Fatty Liver Disease: फैटी लिवर की वजह बन सकती है टाइप 2 डायबिटीज, जानें इसके अन्य प्रमुख कारण
Fatty Liver Disease तेजी से बदलती लाइफस्टाइल न सिर्फ हमारे जीने का तरीका बदल रही है बल्कि हमारे स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल रही है। इन दिनों लोग कई समस्याओं का शिकार हो रहे हैं जिनमें से एक फैटी लिवर डिजीज है। यह एक आम समस्या है जो तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। आइए जानते हैं इसके कुछ प्रमुख कारण-
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Tue, 14 Nov 2023 12:44 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Fatty Liver Disease: हमारे शरीर में मौजूद सभी अंग स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है। सभी अंगों के अपने विशेष कार्य होते हैं, जो हमें सेहतमंद रहने में मदद करते हैं। लिवर इन्हीं अंगों में से एक है, जो हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। ऐसे में जरूरी है कि हेल्दी रहने के लिए अपना और अपने लिवर का पूरा ध्यान रखा जाए। हालांकि, तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खानपान के प्रति हमारी लापरवाही हमारे लिवर के लिए हानिकारक हो सकती है, जिसकी वजह से लिवर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
इन दिनों कई लोग लिवर से जुड़ी समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। फैटी लिवर इन्हीं समस्याओं में से एक है, जो कई बार गंभीर रूप भी ले सकता है। ऐसे में जरूरी है कि इस पीछे के प्रमुख कारणों के बारे में जानकर समय रहते इसे रोका जा सके। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे उन फैक्टर्स के बारे में, जो फैटी लिवर का कारण बनते हैं। साथ ही जानेंगे इसके कुछ लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में-
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क्या है फैटी लिवर?
आमतौर पर लोगों का मानना है कि शराब पीने की वजह से या सिर्फ शराब पीने वालों को भी लिवर से जुड़ी बीमारियां होती हैं। हालांकि, यह पूरी तरह सच नहीं है। ऐसे में लोग जो कम या बिल्कुल भी शराब नहीं पीते हैं, उन्हें भी नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) हो सकता है। यह बीमारी तब होती है, जब आपके लिवर में एक्स्ट्रा फैट यानी चर्बी जमा हो जाती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह आगे चलकर सिरोसिस, या फिर लिवर फेलियर का कारण बन सकता है।
फैटी लिवर के कारण क्या है?
मायो क्लिनिक के मुताबिक विशेषज्ञ अभी तक इस बात को नहीं जानते हैं कि कुछ लिवर में फैट क्यों जमा होता है और कुछ में नहीं। साथ ही वह यह भी नहीं समझ पाए हैं कि क्यों कुछ फैटी लीवर नॉन-एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) में बदल जाते हैं। NAFLD और NASH दोनों के कुछ प्रमुख कारण निम्न हैं-- जेनेटिक्स
- अधिक वजन या मोटापा
- इंसुलिन रेजिस्टेंट
- टाइप 2 डायबिटीज
फैटी लिवर के रिस्क फैक्टर्स
मायो क्लिनिक के मुताबिक कई बीमारियां और स्वास्थ्य समस्याएं एनएएफएलडी यानी नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज के खतरे को बढ़ा सकती हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं-
- पीसीओएस
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- इंसुलिन रेजिस्टेंट
- मेटाबॉलिक सिंड्रोम
- टाइप 2 डायबिटीज
- हाइपोपिट्यूटारिज्म
- ग्रोथ हार्मोन की कमी
- ऑब्ट्रक्टिव स्लीप सिंड्रोम
- ब्लड में ट्राइग्लिसराइड्स का हाई लेवल
- मोटापा, खासकर जब चर्बी कमर पर जमा हो
- फैटी लीवर या मोटापे का पारिवारिक इतिहास
- अंडरएक्टिव थायराइड या हाइपोथायरायडिज्म
कैसे करें फैटी लिवर से बचाव?
- फैटी लिवर से बचने के लिए स्वस्थ आहार खाएं, जो फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी फैट से भरपूर हो।
- अल्कोहल, नॉर्मल शुगर आदि का सीमित सेवन करें। सोडा, स्पोर्ट्स ड्रिंक, जूस और बहुत मीठी चाय आदि से परहेज करें। शराब पीने से आपका लीवर खराब हो सकता है, इसलिए इससे बचना चाहिए।
- अपना स्वस्थ वजन बनाए रखें। अगर आपका वजन ज्यादा है या आप मोटापे का शिकार हैं, तो धीरे-धीरे वजन कम करने की कोशिश करें।
- सेहतमंद रहने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है। अगर आप नियमित रूप से व्यायाम नहीं कर रहे हैं, हल्की एक्सरसाइज जरूर करें।