कम उम्र में पीरियड्स और अनियमित माहवारी बन सकते हैं Diabetes की वजह, स्टडी में सामने आए अन्य दूसरे फैक्टर्स
डायबिटीज हार्ट अटैक स्ट्रोक जैसी बीमारियां घातक भी साबित हो सकती हैं। इनके पीछे की सबसे बड़ी वजह है मेटाबॉलिक डिसफंक्शन। इस वजह से इन बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। हाल ही में महिलाओं की रिप्रोडक्टिव एज और मेटाबॉलिक डिसफंक्शन के बीच संबंध पता करने के लिए एक स्टडी की है। जानें क्या पाया गया इस स्टडी में और कैसे रख सकते हैं आप अपनी सेहत का ख्याल।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Mon, 05 Feb 2024 07:03 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Diabetes and Cholesterol: डायबिटीज और दिल की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहा है। ये दोनों ही कंडिशन ब्लड शुगर बढ़ने, हाइपरटेंशन, मोटापे आदि की वजह से होती हैं। इन मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन के पीछे वैसे तो, लाइफस्टाइल की बहुत अहम भूमिका होती है, लेकिन हाल ही में आई एक स्टडी में इससे जुड़ी एक और वजह पर रोशनी डाल रही है, जिस पर लोग अक्सर ध्यान नहीं देते हैं। इस स्टडी में बताया गया है कि महिलाओं के रिप्रोडक्टिव इयर्स, मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन की वजह बन सकता है।
क्या है मेटाबॉलिक डिसफंक्शन?
मेटाबॉलिक डिसफंक्शन में कई कंडिशन्स शामिल होते हैं, जिनकी वजह से कई क्रॉनिक बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। मेटाबॉलिक डिसफंक्शन में हाई ब्लड प्रेशर, हाई शुगर लेवल, बॉडी फैट ज्यादा होना, कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई होना, मोटापा जैसी कंडिशन्स शामिल होती हैं। ये सभी कंडिशन्स डायबिटीज, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक आदि के खतरे को काफी बढ़ा देते हैं।
यह भी पढ़ें: वजन बढ़ने की वजह बन सकता है सुस्त मेटाबॉलिज्म, इन तरीकों से कर सकते हैं इसे बूस्ट
क्या है यह स्टडी?
हार्वड पिल्ग्रीम हेल्थ सेंटर इंस्टिट्यूट के कुछ रिसर्चर्स ने महिलाओं की रिप्रोडक्टिव एज और मेटाबॉलिक फंक्शन के बारे में संबंध खोजने की कोशिश की। इस रिव्यू में कुछ ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे यह समझा जा रहा है कि कुछ रिप्रोडक्टिव ट्रेट्स, क्रॉनिक मेटाबॉलिक डिजीज के खतरे को बढ़ाता है। इन रिप्रोडक्टिव ट्रेट्स में जल्दी पीरियड्स का शुरू होना, पीसीओडी, अनियमित माहवारी, प्रेग्नेंसी के दौरान वजन में अधिक बदलाव आना, मेनोपॉज की उम्र और इसके क्या लक्षण नजर आ रहे हैं, प्रेग्नेंसी के दौरान फैट और शुगर लेवल में असामान्य बदलाव शामिल हैं। इन रिव्यू की मदद से महिलाओं में मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन की वजह से होने वाली बीमारियों का जल्दी पता लगाकर, इन्हें और गंभीर होने से रोका जा सकता है।
कैसे कर सकते हैं बचाव?
इन परेशानियों से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल का होना काफी आवश्यक है। हेल्दी लाइफस्टाइल ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने, बीपी मैनेज करने और वजन मेंटेन करने के लिए जीवनशैली में हेल्दी बदलाव करना काफी जरूरी है।
- अधिक समय तक एक ही जगह बैठे न रहें। एक्टिव लाइफस्टाइल फॉलो करने से इन क्रॉनिक बीमारियों से बचाव करने में काफी मदद मिल सकती है। इसलिए कोशिश करें कि जितना आप खुद को एक्टिव रख सकते हैं, उतना रखें। काम के बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें, एक्सरसाइज करें, अगर आपके पास पेट है, तो उनके साथ खेलें या किसी स्पोर्ट एक्टिविटी में हिस्सा लें।
- अपनी डाइट में हेल्दी फूड आइटम्स, जैसे- साबुत अनाज, फल, सब्जी, डेयरी प्रोडक्ट्स, नट्स आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। प्रोसेस्ड फूड्स, अधिक शुगर और अधिक नमक वाले फूड आइटम्स को अपनी डाइट में कम से कम शामिल करें।
- इसके अलावा, भरपूर मात्रा में पानी पीएं, नींद पूरी करें और तनाव मैनेज करने की कोशिश करें।