Parkinson Disease में राहत पहुंचा सकती है डांस और म्यूजिक थेरेपी, नई स्टडी में सामने आए सुकून देने वाले नतीजे
दुनिया में अभी तक पार्किंसन बीमारी का इलाज नहीं मिल सका है लेकिन हाल ही में सामने आई एक स्टडी में यह जानकारी सामने आई है कि डांस और म्यूजिक थेरेपी की मदद से इस बीमारी में राहत मिल सकती है। आमतौर पर यह बड़े-बुजुर्गों में देखी जाती है लेकिन पिछले कुछ वक्त में युवाओं में भी इसके मामले देखने को मिले हैं। आइए जान लीजिए क्या कहती है स्टडी।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Parkinson Disease: पार्किंसन आमतौर पर बड़े-बुजुर्गों में देखी जाने वाली दिमाग से जुड़ी एक बीमारी है, लेकिन आज कई युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसके इलाज की बात करें, तो दुनिया में अभी तक इसकी कोई दवा या ट्रीटमेंट नहीं मिल सका है, लेकिन हां इसे मैनेज जरूर किया जा सकता है। हाल ही में मुंबई के जसलोक अस्पताल ने पार्किंसन बीमारी पर की गई एक स्टडी के नतीजे जारी किए हैं, जो बताते हैं कि इसे डांस और म्यूजिक थेरेपी की मदद से मैनेज किया जा सकता है।
पार्किंसन के 28 पेशेंट्स पर की गई थी स्टडी
साल 2023 के मार्च महीने में हुई स्टडी में मध्यम पार्किंसंस बीमारी वाले 28 पेशेंट्स को शामिल किया गया था। इसके लिए प्रतिभागियों को दो ग्रुप में बांटा गया था। पहले ग्रुप को स्टैंडर्ड केयर दी जा रही थी, वहीं दूसरे ग्रुप में व्यक्तिगत आधार पर डांस या म्यूजिक थेरेपी की मदद ली जा रही थी। यह थेरेपी सेशन एक घंटे तक चलता था, जिसमें स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, डांस और म्यूजिक एक्टिविटीज शामिल थीं।
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दुनियाभर में हैं पार्किंसंस के 1 करोड़ से ज्यादा रोगी
बता दें, कि पार्किंसंस रोग (पीडी) से दुनिया भर में 1 करोड़ से ज्यादा लोग ग्रसित हैं, जिनमें भारत की एक बड़ी आबादी भी शामिल है। ऐसे में इसके लिए प्रभावी ट्रीटमेंट मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी की जरूरत है। फेमस न्यूरोसर्जन डॉ. परेश दोशी के नेतृत्व में की गई इस स्टडी में बीमारी को लेकर कई पॉजिटिव रिजल्ट सामने आए हैं।
स्टडी में सामने आए पॉजिटिव रिजल्ट
पार्किंसंस बीमारी को लेकर की गई स्टडी में पॉजिटिव रिजल्ट देखने को मिले हैं। बताया गया है कि मेडिकल ट्रीटमेंट से गुजरने वाले लोगों के लिए डांस और म्यूजिक थेरेपी कारगर साबित हो सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पार्किंसंस बीमारी से पीड़ित 55 साल के व्यक्ति ने अप्रैल में इस थेरेपी का सहारा लिया था, जिसके चलते उनकी लाइफ में काफी सुधार देखने को मिला। ऐसे में शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि डांस और म्यूजिक थेरेपी से ऐसे रोगियों को राहत पहुंचाई जा सकती है।
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