गंदा टॉयलेट बना सकता है आपको बीमार, Public Toilet के इस्तेमाल से पहले रखें इन बातों का ध्यान
घर से बाहर या ऑफिस में अक्सर सार्वजनिक टॉयलेट (Public Toilet) का इस्तेमाल करना पड़ता है। ऐसे में टॉयलेट की स्वच्छता अगर खराब हो तो न सिर्फ बदबू का सामना करना पड़ता है बल्कि कई बीमारियों (Public Toilet Health Dangers) से भी जूझना पड़ सकता है। इसलिए हम यहां जानेंगे कि गंदे टॉयलेट का इस्तेमाल करने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं और कैसे इनसे बचाव कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पब्लिक टॉयलेट (Public Toilet) का इस्तेमाल करने से पहले हमें दस बार सोचना पड़ता है। गंदगी और बदबू के कारण उसका इस्तेमाल करना कम ही लोग पसंद करते हैं, लेकिन कई बार परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि उनका इस्तेमाल करना ही पड़ता है। ये समस्या और गंभीर तब हो जाती है, जब टॉयलेट सीट वेस्टर्न डिजाइन में हो। गंदगी का घर मानी जानी वाले पब्लिक टॉयलेट आपकी सेहत को भी काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में अगर आपको भी पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना पड़ता है, तो यहां जान लें कैसे गंदा टॉयलेट आपको बीमार ( Public Toilet Dangers ) बना सकता है और इनसे बचाव के लिए क्या उपाय (Toilet Hygiene Tips) किए जा सकते हैं।
गंदे टॉयलेट से होने वाली बीमारियां
गंदे टॉयलेट में हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी तेजी से पनपते हैं। इन माइक्रोब्स के संपर्क में आने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं-
- दस्त- गंदे टॉयलेट से फैलने वाली सबसे आम बीमारी है दस्त। दस्त से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कमजोरी महसूस होती है।
- यूटीआई- गंदे टॉयलेट के इस्तेमाल से यूटीआई होने का जोखिम काफी ज्यादा रहता है। वो भी खासकर महिलाओं में। इसकी वजह से बार-बार पेशाब आना, पेशाब में जलन, खुजली और दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- टाइफाइड- यह एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो दूषित भोजन या पानी के माध्यम से फैलता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द और दस्त शामिल हैं। गंदे टॉयलेट का इस्तेमाल करने से हाथों के जरिए ये बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
- हेपेटाइटिस ए- यह एक वायरल संक्रमण है जो दूषित पानी या मल के माध्यम से फैलता है। इसके लक्षणों में पीलिया, लिवर में सूजन, बुखार, थकान और उल्टी शामिल हैं। गंदे टॉयलेट की सतह पर ये वायरस कुछ समय तक जीवित रह सकता है, जहां से ये आपके शरीर में प्रवेश करता है।
- प्रोस्टेटाइटिस डिजीज- गंदे टॉयलेट के कारण पुरुषों में प्रोस्टेटाइटिस डिजीज की समस्या भी हो सकती है।
- त्वचा रोग- गंदे टॉयलेट में बैक्टीरिया के संपर्क में आने से त्वचा में संक्रमण हो सकता है, जैसे कि दाद और खुजली। साथ ही, हाथों के जरिए बैक्टीरिया चेहरे तक पहुंच सकते हैं, जिससे एक्ने की समस्या भी हो सकती है।
गंदे टॉयलेट से बचाव के उपाय
- हाइजीन का ध्यान रखें- टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद हाथों को हमेशा साबुन से धोएं। उंगलियों के बीच और नाखुन की सफाई करना न भूलें।
- साफ पानी का इस्तेमाल करें- टॉयलेट इस्तेमाल करते वक्त और उसके बाद हमेशा साफ पानी का इस्तेमाल करें।
- नियमित सफाई- टॉयलेट को नियमित रूप से साफ करना बहुत जरूरी है। टॉयलेट सीट, फ्लश, दीवारें और फर्श को अच्छी तरह साफ करें।
- डिसइन्फेक्टेंट का इस्तेमाल- सफाई के लिए डिसइन्फेक्टेंट का इस्तेमाल करें। यह बैक्टीरिया और वायरस को मारने में मदद करता है।
- टॉयलेट स्प्रे या कवर का इस्तेमाल करें- पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने के लिए टॉयलेट स्प्रे या टॉयलेट सीट कवर का इस्तेमाल करें।
- कूड़ेदान का इस्तेमाल- टॉयलेट पेपर या गंदा पैड आदि फेंकने के लिए कूड़ेदान का इस्तेमाल करें। खुले में कचरा न फेंके।
- कम जगहों को छुएं- टॉयलेट में सिर्फ उन्हीं चीजों को छुएं, जो जरूरी हो। कोशिश करें कि कम से कम चीजों को हाथ लगाएं।
- दस्तानों का इस्तेमाल- टॉयलेट इस्तेमाल करते समय डिसपोजेबल दस्तानों का इस्तेमाल करें। इससे आपके हाथों में गंदगी नहीं लगेगी।
- ढक्कन बंद करके फ्लश- टॉयलेट फ्लश करने से पहले ढक्कन बंद कर दें। इससे टॉयलेट के कीटाणु बाहर नहीं आएंगे।
- इंडियन स्टाइल टॉयलेट- सार्वजनिक टॉयलेट इस्तेमाल करते समय कोशिश करें कि इंडियन स्टाइल सीट हो। इसमें इन्फेक्शन का खतरा कम होता है।