Delhi Air Pollution: एक नहीं है स्मॉग और फॉग, जानें इसमें अंतर और सेहत पर इनके हानिकारक प्रभाव
Delhi Air Pollution पूरा एनसीआर इस समय सफेद धुंध की चादर से ढका हुआ है। बीते कुछ दिनों से तापमान में भी गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में ज्यादातर लोग इसे फॉग समझ रहे हैं लेकिन असल में यह स्मॉग है। अगर आप भी फॉग और स्मॉग में अंतर नहीं कर पा रहे हैं तो आइए हम आपकी इसमें मदद करते हैं।
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Thu, 02 Nov 2023 02:44 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Delhi Air Pollution: दिल्ली समेत पूरा एनसीआर इस समय धुंध की चादर से ढका हुआ है। नवंबर की शुरुआत के साथ ही हल्की ठंड भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में बढ़ती धुंध ने लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। ठंड की आहट के साथ ही राज्य में प्रदूषण भी बढ़ने लगा है। जहरीली होती हवा में अब लोगों का दम घुटने लगा है। हालांकि, अभी भी लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि आखिर हवा में फैली यह चादर फॉग है या स्मॉग। अगर आप भी इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं, तो आज अपने इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे फॉग और स्मॉग में क्या अंतर है और कौन सेहत के लिए हानिकारक है?
क्या है फॉग?
फॉग, जिसे हिंदी में कोहरा भी कहा जाता है, आमतौर पर ठंड में मौसम में देखने को मिलता है। सर्दियों में अक्सर आसमान में कोहरा यानी फॉग छाया रहता है। फॉग हवा में मौजूद पानी की बेहद छोटी-छोटी बूंदें होती हैं, जिनका रंग सफेद होता है। आसमान में मौजूद कोहरे की वजह से अक्सर सर्दियों में पूरी जगह सफेद चादर नजर आती है, जिसकी वजह से विजिबिलिटी कम हो जाती है। हालांकि, यह सेहत के लिए हानिकारक नहीं होता और न ही इसकी वजह से सांस लेने में कोई तकलीफ होती है, लेकिन कोहरे की वजह से ठंड ज्यादा लग सकती है।
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स्मॉग क्या है?
फॉग से अलग स्मॉग धुएं और प्रदूषण का मिश्रण होता है, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है। हवा में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और बेंजीन जैसी हानिकारक गैसों की उच्च मात्रा में मौजूदगी की वजह से स्मॉग होता है, जो देखने में हल्का ग्रे रंग का नजर आता है। इसका सेहत पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। स्मॉग की वजह से विजिबिलिटी तो कम होती ही है। WHO के मुताबिक स्मॉग की वजह से आंखों में जलन, स्ट्रोक, हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर और रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
स्मॉग से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके–
पर्यावरण में बढ़ते स्मॉग के बीच सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में आप अमेरिकन लंग असोसिएशन के बताए टिप्स से खुद को खराब गुणवत्ता वाली हवा में भी सुरक्षित रख सकते हैं।- प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने पर घर से बाहर व्यायाम करने से बचें। जब हवा खराब हो, तो वर्कआउट घर के अंदर ही करें।
- अपने घर में एनर्जी का कम इस्तेमाल करें। ज्यादा बिजली और एनर्जी के अन्य स्रोतों का इस्तेमाल वायु प्रदूषण को बढ़ाता है।
- एयर पॉल्युशन को कम करने के लिए निजी वाहन की वजह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। इसके अलावा पैदल चलकर या कारपूल को इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- ज्यादा समय तक बाहर रहने से बचें। खासकर सुबह और शाम के समय जब प्रदूषण अपने पीक पर हो, घर के अंदर ही रहें।
- अगर आप बाहर जा रहे हैं, तो हाई क्वालिटी वाले मास्क जैसे N95 या N99 का इस्तेमाल करें, ताकि हानिकारक प्रदूषकों को फिल्टर करने में मदद मिले।
- घर के खिड़की-दरवाजों बंद रखें, ताकि प्रदूषित हवा घर के अंदर न आ पाए। साथ ही घर से प्रदूषकों को हटाने के लिए एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। Picture Courtesy: Freepik