Curd Side Effects: पोषण से भरपूर दही खाने के सिर्फ ही नहीं, बल्कि ये 5 नुकसान भी हैं!
Curd Side Effects दही खाने से इम्यूनिटी मज़बूत होती है हड्डियों और जोड़ों को ताकत मिलती है पाचन बेहतरी होता है आंत में सुधार आता है वक्त से पहले बुढ़ापा नहीं आता। हालांकि कुछ लोग इसके सेवन से तकलीफों से भी गुज़र सकते हैं।
By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Fri, 13 Jan 2023 02:30 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Curd Side Effects: भारतीय शहरों में दही के बिना शायद ही किसी का खाना पूरा होता हो। यहां हर मील में दही ज़रूर शामिल होता है। यह न सिर्फ खाने का स्वाद दोगुना कर देता है, बल्कि पोषक तत्वों से भरा भी होता है, जो आपको फिट और एक्टिव रखते हैं। दही प्रोबायोटिक से भरा होता है, जो एक जीवित बैक्टीरिया और यीस्ट है, जो पाचन को मज़बूती देता है और आंत की सेहत को दुरुस्त रखता है।
हालांकि, क्या आप जानते हैं कि इसे खाने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। अगर नहीं, तो आइए जानते हैं दही खाने के नुकसान के बारे में।
पाचन से जुड़ी दिक्कतें
वैसे तो दही का सेवन सीने में जलन, डकार और कब्ज़ का इलाज करता है, लेकिन कई बार यह प्रोबायोटिक गैस और पेट फूलने की समस्या को बढ़ा भी सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि जो लोग रोज़ाना दही खाते हैं, वे कब्ज़ और ज़रूरत से ज़्यादा प्यास लगने की शिकायत भी करते हैं। ऐसा होने पर दही का सेवन रोक दें और डॉक्टर से सलाह करें।सिर दर्द
कई बार हम समझ नहीं पाते हैं कि रोज़ खाने वाला आम खाना भी लगातार हो रहे सिरदर्द का कारण हो सकता है। दही सिर के आधे हिस्से में दर्द और माइग्रेन की वजह हो सकता है। डॉक्टर्स का कहना है कि यह बायोजेनिक एमाइन्स की वजह से होता है, जो जब उत्पन्न होते हैं जब किसी तरह का प्रोटीन पुराना हो जाता है या फिर नुकसान करने वाले बैक्टीरिया उसे फर्मेंट कर देते हैं।
एलर्जी बढ़ जाती हैं
जिन लोगों को कुछ तरह के खाने से एलर्जी होती है, उनके लिए उस खास फूड का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि आंत और पाचन तंत्र में एलर्जी को ट्रेगर करने के पीछे प्रोबायोटिक्स होते हैं। इसलिए बाज़ार से दही खरीदे वक्त उसके इंग्रीडियेंट्स पढ़ लें। फ्लेवर्ड जही में आमतौर पर डेयरी, अंडे या फिर सोया का उपयोग किया जाता है, जिससे एलर्जी हो सकती है।संक्रमण बढ़ने का ख़तरा
वैसे तो दही ज़्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित होता है, लेकिन कई मामलों में दही में पाए जाने वाले बैक्टीरिया या यीस्ट रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं और अतिसंवेदनशील व्यक्तियों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। गंभीर एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस से जूझ रहे लोगों को डॉक्टर प्रोबायोटिक्स न लेने की सलाह देते चाहिए, क्योंकि इससे मौत का ख़तरा बढ़ सकता है।