Heart: अगर आप भी हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर को मानते हैं एक, तो जानें इनके बीच का अंतर
लोगों में दिल की बीमारियों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कुछ समय पहले कितनी ही मौतें हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की वजह से होती हैं। दिल से संबंधित तीन कंडिशन्स में लोग अक्सर कंफ्यूज रहते हैं। वे हैं- हार्ट अटैक हार्ट फेलियर और कार्डियक अरेस्ट। जानें क्या है दिल से जुड़ी इन तीनों कंडिशन्स में अंतर और इनके लक्षण।
By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Mon, 19 Feb 2024 01:06 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Heart: दिल की बीमारियों के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए, दिल की सेहत से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानकारी होना काफी आवश्यक है। आपने कई हार्ट कंडिशन्स के बारे में सुना होगा, जिसमें हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट सबसे आम हैं। वैसे तो, ये तीनों कंडिशन्स एक दूसरे से काफी अलग होती हैं, लेकिन कई बार, लोग इन्हें एक ही समझ लेते हैं क्योंकि ये तीनों ही समस्याएं दिल से जुड़ी होती हैं और जानलेवा हो सकती हैं। इसलिए आज हम आपको इन तीनों हार्ट कंडिशन्स के बीच का अंतर समझाने वाले हैं। आइए जानते हैं, कैसे हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और कार्डियक अरेस्ट एक-दूसरे से अलग होते हैं।
क्या है हार्ट अटैक?
हार्ट अटैक ऐसी कंडिशन है, जिसमें दिल तक खून नहीं पहुंच पाता है। शरीर के ब्लड सर्कुलेटरी सिस्टम के साथ किसी प्रकार की समस्या की वजह से दिल तक सही मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है, जिस कारण से हार्ट तक जरूरत जितना ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। इस वजह से, दिल की मांसपेशियां काम करना बंद करने लगती हैं। हार्ट अटैक को मायो कार्डियल इंफ्रेक्शन भी कहा जाता है।
हार्ट अटैक होने की सबसे आम वजह है, कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने की वजह से आर्टरीज का ब्लॉक होना या संकरा होना। इस कारण से, ब्लड ठीक से दिल तक नहीं पहुंच पाता है। ठीक से खून न पहुंच पाने की वजह से हार्ट मसल्स मरने लगती हैं। इस समस्या को कोरोनरी आर्टरी डिजीज कहा जाता है। इसके अलावा, कई बार आर्टरीज में अचानक से स्पैस्म आने लगता है, जिस कारण से भी दिल तक ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है।
हार्ट के लक्षणों में दिल में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ, हाथ, कंधे या जबड़ों में दर्द होना, मितली, चक्कर आना शामिल हैं।यह भी पढ़ें: मेनोपॉज के बाद बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, जानें क्या है इसका कारण और किन बातों का रखें ख्याल