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डायबिटीज पहुंचा सकता है आंखों को नुकसान, जानें कैसे कर सकते हैं इसकी वक्त रहते पहचान

डायबिटीज (Diabetes) एक लाइलाज बीमारी है जिससे बचाव करना बेहद जरूरी है। इसे ठीक भले ही नहीं किया जा सकता लेकिन इसे मैनेज जरूर कर सकते हैं। डायबिटीज कंट्रोल न होने पर शरीर के कई अंग प्रभावित होने लगते हैं जिनमें आंखें भी शामिल हैं। यहां हम इसी बारे में जानेंगे कि कैसे डायबिटीज आंखों को नुकसान (Diabetic Retinopathy) पहुंचा सकता है और इसके लक्षण कैसे होते हैं।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Sat, 12 Oct 2024 04:29 PM (IST)
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डायबिटीज पहुंचा सकता है आंखों को नुकसान (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Diabetic Retinopathy: भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हाल फिलहाल की बात करें, तो लगभग 10 करोड़ से भी ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। आज के समय में सिर्फ बड़े ही नहीं, बच्चे भी इसका तेजी से शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज में शरीर इंसुलिन हॉर्मोन को बनाने और उसे इस्तेमाल करने की क्षमता कम हो जाती है या खत्म हो जाती है। यह बीमारी बढ़ते समय के साथ किडनी, नसों, दिल और आंखों को प्रभावित कर सकती है। आज हम इसी बारे में बात करेंगे कि कैसे डायबिटीज आपकी आंखों को प्रभावित कर सकती है। आइए जानें।

Diabetes Symptoms

क्या है डायबिटीक रेटिनोपैथी?

डायबिटीज के चलते होने वाली आंखों की बीमारी को डायबिटीक रेटिनोपैथी कहते हैं, जो बहुत ही गंभीर है इसके चलते आंखों की रोशनी भी जा सकती है। हालांकि, समय पर जांच और उपचार से काफी हद तक इस समस्या को रोका जा सकता है।

डायबिटीक रेटिनोपैथी के ज्यादातर मामले बिना लक्षण के ही होते हैं। इस बीमारी का तब तक पता नहीं चलता, जब तक कि नियमित तौर से रेटिनल जांच न कराई जाए। इसलिए इसे 'दृष्टि का साइलेंट चोर' भी कहा जाता है। शुगर के मरीजों में डायबिटीक रेटिनोपैथी के चांसेज समय के साथ बढ़ते जाते हैं। इसलिए डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद जरूरी है डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का सेवन करना और जरूरी परहेज करना। इस बीमारी को कंट्रोल में रखकर हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।

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कैसे होते हैं डायबिटीक रेटिनोपैथी के लक्षण?

क्यों जरूरी है नियमित जांच?

डायबिटिक रेटिनोपैथी जांच की आवश्यकता को लेकर विट्रीओ रेटिनल सोसाइटी ऑफ इंडिया के जनरल सेकेट्री डॉ. मनीषा अग्रवाल का कहना है कि, डायबिटीक रेटिनोपैथी के मामले इसलिए तेजी से बढ़ रहे हैं, क्योंकि इसे लेकर लोगों में जानकारी और जागरूकता दोनों की कमी है। दूसरा की शुरुआती स्टेज में ज्यादातर मामले बिना लक्षण के ही होते हैं। तीनों ही चीजें मिलकर स्थिति को गंभीर बना देती हैं इसलिए बेहद जरूरी है डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को डायबिटीक रेटिनोपैथी के बारे में जागरूक करना।

आरएसएसडीआई के जनरल सेकेट्री डॉ. संजय अग्रवाल का कहना है कि, डायबिटीक रेटिनोपैथी एक ऐसी बीमारी है, जिसका अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह अंधेपन का कारण बन सकती है। इस बीमारी को लेकर डॉक्टर्स को मरीजों को विस्तार से बताने और नियमित तौर पर जांच की आवश्यकता को लेकर जागरूक करने की जरूरत है।

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