे में इस नए सब-वेरिएंट से बचने के लिए सावधानियां
बरतनी जरूरी है।
JN.1 वेरिएंट के लक्षण क्या हैं?
इस सबवेरिएंट से जुड़े सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:-
- दस्त
- बुखार
- थकान
- खांसना
- सिरदर्द
- नाक बंद
- बहती नाक
JN.1 से कैसे करें बचाव?
कोरोना के नए सब-वेरिएंट JN.1 के इलाज के बारे में बात करते हुए डॉक्टर ने कहा कि अभी इसे लेकर यह कहना मुश्किल है कि इसके इलाज के लिए ट्रीटमेंट क्या होगा और एंटी-वायरल क्या इस्तेमाल होंगी, यह कहना मुश्किल है। हालांकि, कुछ बातों को ध्यान में रख आप इससे खुद को बचा सकते हैं। जानते हैं इससे बचाव के कुछ तरीके-
- भीड़-भाड़ वाले, बंद या कम हवादार इलाकों में जाने पर मास्क पहनें और जितना संभव हो दूसरों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
- वेंटिलेशन में सुधार करें
- खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को अच्छे से ढकें
- अपने हाथ नियमित रूप से साबुन और पानी से साफ करें। आप चाहें तो हैंड सैनिटाइडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के खिलाफ वैक्सीन जरूर पूरी करें, खासकर अगर आप किसी गंभीर बीमारी के हाई रिस्क में हैं।
- अगर आप बीमार हैं, तो खुद को आइसोलेट कर घर पर ही रहें।
- अगर आप कोविड-19 या इन्फ्लूएंजा पीड़ित किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो तुरंत परीक्षण करवाएं।
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