5% तक स्मोकिंग कम करने से बढ़ सकती है उम्र, लांसेट की ताजा स्टडी में हैरान करने वाला खुलासा
Smoking सेहत के लिए काफी हानिकारक होती है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट हमेशा इसे छोड़ने या इससे दूरी बनाने के सलाह देते हैं। धूम्रपान करने से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसी बीच अब हाल ही में लांसेट की एक ताजा स्टडी सामने आई है जिसमें पता चला है स्मोकिंग कम करने से व्यक्ति की लाइफ बढ़ सकती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। स्मोकिंग कई तरीकों से आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाती है। यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ा सकती है और स्वास्थ्य पर अन्य कई बुरे प्रभाव भी डालती है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स अक्सर स्मोकिंग छोड़ने की सलाह देते हैं। इसी बीच अब एक ताजा स्टडी में एक हैरान करने का खुलासा सामने आया है। इस लेटेस्ट स्टडी में पता चला कि अगर धूम्रपान करने का आदि कोई व्यक्ति अपनी इस लत को कंट्रोल कर सकते हैं, तो इससे उसकी उम्र में एक साल का इजाफा हो सकता है। आइए जानते हैं इस स्टडी के बारे में विस्तार से-
क्या कहती है ताजा स्टडी?
द लांसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में पब्लिश हुई इस स्टडी में सामने आया कि 2050 तक ग्लोबल स्मोकिंग रेट को घटाने से पुरुषों और महिलाओं की औसम उम्र में बढ़ोतरी हो सकती है। स्टडी के मुताबिक पांच प्रतिशत स्मोकिंग कम करने से पुरुषों की औसत उम्र एक साल और महिलाओं की औसत उम्र 0.2 वर्ष बढ़ सकती है। इस स्टडी के अनुसार हर व्यक्ति को अपनी इस लत को कम करना जरूरी है, ताकि उनकी उम्र में बढ़ोतरी हो सके।
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स्टडी में यह भी पता चला कि सिगरेट और अन्य तम्बाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से साल 2095 तक 185 देशों में फेफड़ों के कैंसर से होने वाली 1.2 मिलियन मौतों को रोका जा सकता है। इंस्टीट्यूट फॉर इंस्टीट्यूट के सीनियर राइटर, स्टीन एमिल वोल्सेट ने कहा, "हमें दुनिया भर में धूम्रपान को कम करने और अंततः इसे खत्म करने के प्रयासों को बनाए रखना है। हमारे निष्कर्ष इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि धूम्रपान को खत्म करके लाखों समय से पहले होने वाली मौतों को टाला जा सकता है।"
कैसे हानिकारक हो सकती है स्मोकिंग?
- मिसकैरिज
- टाइप 2 डायबिटीज
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
- फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं
- समय से पहले बुढ़ापा आना
- रूमेटोइड आर्थरीइटिस (आरए) और अन्य ऑटोइम्यून डिजीज।
- फेफड़ों की बीमारी, जिसमें सीओपीडी, टीबी, अस्थमा और पल्मोनरी फाइब्रोसिस शामिल हैं।
- हार्ट और वेस्कुलर डिजीज, जिनसे दिल का दौरा, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर हो सकता है।
- आई डिजीज, जिसमें मोतियाबिंद, मेकुलर डिजनरेशन, विजन लॉस और अंधापन शामिल है।
- जन्म से जुड़ी समस्याएं, जिनमें गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाले लोगों के जन्मे बच्चों का जन्म के समय कम वजन और जन्म से जुड़े डिसऑर्डर (जन्म दोष) शामिल हैं।