डेंगू (Dengue)
Dengue डेंगू मच्छर से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह एक तरह के वायरल संक्रमण है जो मच्छरों के काटने से होता है। तो चलिए जानते हैं क्या है डेंगू इसके लक्षण और इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें-
डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो डेंगू वायरस (DENV) के कारण होता है। यह वायरस मच्छरों से इंसानों में फैलता है। यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में ज्यादा पाया जाता है। इसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है, क्योंकि डेंगू में बुखार हड्डियों तक जाकर उन्हें कमजोर बना देता है। यह एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है।
डेंगू के कारण
सीडीसी के मुताबिक यह संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छर के मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। ये मच्छर दिन में सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के आसपास काटते हैं। निया की लगभग आधी आबादी, करीब 4 अरब लोग, डेंगू के जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते हैं। जोखिम वाले क्षेत्रों में डेंगू अक्सर बीमारी का एक प्रमुख कारण होता है। डेंगू चार वायरस के कारण होता है, जिसमें डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 शामिल हैं।
डेंगू के लक्षण
डब्य्लूएचओ के मुताबिक डेंगू से पीड़ित ज्यादातर लोगों में हल्के या कोई लक्षण नहीं होते हैं और वह 1-2 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। कभी-कभी, डेंगू गंभीर हो सकता है और मृत्यु का कारण बन सकता है। अगर संक्रमित व्यक्ति में लक्षण होते हैं, तो वे आमतौर पर संक्रमण के 4-10 दिन बाद शुरू होते हैं। इन लक्षणों में निम्न शामिल हैं-
- तेज बुखार (40 डिग्री सेल्सियस / 104 डिग्री फारेनहाइट)
- तेज सिरदर्द
- आँखों के पीछे दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी करना
- ग्रंथियों में सूजन
- त्वचा पर लाल चकत्ते होना
वहीं, जो व्यक्ति दूसरी बार डेंगू से संक्रमित होते हैं, उन्हें गंभीर डेंगू होने का अधिक खतरा होता है। गंभीर डेंगू के लक्षण अक्सर बुखार उतर जाने के बाद आते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं-
- गंभीर पेट दर्द
- लगातार उल्टी होना
- तेजी से सांस लेना
- मसूड़ों या नाक से खून आना
- थकान
- बेचैनी
- उल्टी या मल में खून आना
- बहुत प्यास लगना
- पीली और ठंडी त्वचा
- कमजोर महसूस
डेंगू के जोखिम कारक
कई ऐसे कारक हैं, जो डेंगू के जोखिम यानी खतरे को बढ़ाते हैं। इसमें प्रमुख कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं-
- ऐसे क्षेत्र में रहना जहां एडीज मच्छरों का प्रकोप ज्यादा है
- पहले कभी डेंगू से संक्रमित होना
- रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना
- प्लेटलेट की संख्या का कम होना
डेंगू का इलाज
- डेंगू बुखार के ज्यादातर मामलों का इलाज दर्द की दवा के साथ घर पर ही किया जा सकता है। डेंगू से बचने का सबसे अच्छा तरीका मच्छरों के काटने से बचना है।
- डेंगू का कोई सटीक इलाज नहीं है। ऐसे में इसके उपचार के लिए दर्द के लक्षणों के इलाज पर ध्यान दिया जाता है।
- एसिटामिनोफेन (पेरासिटामोल) का उपयोग अक्सर दर्द को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इबुप्रोफेन और एस्पिरिन जैसी नॉन-स्टेरायडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं से बचा जाता है, क्योंकि वे रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- डेंगवैक्सिया नाम का एक टीका उन लोगों के लिए है, जिन्हें कम से कम एक बार डेंगू हो चुका है और उन जगहों पर रहते हैं, जहां यह बीमारी आम है।
- गंभीर डेंगू वाले लोगों के लिए अक्सर अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है।
डेंगू से बचाव
अभी तक डेंगू बुखार के लिए एक विशिष्ट इलाज खोजा नहीं जा सका है। ऐसे में जरूरी है कि आप खुद को इस वायरस से बचाकर रखें। डेंगू से बचाव के लिए आप निम्न बातों का ध्यान रख सकते हैं-
- अपनी त्वचा ढक कर रखें, ताकि मच्छरों के काटने की संभावना कम हो सके। कोशिश करें फुल बांह वाले शर्ट-पैंट आदि का इस्तेमाल करें।
- डेंगू के मच्छर सुबह या शाम के समय ज्यादा सक्रिय रहते हैं। ऐसे में इस समय बाहर निकलने से बचें।
- डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है कि खुद को मच्छरों से बचाकर रखें। इसके लिए आप मॉस्किटो रेपेलेंट जिसमें डाइथाइलटोलुआमाइड (डीईईटी) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- किसी वायरस की चपेट में आने से आप अन्य बीमारियों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं। ऐसे में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है। ऐसे में पानी के बर्तन, टंकी आदि को हमेशा ढककर रखें।अगर जरूरत हो तो कीटाणु नाशक का उपयोग कर सकते हैं।
- इसके अलावा किसी भी बर्तन या सामान को उल्टा रखें, ताकि इनमें पानी इकट्ठा न हो और मच्छरों को पनपने का मौका न मिलें ।
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