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आपके खाने में डलने वाले नमक और चीनी में मौजूद हैं हानिकारक Microplastics, हालिया स्टडी में सामने आया डराने वाला सच

नमक और चीनी के बिना किसी भी व्यंजन का स्वाद बेकार लगता है। यह दोनों सामग्री हमारे खानपान का अहम हिस्सा है। हालांकि हाल ही में एक चौंकाने वाली स्टडी में यह पता चला कि खाने में इस्तेमाल होने वाले नमक और चीनी में हानिकारक माइक्रोप्लास्टिक (Microplastics In Salt And Sugar) पाए गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस स्टडी के बारे में।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 14 Aug 2024 03:41 PM (IST)
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नमक और चीनी में मिले हानिकारक माइक्रोप्लास्टिक (Picture Credit- Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। नमक और चीनी दो ऐसी चीजें हैं, जिसके हमारा खानपान लगभग अधूरा है। आमतौर पर लगभग हर नमकीन और मीठे व्यंजन में इन दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, अब इसे लेकर एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है। हाल ही में पर्यावरण अनुसंधान संगठन, टॉक्सिक्स लिंक द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में पता चला कि लगभग सभी भारतीय नमक और चीनी ब्रांड, चाहे वह पैकेज्ड हों या अनपैक्ड में माइक्रोप्लास्टिक्स होते हैं। "Microplastics in Salt and Sugar" नाम की इस स्टडी में 10 तरह के नमक और 5 तरह की चीनी की जांच की गई।

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षण किए गए सभी नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक की व्यापक उपस्थिति का पता चलता है। सभी चीनी, नमक ब्रांड्स के सैंपल में माइक्रोप्लास्टिक्स का पता चला है। आइए विस्तार में जानते हैं इस डराने वाली स्टडी के बारे में-

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क्या कहती है स्टडी

इस अध्ययन में सभी नमक और चीनी के सैंपल में फाइबर, छर्रों यानी पैलेट्स, फिल्म्स और फ्रेगमेंट्स सहित माइक्रोप्लास्टिक्स के विभिन्न रूपों की पहचान की गई है। इन माइक्रोप्लास्टिक का आकार 0.1 मिमी से 5 मिमी तक था। हैरान करने वाली बात यह है कि आयोडीन युक्त नमक में माइक्रोप्लास्टिक (Microplastics) का कन्संट्रेशन सबसे ज्यादा पाया गया। टॉक्सिक्स लिंक के एसोसिएट डायरेक्टर, सतीश सिन्हा का कहना है कि अध्ययन में सभी नमक और चीनी के सैंपल में माइक्रोप्लास्टिक्स का पाया जाना चिंताजनक है। साथ ही मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में और शोध जरूरत है।

आयोडीन नमक में सबसे ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक

हालिया स्टडी में नमक में सैंपल में माइक्रोप्लास्टिक का कन्संट्रेशन 6.71 से 89.15 टुकड़े प्रति किलोग्राम तक था। सबसे ज्यादा आयोडीन युक्त नमक का कन्संट्रेशन 89.15 टुकड़े प्रति किलोग्राम था। वहीं, ऑर्गेनिक सेंधा नमक का कन्संट्रेशन सबसे कम 6.70 टुकड़े प्रति किलोग्राम था। इसके अलावा चीनी के नमूनों में, कन्संट्रेशन 11.85 से 68.25 टुकड़े प्रति किलोग्राम तक था, जिसमें नॉन-ऑर्गेनिक चीनी में माइक्रोप्लास्टिक का लेवल सबसे हाई था।

माइक्रोप्लास्टिक्स के साइड इफेक्ट्स

माइक्रोप्लास्टिक्स स्वास्थ्य (Microplastics Side Effect On Health) और पर्यावरण दोनों के लिए संभावित नुकसान के कारण दुनियाभर में एक चिंता का विषय बन गया है। ये छोटे प्लास्टिक पार्टिकल खाने, पानी और हवा के जरिए मानव शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। हाल के शोध में फेफड़े, दिल, ब्रेस्ट मिल्क और यहां तक ​​कि अजन्मे शिशुओं सहित मानव अंगों में भी माइक्रोप्लास्टिक का पता चला है।

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