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क्या मोटापे की वजह से हो सकता है डायबिटीज, यहां समझें दोनों के बीच का कनेक्शन

डायबिटीज और मोटापा ऐसी बीमारियां है जो लोगों के बीच तेजी से बढ़ रही हैं। इनके कारण सेहत से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों के बीच काफी गहरा कनेक्शन (Obesity and diabetes connection) होता है। आइए जानते हैं कि कैसे मोटापे की वजह से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है और इससे कैसे बच सकते हैं।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 18 Nov 2024 12:57 PM (IST)
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डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है मोटापा (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मोटापा और डायबिटीज दो ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो आजकल तेजी से बढ़ रही हैं। कुछ रिपोर्ट्स में भी यह सामने आ चुका है कि भारत में मोटापा और डायबिटीज दोनों के ही मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो गंभीर चिंता का कारण है। इन बीमारियों की वजह से सेहत को काफी नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दोनों ही समस्याएं एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी (Obesity and Diabetes Connection) हुई हैं। इतना ही नहीं, मोटापा डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक बढ़ा भी सकता है। आइए जानते हैं क्या है डायबिटीज और मोटापे के बीच का कनेक्शन और कैसे इससे बचा (Diabetes Prevention Tips) जा सकता है।

मोटापा एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में फैट की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है। यह अनहेल्दी खान-पान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण होता है। मोटापा कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है, जैसे कि डायबिटीज और हार्ट डिजीज।

क्यों होती है डायबिटीज?

वहीं, डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। यह शरीर की इंसुलिन हार्मोन का लेवल कम होने के कारण होता है। इंसुलिन शरीर के सेल्स में ग्लूकोज को पहुंचाने में मदद करता है, जिससे एनर्जी के लिए उनका इस्तेमाल होता है और ब्लड शुगर लेवल नियमित रहता है। डायबिटीड दो प्रकार के होते हैं। टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज। टाइप 1 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन नहीं बनता है। दूसरी तरफ, टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन का उत्पादन तो करता है, लेकिन सेल्स उसका इस्तेमाल सही से नहीं कर पाती हैं।

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क्या है मोटापा और डायबिटीज का कनेक्शन?

मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज के बीच काफी गहरा रिश्ता है। मोटापे से पीड़ित लोगों में टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इसका कारण यह है कि एक्सट्रा फैट सेल्स इंसुलिन के प्रभाव को कम कर देती हैं, जिससे बॉडी ग्लूकोज को एब्जॉर्ब नहीं कर पाती हैं। इसके कारण ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है और डायबिटीज हो जाती है।

मोटापा डायबिटीज के खतरे को कैसे बढ़ाता है?

  • इंसुलिन रेजिस्टेंस- मोटापे में शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंसी बढ़ जाती है, जिससे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है।
  • सूजन- मोटापा शरीर में सूजन का कारण बन सकता है, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाता है।
  • फैटी लीवर- मोटापे से फैटी लीवर होने का खतरा बढ़ जाता है, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप-2 डायबिटीज से जुड़ा हुआ है।
  • हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल- मोटापा हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकता है, जो डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाते हैं।
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)- मोटापा PCOS का खतरा भी बढ़ाता है, जो महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज का एक प्रमुख जोखिम कारक है।

मोटापे और डायबिटीज के खतरे को कैसे कम करें?

  • हेल्दी डाइट- हेल्दी डाइट लें जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन से भरपूर खाने को शामिल हों। चीनी और सेचुरेटेड फैट का सेवन कम करें।
  • फिजिकल एक्टिविटी- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
  • वजन कम करें- यदि आप मोटापे से पीड़ित हैं तो वजन कम करने की कोशिश करें।
  • दवाएं- डॉक्टर की सलाह पर डायबिटीज की दवाएं लें।
  • जीवनशैली में बदलाव- तनाव कम करें, पूरी नींद लें और स्मोकिंग न करें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।