Mental Health Day: टीनएजर में हो रहे ये बदलाव हो सकते हैं डिप्रेशन के लक्षण, जानें कैसे करें उनकी मदद
मेंटल हेल्थ एक गंभीर मुद्दा है। इसका ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी है जितना आपके शरीर के अन्य हिस्सों का। इसलिए हर साल 10 अक्टूबर को मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है। इस मेंटल हेल्थ डे पर जानिए किस तरह आप अपने टीनएजर बच्चे में डिप्रेशन का पता लगा सकते हैं और किस तरह आप उनकी मदद कर सकते हैं।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Mon, 09 Oct 2023 05:51 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Mental Health Day: हर साल 10 अक्टूबर को मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है। मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना कितना जरूरी है, इस बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। अपनी जीवनशैली के कारण हम कई तरह के मानसिक तनाव से गुजरते हैं, लेकिन फिर भी अक्सर हम अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान नहीं देते। इस कारण से यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
यह भी पढ़ें: क्या गुस्से के कारण आपके भी बिगड़ते हैं काम, तो ऐसे करें एंगर मैनेजमेंट
मेंटल हेल्थ की समस्या सिर्फ बड़ों में ही नहीं बल्कि टीन्स में भी हो सकती है। बदलते हार्मोन्स के कारण वे पहले ही कई बदलावों से गुजर रहे होते हैं, उस पर मेंटल हेल्थ की समस्या उनके जीवन को और कठिन बना सकती है। इन मेंटल हेल्थ की परेशानियों में डिप्रेशन की समस्या होने की संभावना काफी अधिक हो सकती है। ऐसे में कुछ लक्षणों की सहायता से आप अपने टीनएज बच्चे की वक्त रहते सहायता कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि किन लक्षणों से कर सकते हैं डिप्रेशन की पहचान और कैसे कर सकते हैं अपने टीनएज बच्चे की मदद।
कैसे करें टीनएजर्स में डिप्रेशन की पहचान?
- बिना किसी कारण के रोना या दुखी होना।
- छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना।
- आत्म विश्वास की कमी।
- चीजों को या बातों को याद न रख पाना।
- सोचने में तकलीफ होना या फोकस न कर पाना।
- असफलता को लेकर सेंसिटिव होना।
- थकावट।
- ड्रग्स या शराब का सेवन।
- नींद न आना या बहुत अधिक नींद आना।
- भूख न लगना।
- आत्महत्या के विचार
- स्कूल में खराब परफॉर्मेंस
- अकेलापन
कैसे कर सकते हैं मदद?
प्रोफेशनल मदद- डिप्रेशन के लक्षण दिखने पर अपने बच्चे को प्रोफेशनल मदद यानी डॉक्टर से मिलवाएं। डॉक्टर इनके लक्षणों को बेहतर तरीके से पहचान सकते हैं और उस हिसाब से उसका इलाज किया जा सकेगा।उनकी बात सुनें- अक्सर हम अपने बच्चों की बात को सुनने के बजाय, उन्हें सलाह देने लगते हैं। इस कारण से आपके बच्चे को यह लग सकता है कि आप उन्हें समझ नहीं पा रहे हैं। इसलिए वे आपसे बात शेयर करना बंद करने लगते हैं। कोशिश करें कि ध्यान से उनकी बात सुनें। इससे उन्हें यह लगेगा कि उनके साथ कोई है, जिससे वे खुल कर बात कर सकते हैं। कई बार बात करने से समस्या का हल मिल सकता है।
सवाल करें- उनसे शांति से सवाल पूछें कि क्यों वे अपने दोस्तों के साथ वक्त नहीं बिता रहे या स्कूल में कोई परेशानी है क्या। इस तरह के सवालों से उनके मन में चल रही बातों को जानने की कोशिश करें। इस तरह आप उनके बदले बर्ताव के पीछे के कारण को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।उन्हें आराम दें- डिप्रेशन के कारण आपके बच्चे में थकावट या एनर्जी की कमी हो सकती है, जिस कारण से हो सकता है कि वे ज्यादा कामों में शामिल न हों। इस बात पर उन्हें डांटे नहीं, बल्कि उनकी परेशानी को समझें और जैसे अन्य बीमारियों में उन्हें आराम देते हैं, वैसे ही डिप्रेशन भी एक बीमारी है, जिसमें उन्हें आराम की जरूरत होती है।
लाइफस्टाइल में बदलाव- जीवनशैली का हमारे मेंटल हेल्थ पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए अपने बच्चे के साथ-साथ पूरे परिवार की लाइफस्टाइल पर ध्यान दें। इससे आपके बच्चे को यह नहीं लगेगा कि सिर्फ उसके साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है। हेल्दी खाना खाएं, एक्सरसाइज करें, सोने का समय निर्धारित करें, स्क्रीन टाइम कम करें, एक-दूसरे के साथ समय बिताएं।यह भी पढ़ें: डिप्रेशन का शिकार बना सकती है आपकी गलत डाइट, अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए खाएं ये फूड्स
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।Picture Courtesy: Freepik