स्टडी में पाया गया क्या हो सकती है बढ़ती उम्र में Diabetes की वजह, इन तरीकों से कर सकते हैं बचाव
डायबिटीज एक ग्लोबल चैलेंज है जिससे बचाव करना ही इसका सबसे बेहतर इलाज है। हाल ही में एक स्टडी की मदद से बुढ़ापे में होने वाली डायबिटीज की वजह को समझने की कोशिश की गई है। इसमें पैंक्रियाज में मौजूद कुछ एंडोक्राइन सेल लॉस के बारे में रीसर्च की गई है। जानें क्या पाया गया इस स्टडी में और किन तरीकों से डायबिटीज से बचाव में मदद मिल सकती है।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Mon, 15 Jan 2024 12:04 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Diabetes एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 42.2 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि डायबिटीज एक ग्लोबल समस्या बन चुकी है, जिसे कंट्रोल करने के अलावा और कोई इलाज नहीं है। इसलिए डायबिटीज पर अक्सर स्टडीज होती रहती है, हाल ही में टोक्यो मेट्रोपॉलिटन यूनीवर्सिटी के कुछ शोधकर्ताओं ने बढ़ती उम्र की वजह से होने वाले डायबिटीज के बारे में स्टडी की और कुछ ऐसा पाया, जिसकी मदद से बुजुर्गों में डायबिटीज से बचाव में मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं क्या पाया गया इस स्टडी में।
क्या पाया गया स्टडी में...
पैंक्रियाज हमारे शरीर का वह अंग होता है, जो इंसुलिन रिलीज कर, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। इंसुलिन में कमी की वजह से डायबिटीज होने को जोखिम होता है क्योंकि ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। इस स्टडी में पैंक्रियाज के एक इंटरनल सट्रक्चर के बारे में स्टडी की गई, जिसे आइलेट्स ऑफ लैंगरहैंस कहा जाता है। ये सेल्स एंडोक्राइन सेल्स होते हैं, जो इंसुलिन हार्मोन बनाते हैं। बढ़ती उम्र के साथ, इन सेल्स का लॉस होने लगता है, जो सेनाइल डायबिटीज, यानी बढ़ती उम्र में होने वाला डायबिटीज, की वजह बन सकता है।
यह भी पढ़ें: सेहत के लिए नुकसानदेह है स्लीप डेट, इन समस्याओं का करना पड़ सकता है सामना
इस स्टडी में इन सेल्स के लॉस को उम्र और लिंग के आधार पर ऑब्जर्व किया और पाया गया कि महिलाओं में इन सेल्स का लॉस अधिक होता है। इन सेल लॉस को रोकने की कोशिश, डायबिटीज से बचाव की तरफ एक कदम हो सकता है। लेकिन तब तक, लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके, हम डायबिटीज से अपना बचाव कर सकते हैं।
एक्सरसाइज करें
फिजिकल एक्टिविटी की मदद से हमारी बॉडी एक्टिव रहती है और हमारा मेटाबॉलिज्म भी बेहतर रहता है। एक्सरसाइज करने से हमारे सेल्स की इंसुलिन सेंसिटिविटी भी बढ़ती है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह वजन कम करने में भी मदद करता है। ये सभी डायबिटीज के रिस्क फैक्टर्स होते हैं, जिनसे बचाव करने में एक्सरसाइज आपकी मदद कर सकता है। इसलिए रोज 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें।प्लांट-बेस्ड डाइट
एक स्टडी के मुताबिक, प्लांट-बेस्ड डाइट डायबिटीज के खतरे को 24 प्रतिशत कम कर देता है। इसलिए कोशिश करें कि अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, साबुत अनाज, नट्स आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। इनसे आपको सभी पोषक तत्व भी मिलते हैं और आपका वजन भी नहीं बढ़ता। साथ ही, प्रोसेस्ड फूड आइटम्स और रिफाइन्ड फूड्स को अपनी डाइट में शामिल न करें।
वजन कम करें
अधिक वजन होना, डायबिटीज का एक बहुत बड़ा रिस्क फैक्टर है। इसलिए अगर आपका वजन अधिक है, तो वजन कम करने की कोशिश करें। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से बात करके, एक्सरसाइज और डाइट प्लान कर सकते हैं। इससे आप हेल्दी भी रहेंगे और आपकी वजन भी कम होगा।अपने खाने का पोर्शन कंट्रोल करें
खाना खाते समय कई बार हम एक बार में अधिक खाना खा लेते हैं और फिर बहुत देर तक कुछ नहीं खाते। इस वजह से हमारा ब्लड शुगर लेवल अचानक से स्पाइक कर जाता है। जिस कारण से डायबिटीज का खतरा होता है। इसलिए अपने खाने के पोर्शन को कंट्रोल करें और एक बार में अधिक खाने के बदले, थोड़ा-थोड़ा खाना, थोड़ी-थोड़ी देर में खाएं।स्मोकिंग न करें
स्मोकिंग करने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, जिस कारण से हमारी बॉडी के सेल्स ठीक से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाते और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल नहीं होता। इसलिए अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लेकर, इसे छोड़ने की कोशिश करें और अगर आप स्मोकिंग नहीं करते, तो पैसिव स्मोकिंग से भी बचने की कोशिश करें।यह भी पढ़ें: शरीर में विटामिन-बी12 की कमी हो सकता है खतरनाक, इन लक्षणों की मदद से करें इसकी पहचानPicture Courtesy: Freepik