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Pregnancy में मां को न मिले खुशनुमा माहौल, तो होने वाली बेटी पर पड़ता है ये गंभीर असर!

प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। ऐसे में अगर परिवार या जीवनसाथी की ओर से उन्हें खुशनुमा माहौल न मिले तो इसका असर उनके साथ-साथ होने वाले बच्चे की सेहत पर भी पड़ता है। हाल ही में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बिहेवियरल डेवलपमेंट की एक रिसर्च सामने आई है जिसके नतीजों को हर महिला और उसके पार्टनर को जान लेना चाहिए।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sat, 16 Mar 2024 08:14 PM (IST)
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प्रेगनेंसी में डिप्रेशन होने पर महिला से साथ-साथ उसके बच्चे पर भी पड़ता है बुरा असर
एजेंसी, येरूशलम। Depression in Pregnancy: प्रेगनेंसी के दौरान मां को अगर डिप्रेशन रहता है तो यह होने वाली बेटी को प्रभावित कर सकता है। जी हां, दरअसल इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बिहेवियरल डेवलपमेंट के नए शोध के मुताबिक, गर्भावस्था में अगर मां को डिप्रेशन या कोई अन्य मानसिक समस्या हो, तो इसका असर कोख में पल रही नवजात पर भी पड़ता है। आइए जानते हैं कि क्या कहता है शोध।

'डिप्रेस' मां का बेटी पर पड़ता है ये असर

बेटी को मां से जन्म के साथ कई गुण मिलते हैं। ये बात आपने बड़े-बुजुर्गों से भी जरूर सुनी होगी। ऐसे में इस बात पर अब मुहर लगा रही है, हाल ही में सामने आई एक रिसर्च, जिसमें कहा गया है कि प्रेगनेंसी में अगर मां को डिप्रेशन का सामना करना पड़े, तो पैदा होने वाली बेटी में 10 साल की उम्र के बाद अनिद्रा की समस्या का जोखिम 70 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

बेटों पर नहीं पड़ता मां के डिप्रेशन का असर

शोध की दिलचस्प बात ये है, कि इसमें पाया गया है कि गर्भावस्था में डिप्रेशन का शिकार रहीं महिलाओं के बेटों पर दस साल की उम्र में अनिद्रा का कोई असर देखने को नहीं मिला, यानी लड़के इससे अप्रभावित दिखाई दिए। शोधकर्ता एमा बोलहुईस का कहना है कि डिप्रेशन का शिकार गर्भवती और बच्चों पर असर के लिए 2006 के इजराइल - लेबनान युद्ध के दौरान 207 माताओं पर शोध किया गया। युद्ध के चलते ये महिलाएं परिवारों में बिखराव और सामाजिक तनाव के कारण डिप्रेशन का शिकार हुईं थी।

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बच्चे की ओवरऑल ग्रोथ पर इफेक्ट

अध्ययन बताता है, कि इसमें मां के डिप्रेशन और बच्चों के स्लीप पैटर्न को दस साल बाद फिर ट्रैक किया गया, जिसमें बेटियों को अनिद्रा की समस्या देखने को मिली। एमा के मुताबिक अच्छी नींद बच्चों की ओवरऑल ग्रोथ के लिए काफी जरूरी है। किशोरावस्था से पहले आठ से दस घंटे की नींद नहीं ले पाने के कारण मानसिक के साथ शारीरिक विकास पर असर पड़ता है।

मां से तय होता है बेटी का इंटेलिजेंस लेवल

शोध की मानें, तो बेटी को मां से जन्म के साथ कुछ गुण मिलते हैं, जिनमें इंटेलिजेंस भी शामिल है। एक शोधकर्ता के मुताबिक गर्भावस्था में मां को डिप्रेशन के कारण माइटोकॉन्ड्रिया पर भी असर पड़ता है। माइटोकॉन्ड्रिया में XX क्रोमोसोम्स होते हैं जो बेटी को जैविक रूप से मां से ही मिलते हैं। बता दें, कि ये इंटेलिजेंस लेवल यानी बुद्धिमता को तय करते हैं।

डिप्रेशन का शिकार रही महिलाओं के बच्चों की हायर एजुकेशन की संभावना होती है कम

  • अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की 55 स्टडीज पर बेस्ड रिपोर्ट के मुताबिक गर्भावस्था में परिवार के साथ होने से महिला को सेहत से जुड़े जोखिम काफी कम होते हैं।
  • गर्भावस्था में डिप्रेशन का शिकार रही महिला के बच्चे की उच्च शिक्षा (Higher Education) पाने की संभावना कम होती है। ऐसी 20% महिलाओं के बच्चे ही आगे हायर एजुकेशन के लिए दाखिले ले पाते हैं।
  • 85 फीसदी महिलाएं प्रेगनेंसी में फैमिली के साथ होने पर मानसिक रूप से खुद को मजबूत महसूस करती हैं।
  • अमेरिका में फैमिली के साथ रहने वाली महिला का स्वस्थ बच्चे को जन्म देने का प्रतिशत अकेली महिला से ज्यादा देखा गया है।
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Picture Courtesy: Freepik