Uric Acid: एक्सपर्ट से जानिए, यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या खाएं और क्या नहीं
Uric Acid शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में दर्द होता है जिसे गाउटी आर्थराइटिस कहा जाता है। इससे मरीज को हर समय बुखार जैसा भी महसूस होता है। तो चलिए जानते हैं यूरिक एसिड बढ़ने पर कैसे कंट्रोल करें।
नई दिल्ली, Uric Acid: बदलती जीवनशैली में लोग न तो समय पर सोते हैं, ना समय पर खाते हैं और ना ही कोई व्यायाम करते हैं। इसका परिणाम यह है कि 30-40 साल की उम्र में ही बीमारियां जकड़ रही हैं। यूरिक एसिड का बढ़ना भी एक ऐसी ही बीमारी है, जो खानपान की वजह से पनपती है...
पैरों की अंगुलियों या फिर पैर के अंगूठे में दर्द और सूजन है। एड़ियों और घुटनों के दर्द से परेशान हैं, तो यह यूरिक एसिड बढ़ने का संकेत हो सकता है। यूरिक एसिड शरीर में मौजूद प्यूरीन नामक प्रोटीन के टूटने से बनता है। शरीर में पहले से यूरिक एसिड की कुछ मात्रा होती है, जो 3.5 से 7.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर तक हो सकती है। यदि शरीर में इससे ज्यादा यूरिक एसिड की मात्रा हो जाए तो इसे हाई यूरिक एसिड की समस्या कहा जाता है। लिवर और किडनी की कार्यप्रणाली प्रभावित होने से यूरिक एसिड का स्तर गड़बड़ा जाता है। मांसाहार के ज्यादा सेवन से इसका स्तर बढ़ सकता है। हालांकि, यदि शुरुआती स्तर पर इसका उपचार शुरू करा दें और खानपान संतुलित रखें, तो इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के नुकसान
अगर यूरिक एसिड का स्तर बहुत ज्यादा हो जाए, तो इससे किडनी फेल, किडनी स्टोन और ब्लड प्रेशर बढ़ने जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यूरिक एसिड बढ़ने से हृदय पर दबाव भी बढ़ जाता है। इससे हृदय रोग की आशंका हो सकती है। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में दर्द होता है, जिसे गाउटी आर्थराइटिस कहा जाता है। इससे मरीज को हर समय बुखार जैसा भी महसूस होता है।
क्या हैं लक्षण
यूरिक एसिड शरीर की कोशिकाओं और उन चीजों से बनता जो हम खाते हैं। इसमें से यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनी से फिल्टर होता है जो यूरिन के जरिये शरीर से बाहर आ जाता है, लेकिन यदि यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बन रहा है या किडनी फिल्टर नहीं कर पाती तो रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। बाद में यह हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है और इससे गाउट की समस्या पैदा हो जाती है। यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की मांसपेशियों में सूजन आती है। इससे खासकर टखने, कमर, गर्दन, घुटने में दर्द के अलावा गाउट, गठिया और आर्थराइटिस की समस्या उत्पन्न होती है। इसके अलावा, पैरों और हाथों की अंगुलियों में चुभन वाला दर्द होता है जो कई बार असहनीय हो जाता है। इससे पीड़ित व्यक्ति जल्दी थक भी जाता है। इसलिए इन लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो डाक्टर से संपर्क करें।
प्रमुख कारण
खानपान और बदलती जीवनशैली में बदलाव यूरिक एसिड बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। कम पानी पीना, अल्कोहल का सेवन, अत्यधिक प्रोटीनयुक्त आहार लेने के अलावा कुछ वंशानुगत कारण भी हो सकते हैं। मधुमेह, बीपी, कैंसर रोधी दवाओं और पेन किलर्स से भी यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है।
दिखने वाले लक्षण
-जोड़ों में दर्द
-अंगुलियों में सूजन
-उठने-बैठने में परेशानी
-जोड़ों में गांठ की शिकायत
इन चीजों के सेवन से बचें
-अल्कोहल
-रेड मीट, सी फूड
-सोडा, आइसक्रीम, कैंडी, फास्ट फूड
इन्हें करें भोजन में शामिल
ताजे फल और सब्जियां, जैसे-जामुन, संतरा, शिमला मिर्च। आलू, चावल, साबुत अनाज वाली ब्रेड और पास्ता खा सकते हैं। जामुन यूरिक एसिड नियंत्रित करने में काफी फायदेमंद है। नींबू साइट्रिक एसिड से भरपूर फल है जो शरीर में अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालने में काफी मदद करता है। खूब सारा पानी पिएं।
डा. अजय सिंह
प्रोफेसर एवं निदेशक
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भोपाल एवं अस्थि रोग विशेषज्ञ
बातचीत : मोहम्मद बिलाल