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Type-2 डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है 'धनुरासन' का अभ्यास, मिलते हैं कई सारे लाभ

डायबिटीज के मरीजों के शरीर में इंसुलिन का उत्पादन या तो कम होता है या पूरी तरह से बंद हो जाता है। जिसके चलते ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है और इसके चलते कई और दूसरी तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। हालांकि डाइट और एक्सरसाइज को रूटीन में शामिल करने से मधुमेह के रोगियों को कई फायदे मिलते हैं ऐसा ही एक असरदार आसन है धनुरासन।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Published: Tue, 25 Jun 2024 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2024 07:16 AM (IST)
डायबिटीज में धनुरासन करने के फायदे (Pic credit- freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डायबिटीज एक ऐसी हेल्थ प्रॉब्लम है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। रिपोर्ट की मानें, तो भारत में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज हैं। डायबिटीज मेटाबॉलिज्म से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें शरीर की इंसुलिन बनाने और उसके इस्तेमाल करने की क्षमता पर असर पड़ता है।

डायबिटीज दो प्रकार के होते हैं- टाइप-1 और टाइप- 2, जहां टाइप- 1 आनुवांशिक है, तो वहीं टाइप-2 डायबिटीज के लिए हमारी लाइफस्टाइल और खानपान की आदतें जिम्मेदार होती हैं। हालांकि डाइट और लाइफस्टाइल में जरूरी बदलावों से काफी हद तक टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है। कुछ योगासन भी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में आपकी मदद कर सकते हैं, जिसमें से एक है धनुरासन।

डायबिटीज में धनुरासन के फायदे

  • धनुरासन करने से पैनक्रियाज एक्टिव होता है। जिससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
  • धनुरासन के अभ्यास से पेट और इसके आसपास होने वाले खिंचाव से इन जगहों की चर्बी कम होती है। यह आसन मोटापा और वजन दोनों घटाने में असरदार है।
  • धनुरासन करने से किडनी भी अपना काम सही तरीके से करती है।
  • इस आसन को करने से कमर दर्द की समस्या दूर होती है।

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धनुरासन करने का तरीका

  • मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
  • दोनों घुटनों को मोड़कर हाथों से पकड़ लें। सिर को मैट पर टिका दें। 
  • गहरी सांस भरते हुए हाथ से पैरों को खिचें और अपर बॉडी को ऊपर की ओर उठाएं।
  • इस स्थिति में शरीर को पेट पर बैलेंस करना है।
  • अपनी क्षमतानुसार इस स्थिति पर जब तक रह सकते हैं बने रहें।
  • सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर आएं और बॉडी को रिलैक्स कर दें।
  • कुछ सेकंड आराम करने के बाद फिर से इसका अभ्यास करें। कम से कम पांच बार इस आसन को करने की कोशिश करें। 

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