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Diabetes Tips: सदाबहार के फूल से हो सकता है डायबिटीज का इलाज? जानें क्या है सच्चाई

Diabetes Tips डायबिटीज जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या इन दिनों तेजी से बढ़ रही है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल और फूड इसकी सबसे बड़ी वजहों में से एक है। चलिए जानते हैं कि क्या सदाबहार के फूल इसके इलाज में फायदेमंद हैं या नहीं।

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Tue, 04 Apr 2023 09:05 AM (IST)
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Diabetes Tips: सदाबहार के फूल से हो सकता है डायबिटीज का इलाज? जानें क्या है सच्चाई

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diabetes Tips: मधुमेह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, खासतौर से टाइप 2, दुनिया भर में एक बढ़ती हुई चिंता बन गई है। ये समस्या काफी तेजी से लोगों में बढ़ रही है। WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 1980 में दुनियाभर में 108 मिलियन लोग इससे प्रभावित थे, वहीं साल 2014 में ये आंकड़ा बढ़कर 420 मिलियन से अधिक हो गया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मधुमेह से पीड़ित 95 प्रतिशत से अधिक लोग मरीज टाइप 2 मधुमेह के हैं। यही वजह है कि शोधकर्ता मधुमेह के विभिन्न उपचारों पर काम कर रहे हैं। इस बीच सदाबहार के फूल, जिसे कैथरैन्थस रोसियस के नाम से भी जाना जाता है उसे लेकर एक दावा किया गया है। इस फूल को जड़ी-बूटी के रूप में माना जा रहा है, जिसके बारे में कई लोगों का मानना है कि यह मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करती है। चलिए जानते हैं सदाबहार के फूल मधुमेह के लिए अच्छे हैं या नहीं।

मधुमेह के लिए सदाबहार

सदाबहार के फूलों में कैंसर रोधी, एंटीऑक्सीडेंट और मधुमेह रोधी गुण है या नहीं इसे लेकर कई शोध अध्ययनों का विषय रहा है। सदाबहार के फूल के कुछ अल्कलॉइड्स ( प्राकृतिक रूप से उपलब्ध रासायनिक यौगिक) को कैंसर जैसी कई स्थितियों के इलाज में मददगार दिखाया गया है। इसके अन्य रासायनिक भाग उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए उपयोगी हैं।

कुछ लोगों का कहना है कि इसे अपने चिकित्सक या मधुमेह विशेषज्ञ की देखरेख में आजमाया जा सकता है। हालांकि, सदाबहार के फूल लंबे समय तक इलाज के लिए फायदेमंद और सुरक्षित हैं या नहीं इसका अभी भी इंतजार है। इसलिए अगर आप इसे परिवार के किसी सदस्य के इलाज के रूप में उपयोग करने की योजना बना रहे हैं तो पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

क्या सदाबहार टाइप 1 या टाइप 2 मधुमेह में फायदेमंद है?

टाइप 1 मधुमेह एक ऐसी स्थिती है, जबां पूर्ण इंसुलिन की कमी होती है। टाइप 1 डायबिटीज़ में इंसुलिन के अलावा किसी और चीज़ के इस्तेमाल का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन टाइप 2 डायबिटीज या प्री-डायबिटीज के शुरुआती चरणों में इसे आजमाया जा सकता है, लेकिन केवल और केवल एक योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही या फिर उनकी सलाह पर ही।

चिकित्सक आपकी स्वास्थ्य स्थिती को देखते हुए इस फूल के जरिए आपका इलाज करने की सलाह देंगे। क्योंकि सदाबहार के फूल के इस्तेमाल से परिणाम न केवल रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में प्रभावी होने चाहिए, बल्कि यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गुर्दे, हृदय, यकृत या शरीर के अन्य किसी अंग को नुकसान न पहुंचे। डॉक्टर की सलाह पर इस्तेमाल करना सुरक्षित होता है क्योंकि वो पहले इसका परिक्षण करेंगे और अगर सदाबहार इन परीक्षणों को पास कर लेता है, तो यह टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है।

डायबिटीज के लिए सदाबहार के इस्तेमाल के टिप्स

सदाबहार की पत्तियों और फूलों का उपयोग मधुमेह प्रबंधन के लिए किया गया है, और यहां बताया गया है कि आप उनका उपयोग कैसे कर सकते हैं!

• पत्तियों, जड़ों या पूरे पौधे का रस उपयोगी हो सकता है।

• सदाबहार के 5 से 6 पत्ते चबाएं।

• सूखे पत्तों के पाउडर का भी उपयोग कर सकते हैं।

• सदाबहार के 8 से 10 फूलों को पानी में उबालकर चाय बनाकर भी पी सकते हैं।

सदाबहार के फूल से इन लोगों को करना चाहिए परहेज

इससे पहले कि आप यह आर्टिकल पढ़कर अपने घर पर ही इसका इस्तेमाल शुरू कर दें, आपको पता होना चाहिए कि इसे सावधानी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। खासतौर से उन लोगों को जो अल्सर और गैस्ट्र्रिटिस जैसी समस्या से ग्रस्त हैं। ऐसा इसकी गर्म शक्ति के कारण है। इसके अलावा गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।