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Diabetes: डायबिटीज के मरीज इन लाइफस्टाइल आदतों को अपना कर, करें 2024 की धमाकेदार शुरुआत

नए साल के फिटनेस रेजोल्यूशन में डायबिटीज के मरीजों को कुछ खास आदतों को शामिल करना चाहिए। इन आदतों की वजह से डायबिटीज को कंट्रोल करने में काफी मदद मिल सकती है। इस बीमारी में सावधानी न बरतने की वजह से यह घातक भी साबित हो सकती है। जानें नए साल के फिटनेस रेजोल्यूशन में डायबिटीक लोगों को किन आदतों को लाइफस्टाइल में शामिल करना चाहिए।

By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Fri, 29 Dec 2023 09:25 PM (IST)
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नए साल में इन आदतों को अपना करें डायबिटीज को कंट्रोल
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Diabetes: नए साल के रेजोल्यूशन में हम सभी अपने लिए कुछ खास फिटनेस गोल्स शामिल जरूर करते हैं, फिर बाद में हम भले ही उन रेजोल्यूशन को न मानें। लेकिन हम आपको बता दें कि अगर आप डायबिटीक हैं, तो आपको अपने फिटनेस रेजोल्यूशन में कुछ बातों को शामिल जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं, डायबिटीज के मरीजों को नए साल की शुरुआत के साथ किन बदलावों को अपनी लाइफस्टाइल में अपनाना चाहिए।

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसे कंट्रोल न किया जाए, तो जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इस बीमारी से बचाव किया जाए और अगर आप इससे पीड़ित हैं, तो सावधानियां बरती जाए। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, भारत में डायबिटीज एक बढ़ती हुई चुनौती है, अनुमानित 8.7% डायबिटीज आबादी 20 से 70 वर्ष की आयु वर्ग में है। इस आंकड़े से आप इस बीमारी की गंभीरता का अनुमान लगा सकते हैं और डायबिटीज के मामले साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं, जो इसे एक गंभीर चुनौती बनाती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर, हम इस बीमारी से बचाव भी कर सकते हैं और काफी हद तक कंट्रोल भी कर सकते हैं। तो क्यों न इस नए साल हम इन बातों का ध्यान रख, इस बीमारी को कंट्रोल कर, अपनी रक्षा करने की कोशिश करें।

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एक्सरसाइज को अपनी लाइफ का हिस्सा बनाएं…

डायबिटीज में मोटापा या ओवर वेट जैसी कंडिशन की वजह से परेशानी बढ़ सकती है। वैसे भी मोटापा और ओवर वेट डायबिटीज का रिस्क फैक्टर होता है। इसलिए एक्सरसाइज को अपनी रूटीन का हिस्सा बनाएं। इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होता है। साथ ही, यह कोलेस्ट्रॉल कम करने और दिल को हेल्दी रखने में मददगार होता है। डायबिटीज के मरीजों को रोज कम से कम 30 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज करनी चाहिए।

एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं…

एक ही जगह पर बहुत देर तक बैठे रहने की वजह से आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। काफी लंबे समय तक बैठे रहने की वजह से और भी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बहुत लंबे समय तक एक ही जगह बैठने से बचें। अगर आपकी डेस्क जॉब है, तो काम के बीच में छोटे छोटे ब्रेक लें। काम के बीच हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग करें, इससे आपका ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर रहेगा।

डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स को कंट्रोल करें…

कार्बोहाइड्रेट्स ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। दरअसल, ज्यादातर मात्रा में ग्लूकोज इनसे ही मिलता है। इसलिए खाने में कार्ब्स को कंट्रोल करें। ऐसे कार्बोहाइड्रेट्स वाले फूड आइटम्स चुनें, जिनमें फाइबर की मात्रा भरपूर हो, ताकि ब्लड शुगर अचानक से स्पाइक न करे। ब्लड में धीरे-धीरे शुगर रिलीज होने की वजह से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में आसानी होती है।

प्रोसेस्ड फूड आइटम्स से दूरी बनाएं…

अपनी डाइट में से प्रोसेस्ड और शुगरी फूड आइटम्स को शामिल न करें। इन फूड्स की वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है। इसलिए एक्सट्रा फ्राइड फूड्स और एडेड शुगर को अपनी डाइट से बाहर करें।

भरपूर मात्रा में पानी पीएं…

पानी आपके मेटाबॉलिज्म के लिए काफी आवश्यक होता है। इसकी कमी की वजह से पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है, जो बदले में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का कारण बन सकता है। इसलिए रोज दिनभर में कम से कम 7-8 गिलास पानी जरूर पीएं।

स्ट्रेस मैनेजमेंट सीखें…

स्ट्रेस की वजह से आपके शरीर में कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है, जिस वजह से आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए तनाव कम करने की कोशिश करें। इसके लिए योग, मेडिटेशन आदि की सहायता लें, ताकि आपका स्ट्रेस लेवल कम हो सके। स्ट्रेस आपके दिल के लिए भी हानिकारक होता है, इसलिए इससे बचाव करने में ही लाभ है।

नींद पूरी करें…

नींद पूरी न होने की वजह से भी हमारे शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ सकता है, जिस कारण से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसलिए रोज 7-8 घंटे की नींद लें। इस बात का ध्यान रखें आपको 7-8 घंटे की लगातार नींद लेनी है। नींद के बार-बार टूटने की वजह से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik