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देर रात उल्लू की तरह जागते हैं आप, तो Diabetes का शिकार बना सकती है लेट नाइट सोने की आदत

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है। इसे आमतौर पर दवाओं और सही खानपान की मदद से कंट्रोल किया जाता है। यह बीमारी कई कारणों से लोगों को अपना शिकार बनाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि देर रात सोने की आदत भी आपको डायबिटीक बना सकती है। आइए जानते हैं लेट नाइट सोने और डायबिटीज (Diabetes Health Risks) का कनेक्शन।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 21 Nov 2024 08:02 AM (IST)
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कैसे डायबिटीज की वजह बन सकती है देर रात जागने की आदत (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। बीते कुछ समय से दुनियाभर में इसके मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। खासकर भारत में दोगुनी रफ्तार से डायबिटीज की बीमारी फैल रही है। हालात ऐसे हैं कि भारत दुनिया का डायबिटीज कैपिटल बन चुका है। यह बीमारी कई कारणों से व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती है। ज्यादा मीठा खाने की आदत, खराब लाइफस्टाइल और पारिवारिक इतिहास इसके कुछ प्रमुख कारण हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके देर से सोने की आदत (Late-Night Sleeping Habits) भी आपको इस लाइलाज बीमारी का शिकार बना सकती है।

इन दिनों लोगों की जीवनशैली पूरी तरह बदल गई है, जिसकी वजह से लोगों के सोने और जागने का समय भी काफी बदल चुका है। अक्सर कई लोगों की देर रात सोने की आदत होती है, जिससे सेहत से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती है। इतना ही नहीं आपकी यह आदत आपको टाइप-2 डायबिटीज (Diabetes Health Risks) का शिकार भी बना सकती है। आइए शारदा हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ श्रेय श्रीवास्तव और न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स में कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट डॉ. आकाश शाह से जानते हैं इसकी वजह-

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देर से सोने और डायबिटीज का कनेक्शन

डॉक्टर बताते हैं कि लगातार देर रात तक सोने (health risks of late nights) से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। हमारा शरीर सर्कैडियन क्लॉक नामक एक नेचुरल रिदम का पालन करता है, जो दिन और रात की साइकिल होती है। जब हम देर तक जागते हैं, तो यह नेचुरल रिदम बाधित हो जाता है, जिससे हार्मोन के लेवल और मेटाबॉलिज्म प्रोसेस में बदलाव होता है।

डॉक्टर आगे कहते हैं कि रिदम के बाधित होने की वजह से शरीर के ब्लड शुगर को संभालने के तरीके पर असर पड़ सकता है, क्योंकि इससे इंसुलिन प्रोडक्शन पर असर पड़ सकता है, जो शरीर में ब्लड शुगर को रेगुलेट करने वाला एक हार्मोन है। इस तरह डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।

स्टडी में भी हुआ खुलासा

कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग देर से सोते हैं या अनियमित नींद के पैटर्न वाले होते हैं, उनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज का एक प्रमुख कारक है। इंसुलिन रेजिस्टेंस शरीर के सेल्स के लिए ग्लूकोज को अवशोषित करना कठिन बना देता है, जिससे समय के साथ ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इसके अलावा, देर रात सोने वालों को अक्सर खराब स्लीप क्वालिटी, नींद का समय कम होना और ज्यादा तनाव होने का अनुभव होता है, जो सभी मेटाबॉलिज्म के असंतुलन में योगदान करते हैं।

इसलिए जरूरी समय से सोना

ऐसे में डॉक्टर सलाह देते हैं कि लगातार नींद का शेड्यूल बनाए रखने और जल्दी सो जाने से शरीर का नेचुरल रिदम बेहतर रहता है और इससे बेहतर ब्लड शुगर रेगुलेशन को बढ़ावा मिलता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज के विकास के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

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